गयाः बोधगया के कालचक्र मैदान में तिब्बती बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा का प्रवचन चल रहा है. गुरुवार अहले सुबह प्रवचन शुरू होते ही बारिश शुरू हो गई, फिर भी श्रद्धालु पंडाल में डटे रहे. अपने प्रवचन में दलाई लामा ने कहा कि भौतिक विकास से शारीरिक सुख मिल सकता है, लेकिन मानसिक नहीं. सुख-समृद्धि के लिए मन को वश में रखना होगा.
करुणा और प्रेम है मूल स्वभाव
दलाई लामा ने कहा कि धार्मिक बनने के लिए मन को शुद्ध करने की अति आवश्यकता है. मन तभी शुद्ध होगा, जब हम अपने अंदर के गलत विचारों को पूरी तरह नष्ट कर देंगे. इससे हम बोधित्व को भी प्राप्त कर सकते हैं. मनुष्य का मूल स्वभाव करुणा, प्रेम और मैत्री है. इसमें द्वेष और दुर्भावना की कोई जगह नहीं है.
ये भी पढ़ेंः पटना: प्रकाश पर्व को लेकर निःशुल्क बस सेवा शुरू, कराएगा धार्मिक स्थलों की सैर
हृदय में हो क्षमा का गुण- दलाई लामा
दलाई लामा ने बताया कि भगवान बुद्ध ने कहा है कि धन से सुख नहीं मिलता है. बुद्धचित्त का पाठ करने से लाभ मिलेगा. उन्होंने कहा कि बोधिचित्त को प्राप्त करने के लिए चित्त में उत्साह रहना जरूरी है. क्षमा से बढ़कर कोई पुण्य नहीं है. हृदय में क्षमा का गुण होना चाहिए. बताया जा रहा है कि दलाई लामा का ये प्रवचन सुनने के लिए लगभग 47 देशों से 35 हजार बौद्ध श्रद्धालु यहां पहुंचे हैं. गुरुवार को शुरू हुआ ये प्रवचन 6 जनवरी तक चलेगा.