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पूर्वी चंपारण में AES से 12 बच्चों की मौत, बचाव के लिए बारिश ही आसरा

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Published : Jun 19, 2019, 2:07 AM IST

डॉक्टरों के अनुसार भीषण गर्मी के कारण AES का प्रकोप है. अभी तक रिसर्च में यही सामने आया है कि तेज धूप और भीषण गर्मी के कारण बच्चों में यह बिमारी हो रही है.

अस्पताल

मोतिहारी: जिले में AES के 41 और जेई के दो मरीज चिह्नित हुए हैं. जिनमें से कुछ का मोतिहारी के विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है. जबकि अधिकांश बच्चों का इलाज मुजफ्फरपुर में चल रहा है. सदर अस्पताल मोतिहारी में सात बच्चों का ईलाज हो रहा है. जिले में एईएस से अब तक 12 बच्चों की मौत हो चुकी है. जबकि जेई से जिले में किसी बच्चे की मौत नहीं हुई है.

motihari
सदरअस्पताल

भीषण गर्मी में AES और जेई जहां बच्चों के लिए काल बना हुआ है. वहीं, सन स्ट्रोक की धमक से भी जिले में मौतें हो रही है. महामारी का रुप ले चुके इस बिमारी का अब बारिश ही अंतिम उपाय है, जिससे इसका प्रभाव कम हो. जिले के लोग त्राहिमाम कर रहे हैं और जल्द वर्षा के लिए भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं.

जानकारी देते डॉक्टर

बचाव ही एक मात्र उपाय

चिकित्सकों के अनुसार भीषण गर्मी के कारण AES का प्रकोप है. अभी तक रिसर्च में यही सामने आया है कि तेज धूप और भीषण गर्मी के कारण बच्चों में यह बिमारी हो रही है. इससे बचाव ही एक मात्र उपाय है. क्योंकि इस बिमारी के वायरस का अभी तक पता नहीं चल सका है.

मोतिहारी: जिले में AES के 41 और जेई के दो मरीज चिह्नित हुए हैं. जिनमें से कुछ का मोतिहारी के विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है. जबकि अधिकांश बच्चों का इलाज मुजफ्फरपुर में चल रहा है. सदर अस्पताल मोतिहारी में सात बच्चों का ईलाज हो रहा है. जिले में एईएस से अब तक 12 बच्चों की मौत हो चुकी है. जबकि जेई से जिले में किसी बच्चे की मौत नहीं हुई है.

motihari
सदरअस्पताल

भीषण गर्मी में AES और जेई जहां बच्चों के लिए काल बना हुआ है. वहीं, सन स्ट्रोक की धमक से भी जिले में मौतें हो रही है. महामारी का रुप ले चुके इस बिमारी का अब बारिश ही अंतिम उपाय है, जिससे इसका प्रभाव कम हो. जिले के लोग त्राहिमाम कर रहे हैं और जल्द वर्षा के लिए भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं.

जानकारी देते डॉक्टर

बचाव ही एक मात्र उपाय

चिकित्सकों के अनुसार भीषण गर्मी के कारण AES का प्रकोप है. अभी तक रिसर्च में यही सामने आया है कि तेज धूप और भीषण गर्मी के कारण बच्चों में यह बिमारी हो रही है. इससे बचाव ही एक मात्र उपाय है. क्योंकि इस बिमारी के वायरस का अभी तक पता नहीं चल सका है.

Intro:मोतिहारी।जिले में तपता सूर्य आग बर्षा रहा है।भीषण गर्मी में एईएस और जेई जहां बच्चों के लिए काल बना हुआ है।तो सन स्ट्रोक की धमक से भी जिले में मौत हो रही है।महामारी का रुप ले चुके इस बिमारी का अब बारिश ही अंतिम उपाय है।


Body:जिले में एईएस के 41 और जेई के दो मरीज चिह्नित हुए हैं।जिनमें से कुछ का मोतिहारी के विभिन्न अस्पतालों में ईलाज चल रहा है।जबकि अधिकांश बच्चों का ईलाज मुजफ्फरपुर में चल रहा है।सदर अस्पताल मोतिहारी में सात बच्चों का ईलाज हो रहा है।जिले में एईएस से अब तक बारह बच्चों की मौत हो चुकी है।जबकि जेई से इस जिले में किसी बच्चे की मौत नहीं हुई है।


Conclusion:चिकित्सकों के अनुसार भीषण गर्मी के कारण एईएस का प्रकोप है और अभी तक रिसर्च में यहीं सामने आया है कि तेज धूप और भीषण गर्मी के कारण बच्चों में यह बिमारी हो रही है।जिससे बचाव हीं एक मात्र उपाय है।क्योंकि इस बिमारी के वायरस का अभी तक पता नहीं चला है।
बाईट.....डा. बीके सिंह......सीएस,पूर्वी चंपारण
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