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दलाईलामा के 5 दिवसीय प्रवचन का सुखद समापन, 47 देशों से 35 हजार लोग हुए थे शामिल

दलाईलामा का बोधगया के कालचक्र मैदान में पांच दिवसीय टीचिंग प्रोग्राम का आयोजन किया गया था, जिसका 6 जनवरी को दोपहर 12 बजे समापन हो गया.

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Published : Jan 7, 2020, 4:09 AM IST

गया: बौद्ध धर्म के मक्का-मदीना कहे जाने वाले बोधगया में बौद्ध धर्मावलंबियों के महाकुंभ का आज सुखद समापन हुआ. बौद्ध अनुयायियों के महाकुंभ में 47 देशों से 35 हजार लोगों ने भाग लिया.

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अनुयायियों का आभार प्रकट करते दलाईलामा

आपको बता दें कि तिब्बती धर्मगुरु दलाईलामा का बोधगया के कालचक्र मैदान में पांच दिवसीय टीचिंग प्रोग्राम का आयोजन किया गया था, जिसका 6 जनवरी को दोपहर 12 बजे समापन हो गया. समापन के पल विभिन्न देशों से आए श्रद्धालुओं को तिब्बती धर्मगुरू ने आशीर्वाद दिया और अगले वर्ष फिर मुलाकात के वादे के साथ विदाई ली.

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बौद्ध अनुयायी

विदेशों से भारत पहुंचे अनुयायी
बौद्ध अनुयायी के महाकुंभ में पेरू और स्वीडन से आईं महिला श्रद्धालुओं ने बताया कि बोधगया बहुत अच्छी जगह हैं. उन्हें यह विश्व की सबसे शांत जगह लगी. उन्होंने कहा कि मुझे बौद्ध धर्म की विशेषताएं पसंद हैं. साथ ही परम पावन दलाईलामा का प्रवचन हमें प्रभावशाली लगता है जिसे सुनने हम यहां आए हैं.

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दलाईलामा के प्रवचन में विदेशों पहुंचे अनुयायी

नालंदा के भव्य इतिहास से परिचित हुए विदेशी
परम् पावन दलाईलामा के पांच दिवसीय टीचिंग के हिंदी अनुवादक ने जानकारी दी कि पहले दिन बौद्ध धर्म के परिचय साथ भारत की पाली सभ्यता और नालन्दा सभ्यता का परिचय कराया गया. दूसरे दिन का कार्यक्रम करुणा, भाईचारे और विषय पर केंद्रित रहा. तीसरे दिन मंजुश्री धर्मचक्र अभिषेक और आर्य तारा देवी का अभिषेक किया गया. मंजुश्री के शेष बचे कर्म की शुरुआत की गई.

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हजारों की संख्या में जुटे अनुयायी

'जीवन शून्यता का आधार'
चौथे दिन बुद्धचित के अभ्यास के बारे में जानकारी दी गई. पांचवे दिन मंजुश्री के शेष बचे तीन क्रम को पूरा किया गया और धर्मराजा यमराज का अभिषेक हुआ. पांचो दिन उन्होंने शांति, करुणा और भाईचारे पर फोकस रखा. उन्होंने ने कहा कि जीवन शून्यता का आधार बनना चाहिए जिससे शांति मिले.

दलाईलामा के 5 दिवसीय प्रवचन का समापन

47 देशों के 35 हजार लोग कार्यक्रम में शामिल
बोधगया के कालचक्र मैदान में आयोजित दलाईलामा के टीचिंग प्रोग्राम में नामचीन हस्तियों में हॉलीवुड स्टार रिचर्ड गेर सहित 47 देशों के 35 हजार लोग शामिल हुए. 47 देशों के इतने लोग सारे सीमाओं को तोड़कर बस शांति की प्राप्ति के लिए एक जगह एकत्रित हुए.

कड़ी सुरक्षा में हुआ दलाईलामा का प्रवचन
परमपावन दलाईलामा के प्रवचन को लेकर दलाईलामा की सुरक्षा सात लेयर की रहती है. वहीं श्रदालुओं के लिए भी सख्त सुरक्षा व्यवस्था का इंतजाम किया गया था. बौद्ध श्रद्धालुओं ने निर्भीक होकर पांच दिनों तक प्रवचन में हिस्सा लिया. बड़ी बात इन पांचों दिनों में सुरक्षा और अन्य समस्याओं को लेकर एक भी श्रद्धालु ने शिकायत दर्ज नहीं करवाई.

गया: बौद्ध धर्म के मक्का-मदीना कहे जाने वाले बोधगया में बौद्ध धर्मावलंबियों के महाकुंभ का आज सुखद समापन हुआ. बौद्ध अनुयायियों के महाकुंभ में 47 देशों से 35 हजार लोगों ने भाग लिया.

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अनुयायियों का आभार प्रकट करते दलाईलामा

आपको बता दें कि तिब्बती धर्मगुरु दलाईलामा का बोधगया के कालचक्र मैदान में पांच दिवसीय टीचिंग प्रोग्राम का आयोजन किया गया था, जिसका 6 जनवरी को दोपहर 12 बजे समापन हो गया. समापन के पल विभिन्न देशों से आए श्रद्धालुओं को तिब्बती धर्मगुरू ने आशीर्वाद दिया और अगले वर्ष फिर मुलाकात के वादे के साथ विदाई ली.

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बौद्ध अनुयायी

विदेशों से भारत पहुंचे अनुयायी
बौद्ध अनुयायी के महाकुंभ में पेरू और स्वीडन से आईं महिला श्रद्धालुओं ने बताया कि बोधगया बहुत अच्छी जगह हैं. उन्हें यह विश्व की सबसे शांत जगह लगी. उन्होंने कहा कि मुझे बौद्ध धर्म की विशेषताएं पसंद हैं. साथ ही परम पावन दलाईलामा का प्रवचन हमें प्रभावशाली लगता है जिसे सुनने हम यहां आए हैं.

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दलाईलामा के प्रवचन में विदेशों पहुंचे अनुयायी

नालंदा के भव्य इतिहास से परिचित हुए विदेशी
परम् पावन दलाईलामा के पांच दिवसीय टीचिंग के हिंदी अनुवादक ने जानकारी दी कि पहले दिन बौद्ध धर्म के परिचय साथ भारत की पाली सभ्यता और नालन्दा सभ्यता का परिचय कराया गया. दूसरे दिन का कार्यक्रम करुणा, भाईचारे और विषय पर केंद्रित रहा. तीसरे दिन मंजुश्री धर्मचक्र अभिषेक और आर्य तारा देवी का अभिषेक किया गया. मंजुश्री के शेष बचे कर्म की शुरुआत की गई.

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हजारों की संख्या में जुटे अनुयायी

'जीवन शून्यता का आधार'
चौथे दिन बुद्धचित के अभ्यास के बारे में जानकारी दी गई. पांचवे दिन मंजुश्री के शेष बचे तीन क्रम को पूरा किया गया और धर्मराजा यमराज का अभिषेक हुआ. पांचो दिन उन्होंने शांति, करुणा और भाईचारे पर फोकस रखा. उन्होंने ने कहा कि जीवन शून्यता का आधार बनना चाहिए जिससे शांति मिले.

दलाईलामा के 5 दिवसीय प्रवचन का समापन

47 देशों के 35 हजार लोग कार्यक्रम में शामिल
बोधगया के कालचक्र मैदान में आयोजित दलाईलामा के टीचिंग प्रोग्राम में नामचीन हस्तियों में हॉलीवुड स्टार रिचर्ड गेर सहित 47 देशों के 35 हजार लोग शामिल हुए. 47 देशों के इतने लोग सारे सीमाओं को तोड़कर बस शांति की प्राप्ति के लिए एक जगह एकत्रित हुए.

कड़ी सुरक्षा में हुआ दलाईलामा का प्रवचन
परमपावन दलाईलामा के प्रवचन को लेकर दलाईलामा की सुरक्षा सात लेयर की रहती है. वहीं श्रदालुओं के लिए भी सख्त सुरक्षा व्यवस्था का इंतजाम किया गया था. बौद्ध श्रद्धालुओं ने निर्भीक होकर पांच दिनों तक प्रवचन में हिस्सा लिया. बड़ी बात इन पांचों दिनों में सुरक्षा और अन्य समस्याओं को लेकर एक भी श्रद्धालु ने शिकायत दर्ज नहीं करवाई.

Intro:बौद्ध धर्म के मक्का मदीना कहे जानेवाला बोधगया में बौद्ध धर्मावलंबियों का महाकुंभ का आज सुखद समापन हुआ। बौद्ध अनुयायियों का महाकुंभ में 47 देशो से 35 हजार लोगों ने भाग लिया।


Body:आपको बता दे तिब्बती धर्मगुरु दलाईलामा का बोधगया के कालचक्र मैदान में पांच दिवसीय टीचिंग प्रोग्राम का आयोजन किया गया था जिसका 6 जनवरी को दोपहर 12 बजे समापन हो गया। समापन के पल विभिन्न देशों से आये श्रद्धालुओं को तिब्बती धर्मगुरु ने आशीर्वाद दिया और नए वादे के साथ विदाई ली अगले वर्ष फिर मुलाकात होगी।

vo:1 बौद्ध अनुयायी के महाकुंभ में पेरू और स्वीडन से आयी महिला श्रद्धालुओं ने बताया बोधगया बहुत अच्छा जगह हैं। विश्व का सबसे शांत जगह हैं। मुझे बौद्ध धर्म पसंद है साथ ही परम पावन दलाईलामा का प्रवचन सुना भी पसंद हैं।

बाईट- नैली सेलकोडो, पेरू
बाईट- एना, जर्नलिस्ट, स्वीडन

vo:2 परम् पावन दलाईलामा का पांच दिवसीय टीचिंग का हिंदी अनुवादक ने जानकारी दी , उन्होंने ने बताया पहला दिन बौद्ध धर्म के परिचय साथ भारत की पाली सभ्यता औऱ नालन्दा सभ्यता का जिक्र किया। दूसरे दिन करुणा और भाईचारे विषय पर फ़ोकस रखा, तीसरे दिन मंजुश्री धर्मचक्र अभिषेक औऱ आर्य तारा देवी का अभिषेक किया, मंजुश्री शेष बचे कर्म को शुरुआत किया गया। चौथे दिन बुद्धचित का अभ्यास के बारे में जानकारी दिया। पांचवे दिन मंजुश्री के शेष बचे तीन क्रम को पुरा किया और धर्मराजा यमराज का अभिषेक किया। पाँचो दिन उन्होंने शांति ,करुणा और भाईचारा को फोकस रखा, उन्होंने ने कहा जीवन शून्यता का आधार बना चाहिए जिससे शांति मिलता हैं।

बाईट- कैलाश चन्द्र बौद्ध, हिंदी अनुवादक


Conclusion:बोधगया के कालचक्र मैदान में आयोजित दलाईलामा के टीचिंग प्रोग्राम में नामचीन हस्तियों में हॉलीवुड स्टार रिचर्ड गेर सहित 47 देशो के 35 हजार लोग शामिल हुए। 47 देशों के इतने लोग सारे सीमाओं को तोड़कर बस शांति के प्राप्ति के लिए एक जगह एकत्रित हुए।

परमपावन दलाईलामा का प्रवचन को लेकर दलाईलामा का सुरक्षा सात लेयर की रहती है वही श्रदालुओ के सख्त सुरक्षा व्यवस्था इंतजाम किया गया था। बौद्ध श्रद्धालुओं ने निर्भीक होकर पांच दिनों तक प्रवचन में हिस्सा लिया। बड़ी बात इन पांचों दिनों में सुरक्षा और अन्य समस्याओं को लेकर एक भी श्रद्धालु शिकायत दर्ज नही करवाया।

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