मोतिहारी: बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में मोतिहारी नगर निगम (Motihari Municipal Corporation) की राजनीति (Politics In Municipal Corporation) अब सड़क पर आ गई है. मेयर अंजू देवी (Mayor Anju Devi) के खिलाफ आये अविश्वास प्रस्ताव को रद्द करने का एक पत्र नगर विकास एवं आवास विभाग के नगरपालिका प्रशासन निदेशालय के उपनिदेशक बुद्ध प्रकाश ने 29 जुलाई को जारी कर दिया. मेयर अंजू देवी की कुर्सी बच गई है. उपनिदेशक के जारी पत्र को असंवैधानिक बताते हुए मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए विक्षुब्ध गुट के वार्ड पार्षद अब आंदोलित हो गए हैं.
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उपनिदेशक के कार्रवाई के खिलाफ नाराज वार्ड पार्षदों ने बुधवार को नगर में कैंडल मार्च निकाला. वार्ड पार्षद अमरेंद्र सिंह के नेतृत्व में निकला कैंडल मार्च शहर के ज्ञानबाबू चौक से चलकर गांधी चौक तक आया. कैंडल मार्च का नेतृत्व कर रहे वार्ड पार्षद अमरेंद्र सिंह ने बताया कि नगर विकास विभाग के अधिकारी ने विगत 29 जुलाई को एक चिट्ठी जारी किया है.
'उपनिदेशक के उस चिट्ठी को अगर वैधता प्रदान किया जाता है तो पूरे बिहार के सभी वार्ड पार्षदों का कार्यकाल 5 साल से घटकर 4 वर्ष दो महीने का हो जाएगा, जो गैर संवैधानिक है. इसलिए राज्य के सभी वार्ड पार्षदों के हक की लड़ाई मोतिहारी से शुरु हुई है.' : अमरेंद्र सिंह, वार्ड पार्षद
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बता दें कि मोतिहारी नगर निगम में 38 वार्ड पार्षद हैं जिसमें से 32 विक्षुब्ध वार्ड पार्षदों ने विगत 16 जुलाई को मेयर अंजू देवी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर विशेष बैठक बुलाने के लिए अधियाचना पत्र दिया था. मेयर अंजू देवी के ऊपर लगे अविश्वास प्रस्ताव को रद्द करने से संबंधित नगर विकास एवं आवास विभाग के उपनिदेशक बुद्ध प्रकाश के जारी पत्र ने नगर निगम की राजनीति में अब उबाल ला दिया है. उपनिदेशक के जारी पत्र को गैर संवैधानिक बताते हुए विक्षुब्ध गुट ने नगर विकास विभाग के खिलाफ हीं अब मोर्चा खोल दिया है.
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