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गयाः दलाई लामा का प्रवचन सुनने पहुंचे 47 देशों से 35 हजार बौद्ध श्रद्धालु - बोधगया का कालचक्र मैदान

दलाई लामा ने बताया कि भगवान बुद्ध ने कहा है कि धन से सुख नहीं मिलता है. बुद्धचित्त का पाठ करने से लाभ मिलेगा. उन्होंने कहा कि बोधिचित्त को प्राप्त करने के लिए चित्त में उत्साह रहना जरूरी है. क्षमा से बढ़कर कोई पुण्य नहीं है.

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Published : Jan 3, 2020, 11:54 AM IST

गयाः बोधगया के कालचक्र मैदान में तिब्बती बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा का प्रवचन चल रहा है. गुरुवार अहले सुबह प्रवचन शुरू होते ही बारिश शुरू हो गई, फिर भी श्रद्धालु पंडाल में डटे रहे. अपने प्रवचन में दलाई लामा ने कहा कि भौतिक विकास से शारीरिक सुख मिल सकता है, लेकिन मानसिक नहीं. सुख-समृद्धि के लिए मन को वश में रखना होगा.

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दलाई लामा का प्रवचन सुनते बौद्ध श्रद्धालु

करुणा और प्रेम है मूल स्वभाव
दलाई लामा ने कहा कि धार्मिक बनने के लिए मन को शुद्ध करने की अति आवश्यकता है. मन तभी शुद्ध होगा, जब हम अपने अंदर के गलत विचारों को पूरी तरह नष्ट कर देंगे. इससे हम बोधित्व को भी प्राप्त कर सकते हैं. मनुष्य का मूल स्वभाव करुणा, प्रेम और मैत्री है. इसमें द्वेष और दुर्भावना की कोई जगह नहीं है.

गया में दलाई लामा का प्रवचन

ये भी पढ़ेंः पटना: प्रकाश पर्व को लेकर निःशुल्क बस सेवा शुरू, कराएगा धार्मिक स्थलों की सैर

हृदय में हो क्षमा का गुण- दलाई लामा
दलाई लामा ने बताया कि भगवान बुद्ध ने कहा है कि धन से सुख नहीं मिलता है. बुद्धचित्त का पाठ करने से लाभ मिलेगा. उन्होंने कहा कि बोधिचित्त को प्राप्त करने के लिए चित्त में उत्साह रहना जरूरी है. क्षमा से बढ़कर कोई पुण्य नहीं है. हृदय में क्षमा का गुण होना चाहिए. बताया जा रहा है कि दलाई लामा का ये प्रवचन सुनने के लिए लगभग 47 देशों से 35 हजार बौद्ध श्रद्धालु यहां पहुंचे हैं. गुरुवार को शुरू हुआ ये प्रवचन 6 जनवरी तक चलेगा.

गयाः बोधगया के कालचक्र मैदान में तिब्बती बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा का प्रवचन चल रहा है. गुरुवार अहले सुबह प्रवचन शुरू होते ही बारिश शुरू हो गई, फिर भी श्रद्धालु पंडाल में डटे रहे. अपने प्रवचन में दलाई लामा ने कहा कि भौतिक विकास से शारीरिक सुख मिल सकता है, लेकिन मानसिक नहीं. सुख-समृद्धि के लिए मन को वश में रखना होगा.

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दलाई लामा का प्रवचन सुनते बौद्ध श्रद्धालु

करुणा और प्रेम है मूल स्वभाव
दलाई लामा ने कहा कि धार्मिक बनने के लिए मन को शुद्ध करने की अति आवश्यकता है. मन तभी शुद्ध होगा, जब हम अपने अंदर के गलत विचारों को पूरी तरह नष्ट कर देंगे. इससे हम बोधित्व को भी प्राप्त कर सकते हैं. मनुष्य का मूल स्वभाव करुणा, प्रेम और मैत्री है. इसमें द्वेष और दुर्भावना की कोई जगह नहीं है.

गया में दलाई लामा का प्रवचन

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हृदय में हो क्षमा का गुण- दलाई लामा
दलाई लामा ने बताया कि भगवान बुद्ध ने कहा है कि धन से सुख नहीं मिलता है. बुद्धचित्त का पाठ करने से लाभ मिलेगा. उन्होंने कहा कि बोधिचित्त को प्राप्त करने के लिए चित्त में उत्साह रहना जरूरी है. क्षमा से बढ़कर कोई पुण्य नहीं है. हृदय में क्षमा का गुण होना चाहिए. बताया जा रहा है कि दलाई लामा का ये प्रवचन सुनने के लिए लगभग 47 देशों से 35 हजार बौद्ध श्रद्धालु यहां पहुंचे हैं. गुरुवार को शुरू हुआ ये प्रवचन 6 जनवरी तक चलेगा.

Intro:गया बोधगया में कालचक्र मैदान में परम पावन दलाईलामा जी का प्रवचन सुरु होते ही लगातार बारिश होने लगी फिर भी बौद्ध श्रद्धालु बारिश में भींग कर प्रवचन सुनते रहे।Body:V1-तिब्बती बौद्ध धर्म गुरु परम पावन दलाई लामा का बोधगया के कालचक्र मैदान में आज अहले सुबह से ग्यालसे थोगमेद जाड़पो द्वारा रचित 37 प्रेक्टिसेस ऑफ द बोधिसत्व पर प्रवचन शुरू हुआ। दलाईलामा जी का प्रवचन सुरु करते ही श्रद्धालु का भीड़ खड़ा होकर हाथ जोड़कर आशिर्वाद लिया वही परम पावन दलाईलामा जी हाथ हिलाकर श्रद्धालुओं को आशीर्वाद दिया ।
V2-उसके बाद सुरु किया प्रवचन सुरु होते ही लगतार वारिश होने लगी। लेकिन बौद्ध भिक्षुओं ने परम पावन दलाईलामा जी का प्रवचन सुनने को लेकर वारिश में भी भीगते रहे।लेकिन प्रवचन सुनने नहीं छोड़े।
V3 आपको ज्ञात हो कि परम् पावन दलाईलामा जी का प्रवचन सुनने के लिये लगभग 47 देश से 35 हजार बौद्ध श्रद्धालु प्रवचन में शामिल हुये है।
कालचक्र मैदान में ही बौद्ध श्रद्धालु को चाय ब्रेड दिया जा रहा है।
दलाईलामा जी का प्रवचन को लेकर जिला प्रशासन की ओर से कड़ी सुरक्षा व्यवस्था का बंदोवस्त किया गया है।Conclusion:बरहाल आपको बता दें कि बौद्ध धर्मगुरु परम पावन दलाईलामा जी का कालचक्र मैदान में प्रवचन का आज दूसरा दिन बारिश के साथ सुरु हुआ।
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