ETV Bharat / state

पिंडदान करने गया पहुंची 19 विदेशी महिलाएं, कहा- पितरों के तर्पण-अर्पण करके मिली आत्म सन्तुष्टि

महिला श्रद्धालुओं में रूस, नाइजीरिया, साउथ अफ्रीका सहित कई और देशों के लोग हैं. पंडा गोपाल लाल कटियार के नेतृत्व में पुजारी लोकनाथ गौड़ दास के द्वारा इस पिंडदान के कर्मकांड विधि-विधान संपन्न करवाया गया.

पिंडदान की तैयारी करती विदेशी महिलाएं
author img

By

Published : Apr 1, 2019, 2:29 PM IST

गया: विभिन्न देशों से लगभग 19 विदेशी महिला श्रद्धालु अपने पितरों के तर्पण-अर्पण के लिए मोक्ष की धरती गया पहुंची हैं. उन सभी ने गया के विष्णुपद में फल्गु नदी के देवघाट पर पिंडदान किया. सभी विदेशी महिलाएं सनातन धर्म की परंपरा के अनुसार भारतीय वेशभूषा में कर्मकांड का विधिवत विधान संपन्न किया. इनके साथ कई बच्चे भी गया-दर्शन को आए हैं.
गया मोक्ष व ज्ञान की भूमि है, यही वजह है यहां देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोग अपने पितरों की मुक्ति लिए पिंडदान करने के लिए आते हैं.

पिंडदान करने आई विदेशी महिलाएं

कहां-कहां से पहुंचे लोग
बता दें कि इन महिला श्रद्धालुओं में रूस, नाइजीरिया, साउथ अफ्रीका सहित कई और देशों के लोग हैं. पंडा गोपाल लाल कटियार के नेतृत्व में पुजारी लोकनाथ गौड़ दास के द्वारा इस पिंडदान के कर्मकांड विधि-विधान संपन्न करवाया गया. आने वाले कल यानी मंगलवार को प्रेतशिला सहित अक्षयवट में पिंडदान करके पितरों का तर्पण-अर्पण का कर्मकांड विधि विधान संपन्न होगा.

सनातन धर्म के बारे में क्या कहते हैं विदेशी
रूस के वैदिक धर्मगुरु नताशा शेफरोना की शिष्या विदेशी महिला ने बताया कि जब से उन्हें सनातन धर्म के बारे में जानकारी हुई थी, तब से वे गया आने का बहुत इच्छुक थी. वे पहले पितृपक्ष मेला में आना चाहती थी, लेकिन नहीं आ पाई. इस बार उन्हें इस्कॉन संस्था की मदद से गया आने का मौका मिला है. वे यहां आकर बहुत अच्छा महसूस कर रही हैं.
धार्मिक तौर पर गया सनातन धर्म मे विशेष महत्व रखता है. उन्होंने यह भी कहा कि अपने पितरों के तर्पण-अर्पण करके उन्हें आत्म सन्तुष्टि मिली है.

गया: विभिन्न देशों से लगभग 19 विदेशी महिला श्रद्धालु अपने पितरों के तर्पण-अर्पण के लिए मोक्ष की धरती गया पहुंची हैं. उन सभी ने गया के विष्णुपद में फल्गु नदी के देवघाट पर पिंडदान किया. सभी विदेशी महिलाएं सनातन धर्म की परंपरा के अनुसार भारतीय वेशभूषा में कर्मकांड का विधिवत विधान संपन्न किया. इनके साथ कई बच्चे भी गया-दर्शन को आए हैं.
गया मोक्ष व ज्ञान की भूमि है, यही वजह है यहां देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोग अपने पितरों की मुक्ति लिए पिंडदान करने के लिए आते हैं.

पिंडदान करने आई विदेशी महिलाएं

कहां-कहां से पहुंचे लोग
बता दें कि इन महिला श्रद्धालुओं में रूस, नाइजीरिया, साउथ अफ्रीका सहित कई और देशों के लोग हैं. पंडा गोपाल लाल कटियार के नेतृत्व में पुजारी लोकनाथ गौड़ दास के द्वारा इस पिंडदान के कर्मकांड विधि-विधान संपन्न करवाया गया. आने वाले कल यानी मंगलवार को प्रेतशिला सहित अक्षयवट में पिंडदान करके पितरों का तर्पण-अर्पण का कर्मकांड विधि विधान संपन्न होगा.

सनातन धर्म के बारे में क्या कहते हैं विदेशी
रूस के वैदिक धर्मगुरु नताशा शेफरोना की शिष्या विदेशी महिला ने बताया कि जब से उन्हें सनातन धर्म के बारे में जानकारी हुई थी, तब से वे गया आने का बहुत इच्छुक थी. वे पहले पितृपक्ष मेला में आना चाहती थी, लेकिन नहीं आ पाई. इस बार उन्हें इस्कॉन संस्था की मदद से गया आने का मौका मिला है. वे यहां आकर बहुत अच्छा महसूस कर रही हैं.
धार्मिक तौर पर गया सनातन धर्म मे विशेष महत्व रखता है. उन्होंने यह भी कहा कि अपने पितरों के तर्पण-अर्पण करके उन्हें आत्म सन्तुष्टि मिली है.

Intro:विभिन्न देशों के उन्नीस विदेशी महिला श्रद्धालु अपने पितरों के तर्पण-अर्पण के लिए गया के विष्णुपद में फल्गु नदी के देवघाट पर पिंडदान किया। सभी विदेशी महिला सनातन धर्म के परंपरा के अनुसार भारतीय वेशभूषा में कर्मकांड का विधि विधान संपन्न किया।


Body:गया मोक्ष व ज्ञान की भूमि हैं, यही वजह हैं यहां देश ही नही विदेशों से भी अपने पितरों की मुक्ति लिए पिंडदान करने के लिए आते हैं।। आज रूस, नाइजीरिया, साउथ अफ्रीका सहित कई देशों के महिला श्रद्धालु गया पहुँची। विष्णुपद के फल्गु नदी के देवघाट पर पिंडदान किया। पंडा गोपाल लाल कटियार के नेतृत्व में पुजारी लोकनाथ गौड़ दास के द्वारा पिंडदान का आज का कर्मकांड विधि विधान संपन्न करवाया। आज उन्नीस विदेशी श्रद्धालु देवघाट में पिंडदान किया, कल प्रेतशिला सहित अक्षयवट में पिंडदान करके पितरो का तर्पण-अर्पण का कर्मकांड विधि विधान संपन्न होग़ा।

रूस के वैदिक धर्मगुरु नताशा शेफरोना के शिष्या विदेशी महिला ने बताया गया सनातन धर्म मे विशेष महत्व रखता है।जब से सनातन धर्म के बारे में जानकारी हुआ तब से गया आने का बहुत इच्छा थी। पितृपक्ष मेला में गया नही आ सकी थी। इस बार इस्कॉन संस्था की मदद से गया आने का मौका आज मिला है। यहां आकर बहुत अच्छा लग रहा है। धार्मिक तौर पर गयाजी सनातन धर्म मे विशेष महत्व रखता है। अपने पितरों के तर्पण अर्पण करके आत्म सन्तुष्टि मिला है।

विदेशी श्रद्धालुओं गया में लोकनाथ गौड़ दास के मार्गदर्शन में आयी हैं। लोकनाथ गौड़ दास ने बताया सात देशो से उन्नीस विदेशी श्रद्धालु आये हैं। जिसमे महिला और बच्चे शामिल है।सभी लोग इस्कॉन के माध्यम से जुड़े हुए हैं। सभी श्रद्धालु सनातन धर्म प्रति आस्था रखते हैं। इस धर्म से काफी प्रभावित है।


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.