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गया में अब तक चमकी बुखार से 8 बच्चों की मौत, 18 का इलाज जारी

मुजफ्फरपुर और आसपास के जिलों में कहर बरपाने के बाद चमकी बुखार अब गया में असर दिखा रहा है. इसकी चपेट में आने से अब तक 8 बच्चों की मौत हो चुकी है.

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Published : Jul 12, 2019, 10:06 AM IST

Updated : Jul 12, 2019, 12:47 PM IST

गया में चमकी बुखार से 8 बच्चों की मौत

गया: बिहार में चमकी बुखार से सैकड़ों बच्चों की जीवन लीला समाप्त हो गयी है. गया में भी चमकी बुखार का असर दिखने लगा है. 2 जुलाई से अब तक जेई के संदिग्ध 33 मरीज भर्ती हुए, इलाज के दौरान आठ बच्चों का मौत हो चुकी है. जांच रिपोर्ट में एक मरीज में जेई पॉजिटिव पाया गया है. अस्पताल प्रशासन कमी सुधारने के बजाय मीडिया पर बंदिश लगा रहा है.

DM ने अस्पताल का किया निरीक्षण
जेई/एईएस के संदिग्ध मरीजों के लिए मगध क्षेत्र के सबसे बड़ा अस्पताल अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 60 बेड सुरक्षित रखा गया है. 18 मरीज एएनएमएमसीएच में इलाजरत हैं. मरीजों की सुविधा और बेहतर इलाज को लेकर जिला प्रशासन की पैनी नजर है. मगध प्रमण्डल आयुक्त और जिलाधिकारी ने अस्पताल का निरीक्षण भी किया.

गया में चमकी बुखार से 8 बच्चों की मौत

ब्लड सैंपल जांच के लिए भेजे गए
ब्लड सैंपल को लेकर पहले ही अस्पताल प्रशासन ने पटना के आरएमआरआई भेजने में देर कर दी थी. सोमवार को आधे दर्जन से अधिक बच्चों के ब्लड सैंपल जांच के लिए भेजे गए. उसकी रिपोर्ट आयी या कब तक आएगी ये अधीक्षक को भी नहीं पता है. जांच रिपोर्ट आने का इंतजार बेसब्री से हो रहा है. जेई/एईएस मानकर ही इलाज किया जा रहा है.

मीडिया पर बंदिश
अस्पताल प्रशासन ने अपने कर्मियों को सुधारने के बजाए मीडिया पर बंदिश लगा दिया है. अस्पताल अधीक्षक ने मीडियाकर्मियों से मिलने का वक्त शाम तीन से चार बजे रखा है. वहीं अस्पताल प्रशासन ने अस्पताल के कर्मियों को हिदायत दी है कि मीडिया को कुछ भी नहीं बताए.

गया: बिहार में चमकी बुखार से सैकड़ों बच्चों की जीवन लीला समाप्त हो गयी है. गया में भी चमकी बुखार का असर दिखने लगा है. 2 जुलाई से अब तक जेई के संदिग्ध 33 मरीज भर्ती हुए, इलाज के दौरान आठ बच्चों का मौत हो चुकी है. जांच रिपोर्ट में एक मरीज में जेई पॉजिटिव पाया गया है. अस्पताल प्रशासन कमी सुधारने के बजाय मीडिया पर बंदिश लगा रहा है.

DM ने अस्पताल का किया निरीक्षण
जेई/एईएस के संदिग्ध मरीजों के लिए मगध क्षेत्र के सबसे बड़ा अस्पताल अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 60 बेड सुरक्षित रखा गया है. 18 मरीज एएनएमएमसीएच में इलाजरत हैं. मरीजों की सुविधा और बेहतर इलाज को लेकर जिला प्रशासन की पैनी नजर है. मगध प्रमण्डल आयुक्त और जिलाधिकारी ने अस्पताल का निरीक्षण भी किया.

गया में चमकी बुखार से 8 बच्चों की मौत

ब्लड सैंपल जांच के लिए भेजे गए
ब्लड सैंपल को लेकर पहले ही अस्पताल प्रशासन ने पटना के आरएमआरआई भेजने में देर कर दी थी. सोमवार को आधे दर्जन से अधिक बच्चों के ब्लड सैंपल जांच के लिए भेजे गए. उसकी रिपोर्ट आयी या कब तक आएगी ये अधीक्षक को भी नहीं पता है. जांच रिपोर्ट आने का इंतजार बेसब्री से हो रहा है. जेई/एईएस मानकर ही इलाज किया जा रहा है.

मीडिया पर बंदिश
अस्पताल प्रशासन ने अपने कर्मियों को सुधारने के बजाए मीडिया पर बंदिश लगा दिया है. अस्पताल अधीक्षक ने मीडियाकर्मियों से मिलने का वक्त शाम तीन से चार बजे रखा है. वहीं अस्पताल प्रशासन ने अस्पताल के कर्मियों को हिदायत दी है कि मीडिया को कुछ भी नहीं बताए.

Intro:बिहार में बुखार से सैकड़ों बच्चों का जीवन लीला समाप्त हो गया, गया में भी चमकी बुखार का असर दिखने लगा है। 2 जुलाई से अबतक जेई के संदिग्ध 33 मरीज भर्ती हुए, इलाज के दौरान आठ बच्चों का मौत हो चुकी हैं। जांच रिपोर्ट में एक मरीज में जेई पॉजिटिव पाया गया है। अस्पताल प्रशासन कमी सुधारने के बजाय मीडिया पर बंदिश लगा रहा है।


Body:जेई/एईएस के संदिग्ध मरीजो के लिए मगध क्षेत्र के सबसे बड़ा अस्पताल अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 60 बेड सुरक्षित रखा गया है। अब तक इलाज के दौरान आठ बच्चों का मौत हो चुका है। 18 मरीज ANMMCH में इलाजरत हैं। मरीजो के सुविधा और बेहतर इलाज को लेकर जिला प्रशासन पैनी नजर बनाए रखे हैं। कल मगध प्रमण्डल आयुक्त और जिलाधिकारी ने अस्पताल का निरीक्षण किया।

ब्लड संपेल को लेकर पहले ही अस्पताल प्रशासन ने पटना के आरएमआरआई भेजने में देर कर दिया था। सोमवार को आधे दर्जन से अधिक बच्चों को ब्लड संपेल जांच के लिए भेजा गया था। उसका रिपोर्ट आया या कब तक आएगा ये अधीक्षक को भी नही पता है। जांच रिपोर्ट आने का इंतजार बेसब्री से हो रहा है। इलाज जेई/एईएस मानकर किया जा रहा है।

अस्पताल प्रशासन अपने कमियों को सुधारने के बजाए मीडिया पर बंदिश लगा दिया है। अस्पताल के अधीक्षक मीडियाकर्मियों से मिलने का वक़्त शाम तीन से चार बजे रखे हैं। वही अस्पताल प्रशासन ने अस्पताल के कर्मियों को हिदायत दिया है मीडिया को कुछ नही बताए। अस्पताल में unoffical आदेश पर मीडिया को अस्पताल कई स्थानों पर जाने का पाबंदी लगा दिया गया हैं।


Conclusion:
Last Updated : Jul 12, 2019, 12:47 PM IST
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