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गया: 12 साल पुराने पईन की जांच के लिए पहुंची क्रियान्वयन समिति, सुखाड़ का लिया जायजा

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Published : Sep 7, 2019, 7:17 PM IST

किसानों का कहना है कि अगर सरकार चाहे तो दोबारा इस पईन का और नीचे लेवल तक खुदाई करवा सकती है. इससे ये शुरु हो सकता है. मुहाने नदी का पानी अगर इस पईन में आएगा, तो इससे हजारों हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी.

गया में किसान मुहाने पईन से है नाराज

गया: जिले के बोधगया के पूर्वी क्षेत्र में बने मुहाने पईन से अभी तक किसी भी किसान को फायदा नहीं पहुंचा है. इस कारण अब कंहोल और गाफा पंचायत में सुखाड़ की समस्या बढ़ने लगी है. इसको लेकर गांव के लोगों में आक्रोश है. वहीं जनप्रतिनिधियों ने पईन का जायजा भी लिया.

पईन की खुदाई से किसान परेशान
दरअसल, जिले के मोहनपुर प्रखंड के लेबड़ा गांव के पास 12 साल पहले मुहाने नदी से पईन की खुदाई की गई थी. इसका नाम मुहाने पईन रखा गया था. इस पईन से बोधगया प्रखंड के कंहोल और गाफा पंचायत की हजारों एकड़ जमीन को पानी मिलना था, लेकिन गलत तकनीक से की गई खुदाई के कारण, इस पईन से 1 इंच जमीन भी सिंचित नहीं हो सकी. इसमें सरकार की ओर से साढ़े 3 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे. अब इस योजना की जांच हो रही है. वहीं खुदाई में शामिल अभियंताओं के खिलाफ विभागीय जांच चल रही है.

Gaya
पूर्व मुखिया ने की खुदाई अभियंताओं के खिलाफ शिकायत

36 गांव झेल रहें हैं पईन ना होने से नुकसान
बताया जाता है कि बोधगया प्रखंड के लगभग 36 गांव इस पईन से सिंचित होते और फसलों का पटवन होता, लेकिन पईन में आने वाली नदी का पानी का वाटर लेवल काफी नीचे है. इस कारण नदी का पानी पईन में नहीं आ पाता है. जिस समय इसकी खुदाई की गई थी, इस क्षेत्र के किसान काफी खुश थे. लेकिन पईन अनुपयोगी साबित हो जाने के बाद किसानों में मायूसी छा गई.

क्रियान्वयन समिति ने मुहाने पईन की जांच की
किसानों को 12 वर्ष तक नहीं मिला मुहाने पईन का सुख

जांच के लिए पहुंची क्रियान्वयन समिति
लोगों का कहना है कि यदि हमें पानी नहीं मिला तो इसको लेकर आंदोलन भी करेंगे. इसी सिलसिले में सैकड़ों की संख्या में कई गांवों के किसानों ने पईन का जायजा लिया. इस जांच में जिला 20 सूत्री कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति के उपाध्यक्ष मुनेश्वर सिंह, गाफा पंचायत के पूर्व मुखिया सर्वेश्वर सिंह, कंहोल पंचायत पूर्व मुखिया शंकर यादव, गाफा के वर्तमान मुखिया कैलाश यादव, जितेंद्र रविदास, राम लखन यादव, राजबल्लभ सिंह सहित कई लोग शामिल रहे.

Gaya
क्रियान्वयन समिति ने मुहाने पईन की जांच की

पईन में 3 करोड़ से भी ज्यादा रुपये हुए खर्च
मुहाने पईन के उद्गम स्थल पर रहे कंहोल पंचायत के पूर्व मुखिया शंकर यादव ने बताया कि लघु सिंचाई विभाग के अभियंताओं की एक टीम इसका जायजा लेने आ रही है. निरीक्षण करने के उपरांत रिपोर्ट विभाग को सौंप दी जाएगी. उन्होंने बताया कि लगभग 12 वर्ष पहले लघु सिंचाई विभाग की ओर से इस पईन की खुदाई की गई. इस पर साढ़े 3 करोड़ रुपये खर्च किए गए. लेकिन पईन में 1 इंच भी पानी नहीं आ सका. सरकारी राशि को बड़े पैमाने पर बर्बाद किया गया. उन्होंने बताया कि इसके लिए संबंधित विभाग के अभियंता और ठेकेदार दोषी हैं. जिनके खिलाफ शिकायत भी की गई है.

सूख गये हैं सारे खेत
Gaya
सूख गये हैं सारे खेत

'सूख गए किसानों के खेत'
किसानों का कहना है कि अगर सरकार चाहे तो दोबारा इस पईन की और नीचे लेवल तक खुदाई की जा सकती है. इससे ये शुरु हो सकता है. मुहाने नदी का पानी अगर इस पईन में आएगा, तो इससे हजारों हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी. अभी गाफा और कंहोल पंचायत में पानी की विकट समस्या है. इस वर्ष भी बारिश काफी कम हुई है. इसकी वजह से खेत सूखे पड़े हैं, खेतों में दरारें आ गई हैं, ना तो धान की रोपनी हो पाई है और ना ही गेहूं के फसल की. ऐसी हालत में क्षेत्र के किसानों की स्थिति बद से बदतर हो गई है.

गया: जिले के बोधगया के पूर्वी क्षेत्र में बने मुहाने पईन से अभी तक किसी भी किसान को फायदा नहीं पहुंचा है. इस कारण अब कंहोल और गाफा पंचायत में सुखाड़ की समस्या बढ़ने लगी है. इसको लेकर गांव के लोगों में आक्रोश है. वहीं जनप्रतिनिधियों ने पईन का जायजा भी लिया.

पईन की खुदाई से किसान परेशान
दरअसल, जिले के मोहनपुर प्रखंड के लेबड़ा गांव के पास 12 साल पहले मुहाने नदी से पईन की खुदाई की गई थी. इसका नाम मुहाने पईन रखा गया था. इस पईन से बोधगया प्रखंड के कंहोल और गाफा पंचायत की हजारों एकड़ जमीन को पानी मिलना था, लेकिन गलत तकनीक से की गई खुदाई के कारण, इस पईन से 1 इंच जमीन भी सिंचित नहीं हो सकी. इसमें सरकार की ओर से साढ़े 3 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे. अब इस योजना की जांच हो रही है. वहीं खुदाई में शामिल अभियंताओं के खिलाफ विभागीय जांच चल रही है.

Gaya
पूर्व मुखिया ने की खुदाई अभियंताओं के खिलाफ शिकायत

36 गांव झेल रहें हैं पईन ना होने से नुकसान
बताया जाता है कि बोधगया प्रखंड के लगभग 36 गांव इस पईन से सिंचित होते और फसलों का पटवन होता, लेकिन पईन में आने वाली नदी का पानी का वाटर लेवल काफी नीचे है. इस कारण नदी का पानी पईन में नहीं आ पाता है. जिस समय इसकी खुदाई की गई थी, इस क्षेत्र के किसान काफी खुश थे. लेकिन पईन अनुपयोगी साबित हो जाने के बाद किसानों में मायूसी छा गई.

क्रियान्वयन समिति ने मुहाने पईन की जांच की
किसानों को 12 वर्ष तक नहीं मिला मुहाने पईन का सुख

जांच के लिए पहुंची क्रियान्वयन समिति
लोगों का कहना है कि यदि हमें पानी नहीं मिला तो इसको लेकर आंदोलन भी करेंगे. इसी सिलसिले में सैकड़ों की संख्या में कई गांवों के किसानों ने पईन का जायजा लिया. इस जांच में जिला 20 सूत्री कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति के उपाध्यक्ष मुनेश्वर सिंह, गाफा पंचायत के पूर्व मुखिया सर्वेश्वर सिंह, कंहोल पंचायत पूर्व मुखिया शंकर यादव, गाफा के वर्तमान मुखिया कैलाश यादव, जितेंद्र रविदास, राम लखन यादव, राजबल्लभ सिंह सहित कई लोग शामिल रहे.

Gaya
क्रियान्वयन समिति ने मुहाने पईन की जांच की

पईन में 3 करोड़ से भी ज्यादा रुपये हुए खर्च
मुहाने पईन के उद्गम स्थल पर रहे कंहोल पंचायत के पूर्व मुखिया शंकर यादव ने बताया कि लघु सिंचाई विभाग के अभियंताओं की एक टीम इसका जायजा लेने आ रही है. निरीक्षण करने के उपरांत रिपोर्ट विभाग को सौंप दी जाएगी. उन्होंने बताया कि लगभग 12 वर्ष पहले लघु सिंचाई विभाग की ओर से इस पईन की खुदाई की गई. इस पर साढ़े 3 करोड़ रुपये खर्च किए गए. लेकिन पईन में 1 इंच भी पानी नहीं आ सका. सरकारी राशि को बड़े पैमाने पर बर्बाद किया गया. उन्होंने बताया कि इसके लिए संबंधित विभाग के अभियंता और ठेकेदार दोषी हैं. जिनके खिलाफ शिकायत भी की गई है.

सूख गये हैं सारे खेत
Gaya
सूख गये हैं सारे खेत

'सूख गए किसानों के खेत'
किसानों का कहना है कि अगर सरकार चाहे तो दोबारा इस पईन की और नीचे लेवल तक खुदाई की जा सकती है. इससे ये शुरु हो सकता है. मुहाने नदी का पानी अगर इस पईन में आएगा, तो इससे हजारों हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी. अभी गाफा और कंहोल पंचायत में पानी की विकट समस्या है. इस वर्ष भी बारिश काफी कम हुई है. इसकी वजह से खेत सूखे पड़े हैं, खेतों में दरारें आ गई हैं, ना तो धान की रोपनी हो पाई है और ना ही गेहूं के फसल की. ऐसी हालत में क्षेत्र के किसानों की स्थिति बद से बदतर हो गई है.

Intro:मुहाने पईन के जीर्णोद्धार को लेकर बोधगया के पूर्वी क्षेत्र में आंदोलन की सुगबुगाहट,
साढ़े 3 करोड़ की लागत से बनी मुहाने पईन से 1 इंच भी जमीन नहीं हुई सिंचित,
बोधगया के कंहोल और गाफा पंचायत में सुखाड़ की समस्या हुई गंभीर,
जनप्रतिनिधियों ने लिया पईन का जायजा।


Body:गया: जिले के मोहनपुर प्रखंड के लेबड़ा गांव के समीप 12 वर्ष पहले मुहाने नदी से पईन की खुदाई की गई थी। इसका नाम मुहाने पईन रखा गया था। इस पईन से बोधगया प्रखंड के कंहोल और गाफा पंचायत के हजारों एकड़ जमीन को पानी मिलना था। परंतु गलत तकनीक से की गई खुदाई के कारण, इस पईन से 1 इंच जमीन भी सिंचित नहीं हो सकी। इसमें सरकार द्वारा साढ़े 3 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे। अब इस योजना की जांच हो रही है। खुदाई में शामिल अभियंताओं के खिलाफ विभागीय जांच चल रही है।
बोधगया प्रखंड के कंहोल और गाफा पंचायत के लगभग 36 गांव इस पईन से सिंचित होते और फसलों का पटवन होता। लेकिन पईन में आने वाली नदी का पानी का वाटर लेवल काफी नीचे है। जिस कारण नदी का पानी पईन में नहीं आ पाता है। जिस समय इसकी खुदाई की गई थी। क्षेत्र के किसान काफी खुश थे। लेकिन पईन अनुपयोगी साबित हो जाने के बाद किसानों में मायूसी छा गई।
अब इस इलाके के लोगों के बीच आंदोलन की सुगबुगाहट देखी जा रही है। इसी सिलसिले में सैकड़ों की संख्या में कई गांवों के किसानों ने पईन का जायजा लिया।
जिसमे जिला 20 सूत्री कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति के उपाध्यक्ष मुनेश्वर सिंह, गाफा पंचायत के पूर्व मुखिया सर्वेश्वर सिंह, कंहोल पंचायत पूर्व मुखिया शंकर यादव, गाफा के वर्तमान मुखिया कैलाश यादव, जितेंद्र रविदास, राम लखन यादव, राजबल्लभ सिंह सहित कई लोग शामिल थे।
मुहाने पईन के उद्गम स्थल पर रहे कंहोल पंचायत के पूर्व मुखिया शंकर यादव ने बताया कि लघु सिंचाई विभाग के अभियंताओं की एक टीम इसका जायजा लेने आ रही है। निरीक्षण करने के उपरांत रिपोर्ट विभाग को सौंपी जाएगी। उन्होंने बताया कि लगभग 12 वर्ष पूर्व लघु सिंचाई विभाग के द्वारा इस पईन की खुदाई की गई थी। जिस पर साढ़े 3 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे। लेकिन पईन में 1 इंच भी पानी नहीं आ सका। सरकारी राशि का व्यापक पैमाने पर बंदरबांट किया गया। उन्होंने बताया कि इसके लिए संबंधित विभाग के अभियंता और ठेकेदार दोषी हैं। जिनके खिलाफ शिकायत भी की गई है।
वहीं किसानों का कहना है कि अगर सरकार चाहे तो दुबारा इस पईन की उड़ाही कर और नीचे लेवल तक खुदाई कर, इसे चालू कर सकती है। मुहाने नदी का पानी अगर इस पईन में आएगा तो हजारों हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी। अभी गाफ़ा और कंहोल पंचायत में पानी की विकट समस्या है। इस वर्ष भी बारिश काफी कम हुई है। जिसकी वजह से खेत सूखे पड़े हैं। खेतों में दरार आ गई है। ना तो धान की रोपनी हो पाई है और ना ही गेहूं की फसल की। ऐसी हालत में क्षेत्र के किसानों की स्थिति बद से बदतर हो चली है।

बाइट- शंकर यादव, पूर्व मुखिया, कंहोल पंचायत ।
बाइट- सर्वेश्वर सिंह, पूर्व मुखिया, गाफ़ा पंचायत ।

रिपोर्ट- प्रदीप कुमार सिंह
गया


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