गया: गायों में लंपी वायरस संक्रमण (Lumpy Virus Infection in Cows) तेजी से फैल रहा है. गया में इसका संक्रमण एक से दूसरे में और फिर इससे आगे होता चला जा रहा है. इस संक्रमण की चपेट में आने वाली गाय दूध देना बहुत कम कर देती है. वहीं उनके शरीर पर चकत्ते जैसे निशान और गांठें बनने लगती है. यह गायों की सेहत के लिए काफी खतरनाक माना जाता है. लंपी वायरस थोड़ी राहत वाली बात यह है कि इससे मृत्यु दर एक से दो प्रतिशत के बीच होती है. हालांकि गयों में लंपी वायरस से मौत का मामला सामने नहीं आया है.
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सात लाख अधिक गायों को दिया जाएगा टीका: लंपी वायरस से निपटने के लिए पशुपालन विभाग पूरी तरह से तैयार दिख रहा है. पशुपालन विभाग के द्वारा लंपी वायरस से संक्रमित गोवंश को चिन्हित किया जा रहा है. अब तक 140 गाय पॉजिटिव पाई गई है, जिसमें से 110 की रिकवरी हो गई है. वहीं लंपी वायरस के संदिग्ध गायों का भी लगातार इलाज और देखभाल की जा रही है. करीब 7.5 लाख गायों को टीके दिए जाएंगे.
90 प्रतिशत गायों का टीकाकरण: क्षेत्रीय निदेशक पशुपालन मगध क्षेत्र गया के डॉक्टर रजनी रमन श्रीवास्तव ने बताया कि लंपी वायरस से निपटने के लिए पशुपालन विभाग पूरी तरह से तैयार है. 9 जनवरी से लंपी वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए टीका भी देना शुरू किया गया है. करीब 7.5 लाख गाय को टीका देने का लक्ष्य है. ताकि लंपी वायरस से मवेशियों का बचाव हो सके.
कहां मिले लंपी के मामले: बता दें कि अभी तक बिहार के कुल 12 जिलों में सर्वाधिक लंपी के मामले आए हैं. इसका कहर दरभंगा, पटना, पूर्णिया, जहानाबाद, नवादा, शेखपुरा, नालंदा, गया, बक्सर और कैमूर जिले में देखने को मिल रहा है. इससे किसान काफी परेशान हैं और पशुओं की देखभाल के लिए हर मुमकिन कोशिश करने में लगे हुए हैं. सभी गायों को लंपी से बचाने के लिए टीकाकरण कराया जा रहा है.
"लंपी वायरस से निपटने के लिए पशुपालन विभाग पूरी तरह से तैयार है. 9 जनवरी से लंपी वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए टीका भी देना शुरू किया गया है. करीब 7.5 लाख गाय को टीका देने का लक्ष्य है. ताकि लंपी वायरस से मवेशियों का बचाव हो सके." -डॉ रजनी रमन श्रीवास्तव, क्षेत्रीय निदेशक पशुपालन मगध क्षेत्र गया