ETV Bharat / state

सड़क के अभाव में खाट बनती है मरीजों का सहारा, यहां वाहन तो क्या पैदल भी चलना मुश्किल

author img

By

Published : Sep 30, 2022, 6:02 AM IST

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट नली गली और सड़कों को लेकर अक्सर दावे करती है. लेकिन हकीकत में उन दावों का दम गया के गुरारू प्रखंड के दौलतपुर गांव में आकर निकल जाती (Bad road of Daulatpur village) है. यहां आज भी गांव की सड़कें दलदल बन चुकी हैं. मरीजों को स्वास्थ्य केंद्र ले जाने के लिए खाट ही सहारा बनती है. ग्राउंड रिपोर्ट-

दौलतपुर गांव की बदहाल सड़क
दौलतपुर गांव की बदहाल सड़क

गया: बिहार के गांवों में सड़कें बदहाल है. कागजों पर कई गांवों की नली, गली और सड़कें चकाचक हो गई हैं. लेकिन धरातल पर यहां नर्क से भी बदतर हालात ( Bad Nali Gali Scheme In Gaya) हैं. ऐसा ही कुछ हाल गुरारू प्रखंड के दौलतपुर गांव का है. ये गांव पक्की सड़कों का आज भी इंतजार कर रहा है. गांव में कोई बीमार पड़ जाए तो इन सड़कों पर एंबुलेंस की सुविधा नहीं पहुंच पाती. क्योंकि इस गांव की सड़क खस्ताहाल, नाली गलियों में बजबजा रही है. सड़कें दलदल का रूप ले चुकीं है. यहां पैदल चलना भी पहाड़ चढ़ने जैसा पीड़ादायक है. मरीजों को स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाने के लिए एक मात्र खाट ही सहारा है.

ये भी पढ़ें- बिहार में बढ़ा डेंगू का प्रकोप, 24 घंटे में पटना जिले में मिले 350 नए मरीज

कागजों पर विकास की रोशनी बिखरते इस गांव की ग्राउंड रिपोर्ट बताती है कि यहां विकास की रोशनी नहीं पहुंच पाई है. यहां की ज्यादातर सड़कें कच्ची हैं. सरकार दावे करती है कि हर गांव की गलियों से लेकर हाईवे तक सड़कों का जाल बिछा दिया गया है. किंतु गया के गुरारू प्रखंड के डबूर पंचायत अंतर्गत दौलतपुर गांव में पक्की तो क्या कच्ची सड़क भी नहीं (Bad road In Gaya) है. एक अदद सड़क के लिए यह गांव कई दशकों से तरस रहे हैं. सड़क किसी भी क्षेत्र के विकास की पूरक होती हैं, किंतु इसके अभाव ने यहां के ग्रामीणों को पिछड़ा क्षेत्र बना दिया है.



यहां के ग्रामीण बताते हैं कि दौलतपुर गांव के लिए नल जल, स्वच्छता योजना, सड़कें सब कागजों पर हैं. इस गांव में विकास की रोशनी नहीं पहुंची है. पिछले दो दशकों से यहां के ग्रामीण गांव के विकास के लिए अधिकारियों से लेकर प्रतिनिधियों तक गुहार लगा चुके हैं, लेकिन उनकी सुनने वाला कोई भी नहीं है. नतीजतन इसी स्थिति के बीच ग्रामीण अपना जीवन बसर करने को विवश हैं.

''इस गांव को विकास से महरूम रखा गया है. यही कारण है कि हम लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है. मरीजों को खाट से ले जाने की मजबूरी है''- अशोक कुमार, ग्रामीण

गांव से निकलकर मुख्य सड़क तक पहुंचने के लिए पैदल ही काफी दूरी तय करनी पड़ती है. गांव में इतने गड्ढे और दलदल हैं कि चार पहिए वाहन की छोड़ दें, तो दो पहिया वाहनों का भी आना जाना नहीं होता है. लोगों को चप्पल जूते उतारकर कीचड़ भरे रास्ते से होकर गुजरना पड़ता है. बारिश में हालात बदतर हो जाते हैं. बरसात के तीन महीने ग्रामीणों के लिए नारकीय स्थिति बनी रहती है. वार्ड सदस्य से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने फंड नहीं मिलने का रोना रोया.

''गांव में सड़क नहीं रहने के कारण दलदल वाले रोड में चलना पड़ता है. आए दिन दुर्घटना भी हो जाती है. घटनाएं घटती रहती हैं. यहां न सड़क है और न ही नल जल का पानी मिलता है. स्वच्छता का अभियान चल रहा है, लेकिन सब कागजों पर चलता है. कोई काम धरातल पर नहीं है. लंबे समय से यह स्थिति बनी हुई है, जिससे ग्रामीणों को काफी परेशानी हो रही है''- मीना देवी, ग्रामीण

वार्ड सदस्य का दावा- 'नहीं मिलता फंड': दौलतपुर गांव के वार्ड पार्षद नरेश यादव बताते हैं कि उन्होंने गांव के विकास के लिए पूरी कोशिश की. यह भी चाहा कि सड़क बन जाए, लेकिन फंड ही नहीं मिलता है. मुखिया से कई बार इस संबंध में बात भी की गई है, लेकिन कोई कुछ नहीं कर रहा. हमपर ग्रामीण भी आरोप लगाते हैं कि वार्ड सदस्य कोई काम नहीं करता है. लेकिन हम अपनी मजबूरी किसे कहें. बताया कि हम विकास चाहते हैं, लेकिन हमें फंंड ही नहीं मिलता है. यदि फंड मिले तो विकास का काम करने की मेरी तमन्ना है.

''हमें फंड नहीं मिलता. मैं भी चाहता हूं कि गांव की नली, गली बने. गांव में विकास हो लेकिन फंड नहीं मिलता. मैने इस बारे में कई बार मुखिया से बात की है लेकिन इस मुद्दे पर कोई कुछ भी नहीं कर पा रहा है. गांव वाले हमपर आरोप लगाते हैं कि वार्ड सदस्य कुछ भी नहीं करता. हमें फंड मिले तो विकास का काम गांव में कराऊं ये मेरी तमन्ना है''- नरेश यादव, वार्ड पार्षद,दौलतपुर


ग्रामीण बताते हैं कि वाहनों का आवागमन इस गांव में नहीं हो पाता हैं. क्योंकि, यहां सिर्फ गड्ढे और दलदल हैं. गांव वाले अक्सर मांग करते हैं कि प्रशासन-जनप्रतिनिधि गांव के विकास पर ध्यान दें, ताकि विकास का काम हो सके. यहां बीमार पड़ने वालों मरीजों की जान हमेशा खतरे में रहती है. गंभीर हालत होने के बावजूद उन्हें सड़क तक ले जाने के लिए खाट का सहारा ही लेना पड़ता है. ग्रामीण सवाल उठाते हैं कि जब सड़क ही नहीं हैं तो गांव में मरीजों के लिए एंबुलेंस कैसे पहुंचेगी.

गया: बिहार के गांवों में सड़कें बदहाल है. कागजों पर कई गांवों की नली, गली और सड़कें चकाचक हो गई हैं. लेकिन धरातल पर यहां नर्क से भी बदतर हालात ( Bad Nali Gali Scheme In Gaya) हैं. ऐसा ही कुछ हाल गुरारू प्रखंड के दौलतपुर गांव का है. ये गांव पक्की सड़कों का आज भी इंतजार कर रहा है. गांव में कोई बीमार पड़ जाए तो इन सड़कों पर एंबुलेंस की सुविधा नहीं पहुंच पाती. क्योंकि इस गांव की सड़क खस्ताहाल, नाली गलियों में बजबजा रही है. सड़कें दलदल का रूप ले चुकीं है. यहां पैदल चलना भी पहाड़ चढ़ने जैसा पीड़ादायक है. मरीजों को स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाने के लिए एक मात्र खाट ही सहारा है.

ये भी पढ़ें- बिहार में बढ़ा डेंगू का प्रकोप, 24 घंटे में पटना जिले में मिले 350 नए मरीज

कागजों पर विकास की रोशनी बिखरते इस गांव की ग्राउंड रिपोर्ट बताती है कि यहां विकास की रोशनी नहीं पहुंच पाई है. यहां की ज्यादातर सड़कें कच्ची हैं. सरकार दावे करती है कि हर गांव की गलियों से लेकर हाईवे तक सड़कों का जाल बिछा दिया गया है. किंतु गया के गुरारू प्रखंड के डबूर पंचायत अंतर्गत दौलतपुर गांव में पक्की तो क्या कच्ची सड़क भी नहीं (Bad road In Gaya) है. एक अदद सड़क के लिए यह गांव कई दशकों से तरस रहे हैं. सड़क किसी भी क्षेत्र के विकास की पूरक होती हैं, किंतु इसके अभाव ने यहां के ग्रामीणों को पिछड़ा क्षेत्र बना दिया है.



यहां के ग्रामीण बताते हैं कि दौलतपुर गांव के लिए नल जल, स्वच्छता योजना, सड़कें सब कागजों पर हैं. इस गांव में विकास की रोशनी नहीं पहुंची है. पिछले दो दशकों से यहां के ग्रामीण गांव के विकास के लिए अधिकारियों से लेकर प्रतिनिधियों तक गुहार लगा चुके हैं, लेकिन उनकी सुनने वाला कोई भी नहीं है. नतीजतन इसी स्थिति के बीच ग्रामीण अपना जीवन बसर करने को विवश हैं.

''इस गांव को विकास से महरूम रखा गया है. यही कारण है कि हम लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है. मरीजों को खाट से ले जाने की मजबूरी है''- अशोक कुमार, ग्रामीण

गांव से निकलकर मुख्य सड़क तक पहुंचने के लिए पैदल ही काफी दूरी तय करनी पड़ती है. गांव में इतने गड्ढे और दलदल हैं कि चार पहिए वाहन की छोड़ दें, तो दो पहिया वाहनों का भी आना जाना नहीं होता है. लोगों को चप्पल जूते उतारकर कीचड़ भरे रास्ते से होकर गुजरना पड़ता है. बारिश में हालात बदतर हो जाते हैं. बरसात के तीन महीने ग्रामीणों के लिए नारकीय स्थिति बनी रहती है. वार्ड सदस्य से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने फंड नहीं मिलने का रोना रोया.

''गांव में सड़क नहीं रहने के कारण दलदल वाले रोड में चलना पड़ता है. आए दिन दुर्घटना भी हो जाती है. घटनाएं घटती रहती हैं. यहां न सड़क है और न ही नल जल का पानी मिलता है. स्वच्छता का अभियान चल रहा है, लेकिन सब कागजों पर चलता है. कोई काम धरातल पर नहीं है. लंबे समय से यह स्थिति बनी हुई है, जिससे ग्रामीणों को काफी परेशानी हो रही है''- मीना देवी, ग्रामीण

वार्ड सदस्य का दावा- 'नहीं मिलता फंड': दौलतपुर गांव के वार्ड पार्षद नरेश यादव बताते हैं कि उन्होंने गांव के विकास के लिए पूरी कोशिश की. यह भी चाहा कि सड़क बन जाए, लेकिन फंड ही नहीं मिलता है. मुखिया से कई बार इस संबंध में बात भी की गई है, लेकिन कोई कुछ नहीं कर रहा. हमपर ग्रामीण भी आरोप लगाते हैं कि वार्ड सदस्य कोई काम नहीं करता है. लेकिन हम अपनी मजबूरी किसे कहें. बताया कि हम विकास चाहते हैं, लेकिन हमें फंंड ही नहीं मिलता है. यदि फंड मिले तो विकास का काम करने की मेरी तमन्ना है.

''हमें फंड नहीं मिलता. मैं भी चाहता हूं कि गांव की नली, गली बने. गांव में विकास हो लेकिन फंड नहीं मिलता. मैने इस बारे में कई बार मुखिया से बात की है लेकिन इस मुद्दे पर कोई कुछ भी नहीं कर पा रहा है. गांव वाले हमपर आरोप लगाते हैं कि वार्ड सदस्य कुछ भी नहीं करता. हमें फंड मिले तो विकास का काम गांव में कराऊं ये मेरी तमन्ना है''- नरेश यादव, वार्ड पार्षद,दौलतपुर


ग्रामीण बताते हैं कि वाहनों का आवागमन इस गांव में नहीं हो पाता हैं. क्योंकि, यहां सिर्फ गड्ढे और दलदल हैं. गांव वाले अक्सर मांग करते हैं कि प्रशासन-जनप्रतिनिधि गांव के विकास पर ध्यान दें, ताकि विकास का काम हो सके. यहां बीमार पड़ने वालों मरीजों की जान हमेशा खतरे में रहती है. गंभीर हालत होने के बावजूद उन्हें सड़क तक ले जाने के लिए खाट का सहारा ही लेना पड़ता है. ग्रामीण सवाल उठाते हैं कि जब सड़क ही नहीं हैं तो गांव में मरीजों के लिए एंबुलेंस कैसे पहुंचेगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.