मोतिहारी: जिले में AES के 41 और जेई के दो मरीज चिह्नित हुए हैं. जिनमें से कुछ का मोतिहारी के विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है. जबकि अधिकांश बच्चों का इलाज मुजफ्फरपुर में चल रहा है. सदर अस्पताल मोतिहारी में सात बच्चों का ईलाज हो रहा है. जिले में एईएस से अब तक 12 बच्चों की मौत हो चुकी है. जबकि जेई से जिले में किसी बच्चे की मौत नहीं हुई है.
भीषण गर्मी में AES और जेई जहां बच्चों के लिए काल बना हुआ है. वहीं, सन स्ट्रोक की धमक से भी जिले में मौतें हो रही है. महामारी का रुप ले चुके इस बिमारी का अब बारिश ही अंतिम उपाय है, जिससे इसका प्रभाव कम हो. जिले के लोग त्राहिमाम कर रहे हैं और जल्द वर्षा के लिए भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं.
बचाव ही एक मात्र उपाय
चिकित्सकों के अनुसार भीषण गर्मी के कारण AES का प्रकोप है. अभी तक रिसर्च में यही सामने आया है कि तेज धूप और भीषण गर्मी के कारण बच्चों में यह बिमारी हो रही है. इससे बचाव ही एक मात्र उपाय है. क्योंकि इस बिमारी के वायरस का अभी तक पता नहीं चल सका है.