गया: बिहार के गया के डुमरिया प्रखंड कार्यालय में पिछले कई दिनों (Farmer hunger strike ends in Gaya) से चल रहा आमरण अनशन शुक्रवार को समाप्त हो गया. शेरघाटी एसडीओ अनिल कुमार नेतृत्व में सभी अनशनकारियों का अनशन खत्म करवाया गया. एसडीओ ने सभी पांचों मांगों को पूरा कर लेने का आश्वासन लिखित रूप में दिया है. किसानों ने प्रशासन को चेतावनी दी कि अगर हमारी मांगे पूरी नहीं हुई तो हम लोग दोबारा आमरण अनशन पर बैठेंगे.
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मांग पूरी नहीं हुई तो फिर होगा आमरण अनशन : जिले के डुमरिया प्रखंड के कई पंचायतों को प्रशासन द्वारा सुखाड़ घोषित नहीं करने को लेकर सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं. जिनमें पुरुष सहित महिलाएं भी शामिल हैं. किसान श्रीराम वर्मा ने कहा कि सरकार के द्वारा डुमरिया प्रखंड को सूखा घोषित किया गया था. लेकिन जब रिपोर्ट आई तो उसमें कुछ ही पंचायतों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया है. इसी मांग को लेकर हम लोग आमरण अनशन पर बैठे हैं. शेरघाटी अनुमंडल के एसडीओ ने हमें आश्वासन दिया है कि मांगों को पूरा किया जाएगा और प्रशासन के स्तर से सूखाग्रस्त होने पर जो मुआवजा भी मिलेगा. जिसके बाद हमलोग आमरण अनशन समाप्त कर रहे हैं. अगर हमारी मांगे पूरी नहीं हुई तो हम लोग दोबारा आमरण अनशन पर बैठेंगे.
विधवा पेंशन में नाम जुड़वाने का भी दिया आदेश : शेरघाटी अनुमंडल के एसडीओ ने आश्वासन दिया है ग्रामीणों के राशन कार्ड बनाने का कार्य अनवरत जारी रहा है. संबंधित विभाग में जाकर राशनकार्ड बनवा सकते हैं. इसके अलावा ग्रामीणों की मांग है कि कई महिलाओं का विधवा पेंशन में नाम छूट गया है. फॉर्म भरकर विधवा पेंशन में नाम जुड़वाने का भी आदेश दिया है.
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"सरकार के द्वारा डुमरिया प्रखंड को सूखा घोषित किया गया था. लेकिन जब रिपोर्ट आई तो उसमें कुछ ही पंचायतों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया है. इस कारण जो किसान सूखे की मार झेल रहे हैं. शेरघाटी अनुमंडल के एसडीओ ने हमें आश्वासन दिया है कि हमारी मांगों को पूरा किया जाएगा. जिसके बाद हमलोग आमरण अनशन समाप्त कर रहे हैं."- श्रीराम वर्मा, किसान
"मांगों को लेकर डुमरिया प्रखंड कार्यालय में ग्रामीण आमरण अनशन पर बैठे हैं. उनकी पहली मांग कई गांवों को सूखाग्रस्त करने की है. सरकार के स्तर से कृषि विभाग के द्वारा कई पंचायतों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया था, लेकिन ग्रामीणों की मांग है कि इसमें कई गांव छूट गए हैं. जिसे हमने ग्रामीणों को आश्वासन दिया है कि दोबारा सर्वे कराया जाएगा और जहां रोपनी नहीं हुई है, उस गांव को सूखाग्रस्त में शामिल किया जाएगा." अनिल कुमार रमन, शेरघाटी, एसडीओ