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अरवा चावल की खरीदी नहीं होने से मिल मालिक नाराज, सरकारी फैसले के खिलाफ जाएंगे कोर्ट - Arwa Rice Mill Union Meeting In Gaya

इस बार सरकार अरवा चावल की खरीदारी नहीं (Government Not buying Arva Rice In Gaya) कर रही है. जिससे मिल मालिकों को लाखों का नुकसान हो रहा है. ऐसे में सरकार के इस फैसले का विरोध गया जिले के मिल मालिक कर रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर...

गया में अरवा राइस मिल संघ सरकार से नाराज
गया में अरवा राइस मिल संघ सरकार से नाराज
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Published : Nov 19, 2022, 6:38 PM IST

गया: जिला अरवा राइस मिल संघ (Gaya Arwa Rice Mill Union) की एक बैठक शहर के चंदौती मोड़ स्थित एक निजी होटल के प्रांगण में आयोजित की गयी. जिसमें संघ के सभी 65 मिलर शामिल ( Arwa Rice Mill Union Meeting In Gaya ) हुए. बैठक में शामिल सदस्यों ने अरवा चावल ना लेने के सरकार के निर्णय का विरोध जताया. साथ ही इससे संबंधित रणनीति की रूपरेखा पर विस्तृत रूप से चर्चा की.

यह भी पढ़ें: बक्सरः प्रति क्विंटल में 67 किलो चावल निकलने पर ही धान की खरीदारी, पैक्स की शर्तों से किसान परेशान

सरकार के खिलाफ करेंगे शांतिपूर्ण विरोध: बैठक में शामिल अरवा राइस मिल संघ के उपाध्यक्ष पंकज कुमार ने बताया कि बैठक का मुख्य कारण मौजूदा वर्ष 2022-23 में अरवा राइस मिलों को धान अधिप्राप्ति कार्य से वंचित करने के सरकार के निर्देश का विरोध करना है. सभी राइस मिलरों के मालिकों ने अपनी-अपनी बात रखते हुए ये सर्वसम्मति से फैसला लिया है कि सरकार के इस निर्णय के विरोध में हमलोग शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करेंगे और अपनी बातों को सरकार तक पहुंचाने का कार्य करेंगे.

यह भी पढ़ें: जमुई में कालाबाजारी के खिलाफ प्रशासन का एक्शन, चावल से लदा ट्रैक्टर जब्त

लाखों रुपये मिल मालिकों को होगा नुकसान: उन्होंने कहा कि इससे पहले सरकार पहले अरवा चावल की खरीदारी करती थी. इस बार भी सरकार ने पूर्व में अरवा चावल खरीदने की बात कही थी. इसके लिए हम लोगों ने लाखों रुपए खर्च कर सारी मशीनरी तैयार कर ली. लेकिन अब सरकार अरवा चावल लेने से मना कर रही है. इस कारण हम लोगों को लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है. हम लोग चाहते हैं कि सरकार पूर्व की भांति अरवा चावल की अधिप्राप्ति करें. जिससे हमें होने वाला नुकसान ना हो.

"वर्ष 2022-23 में अरवा राइस मिलों को धान अधिप्राप्ति कार्य से वंचित करने के सरकार के निर्देश का विरोध कर रहे हैं. बैठक में सभी राइस मिलरों के मालिकों ने अपनी-अपनी बात रखते हुए ये सर्वसम्मति से फैसला लिया है. सरकार के इस निर्णय के विरोध में हमलोग शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करेंगे" -पंकज कुमार, उपाध्यक्ष

सरकार के फैसले के खिलाफ कोर्ट जाएंगे: बैठक में शामिल मिल मालिक और अरवा राइस मिल संघ से जुड़े सदस्यों ने कहा कि यदि सरकार हमारी मांगों को पूरा नहीं करती है तो इसके बाद हमलोगों सरकार के फैसले के खिलाफ कोर्ट जाएंगे. सरकार के फैसले से जिले के सैकड़ों मिल मालिक प्रभावित हो रहे हैं. ऐसे में न्याय के लिए हमलोग न्यायालय के शरण में जाएंगे. बैठक में संघ के अध्यक्ष अजय कुमार, उपाध्यक्ष पंकज कुमार, कोषाध्यक्ष मनोज कुमार सहित सभी 65 मिलर उपस्थित हुए.

गया: जिला अरवा राइस मिल संघ (Gaya Arwa Rice Mill Union) की एक बैठक शहर के चंदौती मोड़ स्थित एक निजी होटल के प्रांगण में आयोजित की गयी. जिसमें संघ के सभी 65 मिलर शामिल ( Arwa Rice Mill Union Meeting In Gaya ) हुए. बैठक में शामिल सदस्यों ने अरवा चावल ना लेने के सरकार के निर्णय का विरोध जताया. साथ ही इससे संबंधित रणनीति की रूपरेखा पर विस्तृत रूप से चर्चा की.

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सरकार के खिलाफ करेंगे शांतिपूर्ण विरोध: बैठक में शामिल अरवा राइस मिल संघ के उपाध्यक्ष पंकज कुमार ने बताया कि बैठक का मुख्य कारण मौजूदा वर्ष 2022-23 में अरवा राइस मिलों को धान अधिप्राप्ति कार्य से वंचित करने के सरकार के निर्देश का विरोध करना है. सभी राइस मिलरों के मालिकों ने अपनी-अपनी बात रखते हुए ये सर्वसम्मति से फैसला लिया है कि सरकार के इस निर्णय के विरोध में हमलोग शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करेंगे और अपनी बातों को सरकार तक पहुंचाने का कार्य करेंगे.

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लाखों रुपये मिल मालिकों को होगा नुकसान: उन्होंने कहा कि इससे पहले सरकार पहले अरवा चावल की खरीदारी करती थी. इस बार भी सरकार ने पूर्व में अरवा चावल खरीदने की बात कही थी. इसके लिए हम लोगों ने लाखों रुपए खर्च कर सारी मशीनरी तैयार कर ली. लेकिन अब सरकार अरवा चावल लेने से मना कर रही है. इस कारण हम लोगों को लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है. हम लोग चाहते हैं कि सरकार पूर्व की भांति अरवा चावल की अधिप्राप्ति करें. जिससे हमें होने वाला नुकसान ना हो.

"वर्ष 2022-23 में अरवा राइस मिलों को धान अधिप्राप्ति कार्य से वंचित करने के सरकार के निर्देश का विरोध कर रहे हैं. बैठक में सभी राइस मिलरों के मालिकों ने अपनी-अपनी बात रखते हुए ये सर्वसम्मति से फैसला लिया है. सरकार के इस निर्णय के विरोध में हमलोग शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करेंगे" -पंकज कुमार, उपाध्यक्ष

सरकार के फैसले के खिलाफ कोर्ट जाएंगे: बैठक में शामिल मिल मालिक और अरवा राइस मिल संघ से जुड़े सदस्यों ने कहा कि यदि सरकार हमारी मांगों को पूरा नहीं करती है तो इसके बाद हमलोगों सरकार के फैसले के खिलाफ कोर्ट जाएंगे. सरकार के फैसले से जिले के सैकड़ों मिल मालिक प्रभावित हो रहे हैं. ऐसे में न्याय के लिए हमलोग न्यायालय के शरण में जाएंगे. बैठक में संघ के अध्यक्ष अजय कुमार, उपाध्यक्ष पंकज कुमार, कोषाध्यक्ष मनोज कुमार सहित सभी 65 मिलर उपस्थित हुए.

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