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गया: चमकी बुखार को लेकर DM ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की बैठक, दिए कई निर्देश

डीएम अभिषेक सिंह ने कहा कि चमकी बुखार को लेकर सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल अस्पताल में दवा उपलब्ध है. कहीं भी दवा की कमी नहीं है.

बैठक करते डीएम
बैठक करते डीएम
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Published : Apr 25, 2020, 1:40 PM IST

गया: जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी और स्थानीय प्रतिनिधि के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक की. इस दौरान उन्होंने कोविड-19, एईएस की रोकथाम, बचाव कार्य, खाद्यान्न का उठाव वितरण, राशन कार्ड निर्गमन आदि पर चर्चा की.

डीएम ने कहा कि आगामी मौसम में छोटे बच्चों में होने वाली बीमारी एईएस/जेई को लेकर सभी प्रखंड सतर्क रहें. जिलाधिकारी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में उपस्थित सभी एमओआईसी को कहा कि चमकी बुखार पूर्ण रूप से बच्चों वाला रोग है. इसलिए इसमें सतर्कता अनिवार्य है. उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष बेलागंज, इमामगंज और वजीरगंज वाले क्षेत्र से ज्यादा मामले आए थे. इस वर्ष सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को अपने-अपने क्षेत्र में अभी से ही प्रचार प्रसार कराने का निर्देश दिया.

चमकी बुखार को लेकर अलर्ट
डीएम कहा कि सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अपने-अपने अस्पताल में चमकी बुखार वाले मरीजों के लिए बेड सुरक्षित रखें. वहां के डॉक्टर और नर्स को प्रशिक्षण दें. पिछले साल भी पटना के अस्पताल में प्रत्येक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के एक एमबीबीएस डॉक्टर, एक आयुष डॉक्टर और 2-2 नर्स को ट्रेनिंग दिया गया था. सभी प्रखंड के आशा को दायित्व दें कि वो घर घर जाकर के जांच करें और पता करें कि किसी बच्चे को इस तरह का बुखार है. अगर किसी बच्चे में इस तरह का लक्षण मिलता है, तो उसे तुरंत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज कराएं. सभी आशा अपने साथ ओआरएस का पैकेट और पारासिटामोल टेबलेट रखें और चमकी बुखार के लक्षण वाले बच्चों को लगातार ओआरएस का घोल पिलाते रहें.

बैठक करते डीएम
बैठक करते डीएम

'सभी जगहों को साफ सुथरा रखें'
डीएम अभिषेक सिंह ने कहा कि चमकी बुखार को लेतक सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल अस्पताल में दवा उपलब्ध है. कहीं भी दवा की कमी नहीं है. उन्होंने कहा कि सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चमकी बुखार वाले बच्चों को प्राथमिक उपचार करने के बाद ही ऑक्सीजन युक्त एंबुलेंस से मरीज को मगध मेडिकल अस्पताल में रेफर करेंगे. उन्होंने कहा कि चमकी बुखार के प्रारंभिक 2 घंटा ही गोल्डन आवर रहता है, जिसमें उसका प्राथमिक उपचार हो सके. अगर 2 घंटे के अंदर बच्चे का प्राथमिक उपचार कर दिया जाएगा, तो बच्चे काफी जल्दी स्वस्थ हो जाते हैं. उन्होंने कहा कि सभी जनप्रतिनिधि अपने अपने क्षेत्र में नागरिकों को शौचालय का प्रयोग करने के लिए कहे. खुला हुआ जगह में कोई व्यक्ति शौच न करें. सुअर और गंदगी वाले जगहों से दूरी बनाए रखें. जिस जगह पर रहते हैं, उस जगह को साफ सुथरा रखें. वैसे सभी जगहों को चिन्हित कर लगातार ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव करते रहें.

'डरने की जरूरत नहीं, सचेत रहने की जरूरत है'
कोरोना वायरस की समीक्षा के दौरान डीएम ने कहा कि अन्य प्रदेशों से बिहार के विभिन्न जिलों में प्रवासी मजदूर के आने से कोरोना वायरस के मामले बढ़ रहे हैं. इसलिए सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी पिछले 15 दिनों में जितने प्रवासी मजदूर आए हैं, उनको क्वारंटाइन सेंटर में रखा जाए. यदि प्रखंड स्तर पर के क्वारंटाइन सेंटर भर गया हो तो पंचायत स्तर पर क्वारंटाइन की सुविधा उपलब्ध कराएं. उन्होंने कहा कि गया जिले में अब तक मैक्सिमम केस में कोरोना के लक्षण नहीं पाए गए है. उन्हें 14 दिनों तक आइसोलेट करने पर लगभग वो कोरोना से रिकवर हो जा रहे हैं. इसलिए किसी भी व्यक्ति को कोरोना से डरने की जरूरत नहीं बल्कि सचेत रहने की जरूरत है.

गया: जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी और स्थानीय प्रतिनिधि के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक की. इस दौरान उन्होंने कोविड-19, एईएस की रोकथाम, बचाव कार्य, खाद्यान्न का उठाव वितरण, राशन कार्ड निर्गमन आदि पर चर्चा की.

डीएम ने कहा कि आगामी मौसम में छोटे बच्चों में होने वाली बीमारी एईएस/जेई को लेकर सभी प्रखंड सतर्क रहें. जिलाधिकारी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में उपस्थित सभी एमओआईसी को कहा कि चमकी बुखार पूर्ण रूप से बच्चों वाला रोग है. इसलिए इसमें सतर्कता अनिवार्य है. उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष बेलागंज, इमामगंज और वजीरगंज वाले क्षेत्र से ज्यादा मामले आए थे. इस वर्ष सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को अपने-अपने क्षेत्र में अभी से ही प्रचार प्रसार कराने का निर्देश दिया.

चमकी बुखार को लेकर अलर्ट
डीएम कहा कि सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अपने-अपने अस्पताल में चमकी बुखार वाले मरीजों के लिए बेड सुरक्षित रखें. वहां के डॉक्टर और नर्स को प्रशिक्षण दें. पिछले साल भी पटना के अस्पताल में प्रत्येक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के एक एमबीबीएस डॉक्टर, एक आयुष डॉक्टर और 2-2 नर्स को ट्रेनिंग दिया गया था. सभी प्रखंड के आशा को दायित्व दें कि वो घर घर जाकर के जांच करें और पता करें कि किसी बच्चे को इस तरह का बुखार है. अगर किसी बच्चे में इस तरह का लक्षण मिलता है, तो उसे तुरंत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज कराएं. सभी आशा अपने साथ ओआरएस का पैकेट और पारासिटामोल टेबलेट रखें और चमकी बुखार के लक्षण वाले बच्चों को लगातार ओआरएस का घोल पिलाते रहें.

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'सभी जगहों को साफ सुथरा रखें'
डीएम अभिषेक सिंह ने कहा कि चमकी बुखार को लेतक सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल अस्पताल में दवा उपलब्ध है. कहीं भी दवा की कमी नहीं है. उन्होंने कहा कि सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चमकी बुखार वाले बच्चों को प्राथमिक उपचार करने के बाद ही ऑक्सीजन युक्त एंबुलेंस से मरीज को मगध मेडिकल अस्पताल में रेफर करेंगे. उन्होंने कहा कि चमकी बुखार के प्रारंभिक 2 घंटा ही गोल्डन आवर रहता है, जिसमें उसका प्राथमिक उपचार हो सके. अगर 2 घंटे के अंदर बच्चे का प्राथमिक उपचार कर दिया जाएगा, तो बच्चे काफी जल्दी स्वस्थ हो जाते हैं. उन्होंने कहा कि सभी जनप्रतिनिधि अपने अपने क्षेत्र में नागरिकों को शौचालय का प्रयोग करने के लिए कहे. खुला हुआ जगह में कोई व्यक्ति शौच न करें. सुअर और गंदगी वाले जगहों से दूरी बनाए रखें. जिस जगह पर रहते हैं, उस जगह को साफ सुथरा रखें. वैसे सभी जगहों को चिन्हित कर लगातार ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव करते रहें.

'डरने की जरूरत नहीं, सचेत रहने की जरूरत है'
कोरोना वायरस की समीक्षा के दौरान डीएम ने कहा कि अन्य प्रदेशों से बिहार के विभिन्न जिलों में प्रवासी मजदूर के आने से कोरोना वायरस के मामले बढ़ रहे हैं. इसलिए सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी पिछले 15 दिनों में जितने प्रवासी मजदूर आए हैं, उनको क्वारंटाइन सेंटर में रखा जाए. यदि प्रखंड स्तर पर के क्वारंटाइन सेंटर भर गया हो तो पंचायत स्तर पर क्वारंटाइन की सुविधा उपलब्ध कराएं. उन्होंने कहा कि गया जिले में अब तक मैक्सिमम केस में कोरोना के लक्षण नहीं पाए गए है. उन्हें 14 दिनों तक आइसोलेट करने पर लगभग वो कोरोना से रिकवर हो जा रहे हैं. इसलिए किसी भी व्यक्ति को कोरोना से डरने की जरूरत नहीं बल्कि सचेत रहने की जरूरत है.

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