गयाः बिहार के गया में कभी नक्सल प्रभावित रहे फतेहपुर प्रखंड के फतेहपुर बाजार की रहने वाली स्वाति सेठ बीपीएससी की परीक्षा में सफल हुई है और सहायक निदेशक सह जिला जनसंपर्क पदाधिकारी बनी हैं. शहर में पली-बढ़ी लड़की को बहू बनने के बाद गांव की माटी ने सफलता की राह दिखाई और बना दिया अफसर बहूरानी. समाज के लिए कुछ कर गुजरने की चाहत रखने वाली स्वाति कहती हैं कि वो अपने ससुराल की दूसरी बहू-बेटियों को भी आगे बढ़ाएंगी.
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ऑनलाइन पढ़ाई कर हासिल की सफलताः दरअसल कोरोना काल के दौरान स्वाति जब अपने ससुराल फतेहपुर में रह रही थी, तो उसी समय 2021 में बीपीएससी के थ्रू फॉर्म भरने का मौका मिला. फार्म भरने के बाद वो गांव में ही ऑनलाइन पढ़ाई में जुट गई और फिर सफलता का मोकाम हासिल कर लिया. वर्ष 2023 में आए फाइनल रिजल्ट में बीपीएससी की परीक्षा में वह सफल रही और सहायक निदेशक सह जिला जनसंपर्क पदाधिकारी बनी.
कई बाधाओं को पीछे छोड़ती चली गईं: स्वाति सेठ मूल रूप से गया के नई गोदाम की रहने वाली है. वर्ष 2013 में स्वाति की शादी फतेहपुर में सौरभ कुमार के साथ हुई थी. पति सौरभ कुमार की मुंबई में जॉब थी. मुंबई में पति के जाॅब को लेकर वह कभी वहां तो कभी अपने ससुराल फतेहपुर आती-जाती रहती थी. इस बीच उन्हें एक पुत्र भी हुआ. उम्र भी बढ़ रही थी, कई तरह की बाधाओं, छोटे बच्चे की परवरिश और उन सब के बीच बीच कुछ कर गुजरने की तमन्ना स्वाति की कम नहीं हुई थी.
चुनौतीपूर्ण कैरियर अपनाना चाहती थी: स्वाति सेठ ने प्रतिष्ठित एवं चुनौतीपूर्ण लोक सेवा में अपना करियर बनाना चाहा और बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा देने की ठान ली, ताकि इसके जरिए उन्हें अपने समाज के लिए कुछ करने का मौका मिले. इसी सोच के साथ उन्होंने बीपीएससी की परीक्षा दी और उसमें कामयाबी भी हासिल की. इस सफलता के पीछे उनके पति का मोटिवेशन, माता-पिता और सास-ससुर का साथ भी सराहनीय रहा. यही वजह है कि इस सफलता का श्रेय वो अपने परिवार वालों को देती हैं.
"उम्र कोई पड़ाव या बाधा नहीं होती. पेरेंट्स को चाहिए कि वह लड़कियों को पढ़ने के लिए मौका दें. एज कोई फैक्टर नहीं होता है. लड़कियों का कोई भी सपना हो तो उसे पेरेंट्स पूरा करने का मौका जरूर दें, जिस तरह मेरे सपने थे वह मैंने पूरे किए, उसी तरह से हर लड़कियों को अपने सपनों को पूरा करने का मौका मिलना चाहिए. शादी को कैरियर का ढलान नहीं समझना चाहिए"- स्वाति सेठ, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी
सफलता में परिवार का रहा साथ: स्वाति बताती हैं कि हर किसी का जीवन संघर्ष के बीच गुजरता है. मेरा भी जीवन संघर्ष के बीच गुजरा. 2011 में मास कम्युनिकेशन की मास्टर डिग्री लेने के बाद 2013 में शादी हो गई. 2013 में शादी होने के बावजूद वह फ्री लांसर का काम करती रही. इस बीच उन्हें अपने माता-पिता सुनील कुमार और संगीता देवी के बाद उनके पति सौरभ कुमार हमेशा मोटिवेट करते रहे. सास पुष्पा देवी और ससुर जागेश्वर प्रसाद का भी साथ मिला और फिर उन्होंने सफलता के मोकाम को चूमा. इसके लिए वह अपने परिवार का धन्यवाद करती हैं.
बीपीएससी में सफल होकर दिया बड़ा मैसेज: स्वाति सेठ ने मैट्रिक की परीक्षा 2002 में पास की. 2004 में 12 वीं की परीक्षा पास की. 2008 में ग्रेजुएशन किया. इसके बाद मास कम्युनिकेशन की डिग्री में मास्टर कोर्स किया. 2011 में मास कम्युनिकेशन की मास्टर डिग्री हासिल की. इसके बाद वर्ष 2013 में शादी फतेहपुर गांव में सौरव कुमार के साथ हुई. जिम्मेदारियों के बोझ से दबी स्वाति सेठ ने 36-37 की उम्र में बीपीएससी में सफल होकर एक बड़ा मैसेज दिया है.