नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने बुधवार को चुनाव नतीजों के लिए ईवीएम को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने मांग की कि चुनाव बैलेट पेपर से कराए जाएं. उन्होंने कहा कि एक अभियान जरूर चलाया जाना चाहिए, जो नतीजे आ रहे हैं, उनमें कुछ गड़बड़ है. हम किसी को दोष नहीं देंगे, लेकिन हम सभी चाहते हैं कि चुनाव बैलेट पेपर पर कराये जाने चाहिए. उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी देखें तो अधिकांश देशों में आज भी बैलेट पेपर पर ही चुनाव होते हैं.
इससे पहले, मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की जगह बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग की. उन्होंने आरोप लगाया कि एससी, एसटी, ओबीसी और गरीब समुदायों के वोट बर्बाद हो रहे हैं. एससी, एसटी, ओबीसी और गरीब समुदायों के लोगों के वोट बर्बाद हो रहे हैं. ईवीएम को अलग रखें. हमें ईवीएम नहीं चाहिए, हमें बैलेट पेपर पर वोटिंग चाहिए. उन्हें मशीन अपने घर, पीएम मोदी या अमित शाह के घर पर रखने दें.
तब हमें पता चलेगा कि आप (भाजपा-एनडीए) कहां खड़े हैं कि मल्लिकार्जुन खड़गे ने यहां तालकटोरा स्टेडियम में संविधान दिवस कार्यक्रम में बोलते हुए कहा. कांग्रेस प्रमुख की तीखी टिप्पणी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी की करारी हार के तुरंत बाद आई है, जहां महायुति गठबंधन ने शानदार जीत हासिल की और भाजपा 280 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में से 132 सीटों के साथ सबसे बड़ी विजेता बनकर उभरी, जबकि उसके सहयोगी - एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजीत पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी - ने क्रमशः 57 और 41 सीटें जीतीं.
इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने भारत में चुनावों में फिजिकल पेपर बैलट वोटिंग सिस्टम को फिर से शुरू करने की मांग करने वाली एक जनहित याचिका (पीआईएल) को खारिज कर दिया. जस्टिस विक्रम नाथ और पीबी वराले की पीठ ने भारत में फिजिकल बैलट वोटिंग की मांग करने वाले प्रचारक केए पॉल द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया.
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने कहा कि चंद्रबाबू नायडू और वाईएस जगन मोहन रेड्डी जैसे नेताओं ने भी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग सिस्टम पर सवाल उठाए थे. वोटिंग मशीन (ईवीएम) से छेड़छाड़ इस पर पीठ ने कहा कि अगर आप चुनाव जीत जाते हैं तो ईवीएम से छेड़छाड़ नहीं होती.