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कोरोना ने महाबोधि मंदिर के गुंबद की चमक को किया फीका, 289 किलो सोने से बने हैं ये कलश - सोने के गुबंद का सफाई

गया जिले में स्थित विश्व प्रख्यात महाबोधि मंदिर के शिखर पर लगे सोने के गुंबद की चमक फीकी पड़ती जा रही है. कोरोना महामारी के कारण थाईलैंड के कारीगर पॉलिशिंग के लिए नहीं आ पा रहे हैं.

मंदिर
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Published : Aug 11, 2021, 8:03 AM IST

गया: कोरोना वायरस (Corona Virus In Bihar) के कारण लगे लॉकडाउन का असर मंदिरों पर भी देखने को मिल रहा है. बिहार के गया जिले में स्थित विश्व प्रख्यात मंदिर महाबोधि मंदिर (Mahabodhi Temple) के शिखर पर लगे 289 किलोग्राम के सोने के गुंबद की सफाई नहीं हो पा रही है. जिसके कारण दिन-प्रतिदिन उसकी चमक फीकी पड़ती जा रही है. हालांकि इस चमक को वापस लाने के लिए जिलाधिकारी ने पहल शुरू कर दी है.

इसे भी पढ़ें: ढुंगेश्वरी पहाड़ की गुफा में साधना में कंकाल बन गए थे बुद्ध, गुलजार रहने वाली पहाड़ी पर सन्नाटा

दरअसल कोरोना महामारी का असर इंसान के जीवन से लेकर व्यापार, उद्योग और धार्मिक स्थलों पर भी पड़ रहा है. इन दिनों महाबोधि मंदिर के सोने की गुंबद की चमक फीकी पड़ रही है. इस गुंबद की पॉलिशिंग थाईलैंड के कारीगर करते हैं. कोरोना महामारी की वजह से अंतरराष्ट्रीय उड़ाने बन्द हैं. जिसकी वजह से थाईलैंड के कारीगर नहीं आ पा रहे हैं.

देखें रिपोर्ट

ये भी पढ़ें: महाबोधी मंदिर के वृक्ष पर भी लॉकडाउन की मार, वैज्ञानिकों के नहीं पहुंचने से पेड़ का हो रहा ऑनलाइन उपचार

'पिछले साल थाईलैंड के कारीगर ने मुझसे संपर्क किया था. उन्होंने पिछले साल 2020 में आने की बात कही थी लेकिन कोरोना महामारी के वजह से वे नहीं आ पाए थे. मेरी कारीगरों से बात हुई है, जैसे ही अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू होंगी वे आ जायेंगे. एक से डेढ़ माह में पॉलिशिंग का कार्य संपन्न हो जाएगा. जिसके बाद पुनः पूर्व की भांति उसकी चमक वापस आ जायेगी.' -अभिषेक सिंह, जिलाधिकारी सह बीटीएमसी अध्यक्ष

गौरतलब है कि विश्व धरोहर महाबोधि मंदिर के 170 फीट ऊंचे गुंबद पर साल 2013 में 289 किलोग्राम सोने की परत चढ़ायी गई थी. इस सोने की परत की पॉलिशिंग हर तीन साल पर होती है. साल 2016 में एक बार पॉलिशिंग हुई थी, उसके बाद 2019 में पॉलिशिंग करनी थी, लेकिन कोरोना के कारण नहीं हो सका था.

विश्व धरोहर महाबोधि मंदिर की सुंदरता साल 2013 के नवम्बर माह से बढ़ने लगी थी. जब थाईलैंड के राजा भूमिबोल अतुल्यतेज (King of Thailand Bhumibol Atul Tej) ने महाबोधी मन्दिर की गुंबद पर सोने की परत चढ़ाने के लिए 289 किलोग्राम सोना दिया था. इसके साथ ही इसकी सुरक्षा के लिए 23 थाई कमांडो आये थे.

सोने की परत चढ़ाने के लिए थाईलैंड के इंजीनियर और विशेषज्ञ आये हुए थे. इसके अलावा थाईलैंड के राजा ने इस पूरे कार्य को संपन्न करवाने के लिए थाईलैंड के पूर्व वित्त मंत्री और राजा के धार्मिक मामलों के सलाहकार को भेजा था. जिसके बाद इस मंदिर की चमक और भी बढ़ गई.

गया: कोरोना वायरस (Corona Virus In Bihar) के कारण लगे लॉकडाउन का असर मंदिरों पर भी देखने को मिल रहा है. बिहार के गया जिले में स्थित विश्व प्रख्यात मंदिर महाबोधि मंदिर (Mahabodhi Temple) के शिखर पर लगे 289 किलोग्राम के सोने के गुंबद की सफाई नहीं हो पा रही है. जिसके कारण दिन-प्रतिदिन उसकी चमक फीकी पड़ती जा रही है. हालांकि इस चमक को वापस लाने के लिए जिलाधिकारी ने पहल शुरू कर दी है.

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दरअसल कोरोना महामारी का असर इंसान के जीवन से लेकर व्यापार, उद्योग और धार्मिक स्थलों पर भी पड़ रहा है. इन दिनों महाबोधि मंदिर के सोने की गुंबद की चमक फीकी पड़ रही है. इस गुंबद की पॉलिशिंग थाईलैंड के कारीगर करते हैं. कोरोना महामारी की वजह से अंतरराष्ट्रीय उड़ाने बन्द हैं. जिसकी वजह से थाईलैंड के कारीगर नहीं आ पा रहे हैं.

देखें रिपोर्ट

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'पिछले साल थाईलैंड के कारीगर ने मुझसे संपर्क किया था. उन्होंने पिछले साल 2020 में आने की बात कही थी लेकिन कोरोना महामारी के वजह से वे नहीं आ पाए थे. मेरी कारीगरों से बात हुई है, जैसे ही अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू होंगी वे आ जायेंगे. एक से डेढ़ माह में पॉलिशिंग का कार्य संपन्न हो जाएगा. जिसके बाद पुनः पूर्व की भांति उसकी चमक वापस आ जायेगी.' -अभिषेक सिंह, जिलाधिकारी सह बीटीएमसी अध्यक्ष

गौरतलब है कि विश्व धरोहर महाबोधि मंदिर के 170 फीट ऊंचे गुंबद पर साल 2013 में 289 किलोग्राम सोने की परत चढ़ायी गई थी. इस सोने की परत की पॉलिशिंग हर तीन साल पर होती है. साल 2016 में एक बार पॉलिशिंग हुई थी, उसके बाद 2019 में पॉलिशिंग करनी थी, लेकिन कोरोना के कारण नहीं हो सका था.

विश्व धरोहर महाबोधि मंदिर की सुंदरता साल 2013 के नवम्बर माह से बढ़ने लगी थी. जब थाईलैंड के राजा भूमिबोल अतुल्यतेज (King of Thailand Bhumibol Atul Tej) ने महाबोधी मन्दिर की गुंबद पर सोने की परत चढ़ाने के लिए 289 किलोग्राम सोना दिया था. इसके साथ ही इसकी सुरक्षा के लिए 23 थाई कमांडो आये थे.

सोने की परत चढ़ाने के लिए थाईलैंड के इंजीनियर और विशेषज्ञ आये हुए थे. इसके अलावा थाईलैंड के राजा ने इस पूरे कार्य को संपन्न करवाने के लिए थाईलैंड के पूर्व वित्त मंत्री और राजा के धार्मिक मामलों के सलाहकार को भेजा था. जिसके बाद इस मंदिर की चमक और भी बढ़ गई.

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