गया: कोरोना को रोकने के लिए देशभर में लगे लॉकडाउन ने गरीबों की दिनचर्या बिगाड़ दिया है, लेकिन राहत की बात ये है कि समाजसेवी और तमाम लोग गरीबों की मदद के लिए आगे आने लगे हैं, और राशन का वितरण करवा रहे हैं. इसी क्रम में बौद्ध अनुयायियों ने भिक्षाटन कर गरीबों के बीच राशन वितरण किया. ऐसे में हर तरफ मदद करने की इस लगन की प्रशंसा हो रही है.
गया-बोधगया प्रखण्ड के बॉर्डर पर स्थित बेलवाटांड़ गांव में श्रीलंकाई गुरु के दो शिष्यों ने भिक्षा मांगकर दलित बस्तियों में राशन का वितरण किया. बोधगया में रहने वाले बौद्ध भंते में से कोई पीएम और सीएम रिलीफ फंड में पैसा दे रहा है, कोई गरीबों और असहायों को भोजन करवा रहा है. वहीं, दो भंते मिलकर गांव-गांव घूमकर गरीबों के बीच राशन का वितरण कर रहे हैं.
गुरु से प्रेरित होकर कर रहे ये काम
बौद्ध धर्म के उपदेश पर चलकर श्रीलंकाई गुरु के दो शिष्यों ने गरीबों को भूखे नहीं रहने का संकल्प लेकर बोधगया के आसपास के गांव गांव घूम-घूमकर खाद्द सामग्री वितरण कर रहे हैं. बेलवाटांड़ गांव में लगभग 100 परिवारों के बीच इन दोनों भंते ने खाद्द सामग्री वितरण किया. इस संबंध में भंते विमल रत्न ने बताया हमलोग ने शुरुआत में मठ के पास के गांवों में भिक्षाटन किया. भिक्षाटन से एकत्रित पैसे से खाद्द सामग्री लेकर गरीबो में बांटा.
दो हजार परिवारों के बीच बांटा है राशन
बौद्ध भंते ने बताया कि अबतक 17 गांवो में लगभग दो हजार परिवारों को एक सप्ताह का राशन बांटा गया. वहीं, बोधगया प्रखण्ड बेलवाटांड़ गांव की महिला राजो देवी ने बताया इस गांव में आज तक विकास नहीं हुआ. सड़क तक नहीं बनी है. लॉक डाउन में हमलोग भुखमरी के शिकार थे. जिसके बाद भंते लोग एक सप्ताह का सूखा राशन दिए हैं.