मोतिहारी: एक ट्रक मालिक के हाई वोल्टेज ड्रामा से विभाग की सांसे अटकी रही. वह मुख्य अभियंता जल संसाधन विभाग के गेट पर बने ऊंचे मेहराव पर रस्सी लेकर चढ़ गया और जब्त ट्रक को नहीं छोड़ने पर फांसी लगा कर आत्महत्या करने की धमकी देने लगा. उसने फंदा लगाकर आत्महत्या करने का समय शाम के चार बजे शाम का दिया था. लगभग पांच घंटे के बाद उसे सकुशल उतारने में सफलता मिली.
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कार्यालय के गेट पर चढ़कर व्यक्ति ने किया ड्रामा: यूपी के रहने वाले ट्रक मालिक मनोज सिंह का कहना है कि उसने भाड़े पर ट्रांसपोर्टर को ट्रक दिया था और उसे लकड़ी समेत वन विभाग ने पकड़ लिया. लेकिन उसे छोड़ा नहीं जा रहा है. वहीं वन विभाग के डीएफओ श्वेता कुमारी का कहना है कि नियम संगत कार्रवाई होगी.दरअसल उत्तरप्रदेश के मुजफ्फरनगर के रहने वाले मनोज यादव दो ट्रकों को चलवाता है.उसके एक ट्रक को 16 जनवरी 2022 को मधुबन थाना क्षेत्र के कोठी पुल के पास वन विभाग ने पकड़ लिया. जिसपर वेल्लोर लकड़ी लदा हुआ था. लकड़ी जब्ती मामले में मनोज कुमार समेत तुरकौलिया थाना क्षेत्र के कन्ही टोला के रहने वाले रामपुकार सहनी को नामजद किया गया था.
ट्रक छोड़ने की करता रहा मांग: वन विभाग के कोर्ट से कई नोटिस भेजा गया,लेकिन रामपुकार सहनी हाजिर नहीं हुआ. ट्रक छुड़ाने के लिए मनोज कुमार वन विभाग कार्यालय में बने शेड में रहता था. वन विभाग के कोर्ट से ट्रक को रिलीज नहीं किए जाने से आजीज होकर विभाग के गेट पर बने ऊंचे मेहराब पर चढ़ गया. मनोज ने चार बजे फांसी लगाकर आत्महत्या करने की चेतावनी दी थी.
जान देने की धमकी से हड़कंप: मनोज की जान देने की धमकी के बाद विभाग की सांसे अटक गई. पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची. स्थानीय लोगों के साथ अधिकारियों की टीम उसे ऊपर से उतारने के प्रयास में जुटी रही. लेकिन वह मानने को तैयार नहीं था. बाद में परिवार वालों से उसकी बात करायी गई. कई लोगों ने मनोज तो उतारने के लिए मोर्चा संभाला, सभी नाकाम रहे.
इस दोस्त ने समझाकर उतारा: इसी दौरान मोतिहारी रहने के दौरान उसकी दोस्ती सिंचाई विभाग के एक चतुर्थ वर्गीय कर्मी से हो गई थी. जब वह आया तब जाकर मनोज को पांच घंटों की नौटंकी के बाद नीचे उतारा जा सका. डीएफओ श्वेता कुमारी ने बताया कि अवैध लकड़ी के परिवहन से जुड़ा मामला है.
"दो जून के बाद निर्गत किए जा रहे विभागीय नोटिस का यह सही जवाब नहीं दे रहा है. यह भी नहीं बता रहा है कि सरकारी है या प्राइवेट है. लकड़ी मालिक का नाम नहीं बता रहा है. इसके पूर्व भी इसने एक बार ड्रामा किया था. इस मामले विधि सम्मत कार्रवाई की जा रही है."- श्वेता कुमारी, डीएफओ,मोतिहारी प्रमंडल