ETV Bharat / state

मोतिहारी: चिमनी पर बंधक बने 25 से ज्यादा मजदूर कराए गए मुक्त, जबरन कराया जाता था मजदूरी - चिमनी पर बंधक बने 25 से ज्यादा मजदूर कराए गए मुक्त

मोतिहारी में मजदूरों को बंधक बनाए जाने की शिकायत के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 25 से भी ज्यादा मजदूरों को मुक्त करा लिया है. सभी मजदूर उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं. पुलिस मामले की जांच में जुट गई है.

चिमनी पर बंधक बने 25 मजदूर कराए गए मुक्त
चिमनी पर बंधक बने 25 मजदूर कराए गए मुक्त
author img

By

Published : Oct 15, 2022, 8:49 PM IST

मोतिहारीः बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में एसपी के पहल पर चिमनी में जबरन बंधक बना (Workers hostage in Motihari) कर रखे गए 25 मजदूर और उनके 12 बच्चों को मुक्त करा दिया गया है. सभी को मुक्त कराने के बाद उन्हें उनके घर भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.

मजदूरों ने किया था शिकायत: जानकारी के मुताबिक बंधक बने किसी मजदूर ने एसपी कुमार आशीष (SP Kumar Ashish) को फोन करके चिमनी मालिक द्वारा जबरन मजदूरी कराये जाने की शिकायत की थी. मजदूर ने एसपी को फोन पर जानकारी दी कि केसरिया थाना क्षेत्र के भगवतिया स्थित एनपीएस चिमनी के मुंशी द्वारा जबरन बंधक बना कर काम कराया जा रहा हैं. मजदूर ने बताया कि पैसा मांगने पर चिमनी मालिक के द्वारा गाली दी जाती है. मजदूर ने ये भी बताया कि बीमार पड़ने पर दवा भी नहीं दी जाती है और मजदूरों को कहीं आने-जाने भी नहीं दिया जा रहा है. जिसके बाद एसपी ने केसरिया थानाध्यक्ष कृष्ण प्रसाद सिंह (Kesaria SHO Krishna Prasad Singh) को रेस्क्यू ऑपरेशन चला कर उन्हें मुक्त कराने का निर्देश दिया.

पुलिस ने की त्वरित कार्रवाई: मामले की सूचना मिलते ही पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की. केसरिया थानाध्यक्ष कृष्ण प्रसाद सिंह ने एसपी के निर्देश पर जिला श्रम अधीक्षक (District Labor Superintendent) को पूरे मामले की जानकारी दी और तत्काल पुलिस बल के साथ चिमनी पर पहुंचे. जहां बंधुआ मजदूरी कर रहे 13 महिला, 12 पुरुष और 12 छोटे बच्चों को मुक्त करा कर उन्हें थाना लाया गया. जिसके बाद श्रम अधीक्षक सत्यप्रकाश ने मजदूरों से पूछताछ की और उनकी गवाही ली. उन्होंने मजदूरों को श्रम अधिनियम के तहत चार दिन का बकाया लगभग 40 हजार रुपया मजदूरी के रुप में भुगतान कराया गया.

"एसपी के पहल पर चिमनी में जबरन बंधक बना कर रखे गए 25 मजदूर और उनके 12 बच्चों को मुक्त कराया गया है. इन मजदूरों से जबरन मजदूरी कराये जाने की शिकायत एसपी को मिली थी. मुक्त कराए गए सभी मजदूर यूपी के रहने वाले हैं और सभी को उनके घर भेजने की प्रक्रिया की जा रही है. नियोक्ता चिमनी मालिक के खिलाफ श्रम अधिनियम के तहत नोटिस निर्गत किया गया है. जिसकी सुनवाई मंगलवार को होगी". -सत्य प्रकाश, श्रम अधीक्षक

चिमनी मालिक ने आरोपों से किया इनकार: चिमनी मालिक नितेश मिश्रा ने आरोपों से किनारा करते हुए बताया कि उन्होंने यूपी के मुरादाबाद के ठेकेदार राजकुमार से मजदूर मंगवाए थे. जिसे एडवांस के तौर पर दो लाख 30 हजार रुपए दिया था. उन्होंने बताया कि वो मजदूरों को लाने का भाड़ा 36 हजार रुपया भी दे चुका है.

"मजदूरों को राशन के लिए 30 हजार रुपए दिया i. सभी मजदूर चार दिन पहले आए हैं और चार दिन में हीं इन मजदूरों को बंधक बना कर मजदूरी कराना क्या संभव है. मुझे जान बूझ कर फंसाया गया हैं". नितेश मिश्रा, चिमनी मालिक

मोतिहारीः बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में एसपी के पहल पर चिमनी में जबरन बंधक बना (Workers hostage in Motihari) कर रखे गए 25 मजदूर और उनके 12 बच्चों को मुक्त करा दिया गया है. सभी को मुक्त कराने के बाद उन्हें उनके घर भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.

मजदूरों ने किया था शिकायत: जानकारी के मुताबिक बंधक बने किसी मजदूर ने एसपी कुमार आशीष (SP Kumar Ashish) को फोन करके चिमनी मालिक द्वारा जबरन मजदूरी कराये जाने की शिकायत की थी. मजदूर ने एसपी को फोन पर जानकारी दी कि केसरिया थाना क्षेत्र के भगवतिया स्थित एनपीएस चिमनी के मुंशी द्वारा जबरन बंधक बना कर काम कराया जा रहा हैं. मजदूर ने बताया कि पैसा मांगने पर चिमनी मालिक के द्वारा गाली दी जाती है. मजदूर ने ये भी बताया कि बीमार पड़ने पर दवा भी नहीं दी जाती है और मजदूरों को कहीं आने-जाने भी नहीं दिया जा रहा है. जिसके बाद एसपी ने केसरिया थानाध्यक्ष कृष्ण प्रसाद सिंह (Kesaria SHO Krishna Prasad Singh) को रेस्क्यू ऑपरेशन चला कर उन्हें मुक्त कराने का निर्देश दिया.

पुलिस ने की त्वरित कार्रवाई: मामले की सूचना मिलते ही पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की. केसरिया थानाध्यक्ष कृष्ण प्रसाद सिंह ने एसपी के निर्देश पर जिला श्रम अधीक्षक (District Labor Superintendent) को पूरे मामले की जानकारी दी और तत्काल पुलिस बल के साथ चिमनी पर पहुंचे. जहां बंधुआ मजदूरी कर रहे 13 महिला, 12 पुरुष और 12 छोटे बच्चों को मुक्त करा कर उन्हें थाना लाया गया. जिसके बाद श्रम अधीक्षक सत्यप्रकाश ने मजदूरों से पूछताछ की और उनकी गवाही ली. उन्होंने मजदूरों को श्रम अधिनियम के तहत चार दिन का बकाया लगभग 40 हजार रुपया मजदूरी के रुप में भुगतान कराया गया.

"एसपी के पहल पर चिमनी में जबरन बंधक बना कर रखे गए 25 मजदूर और उनके 12 बच्चों को मुक्त कराया गया है. इन मजदूरों से जबरन मजदूरी कराये जाने की शिकायत एसपी को मिली थी. मुक्त कराए गए सभी मजदूर यूपी के रहने वाले हैं और सभी को उनके घर भेजने की प्रक्रिया की जा रही है. नियोक्ता चिमनी मालिक के खिलाफ श्रम अधिनियम के तहत नोटिस निर्गत किया गया है. जिसकी सुनवाई मंगलवार को होगी". -सत्य प्रकाश, श्रम अधीक्षक

चिमनी मालिक ने आरोपों से किया इनकार: चिमनी मालिक नितेश मिश्रा ने आरोपों से किनारा करते हुए बताया कि उन्होंने यूपी के मुरादाबाद के ठेकेदार राजकुमार से मजदूर मंगवाए थे. जिसे एडवांस के तौर पर दो लाख 30 हजार रुपए दिया था. उन्होंने बताया कि वो मजदूरों को लाने का भाड़ा 36 हजार रुपया भी दे चुका है.

"मजदूरों को राशन के लिए 30 हजार रुपए दिया i. सभी मजदूर चार दिन पहले आए हैं और चार दिन में हीं इन मजदूरों को बंधक बना कर मजदूरी कराना क्या संभव है. मुझे जान बूझ कर फंसाया गया हैं". नितेश मिश्रा, चिमनी मालिक

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.