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मोतिहारी पहुंचे नाट्य कलाकार सरकारी व्यवस्था से हुए मायूस, कहा- नहीं है पानी तक की व्यवस्था

सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के माध्यम से पहुंचे कलाकार जिला प्रशासन की व्यवस्था से मायूस हैं. कलाकार जिला जनसम्पर्क कार्यालय में फर्श पर सोने को विवश हैं. कलाकारों के लिए पेयजल और शौचालय की व्यवस्था भी नहीं की गई है.

नाट्य कलाकार
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Published : Sep 30, 2019, 11:45 PM IST

पूर्वी चंपारण: मुख्यमंत्री के अभियान जल जीवन हरियाली को लेकर लोगों में नाटकों के माध्यम से जागरुकता फैलाने के लिए राजधानी और सोनपुर से पहुंचा तीस सदस्यीय कलाकारों का जत्था सरकारी व्यवस्था से आहत हैं. कलाकारों को सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग की ओर से बुलाया गया था.

बिहार सरकार दो अक्टूबर से जल जीवन हरियाली अभियान की शुरुआत करने वाली थी, लेकिन राजधानी के अलावा कई जिलों में भीषण जलजमाव की स्थिति होने के कारण इस अभियान के शुभारंभ की तिथि को अगले निर्देश तक बढ़ा दिया गया है.

theatrical artists are disappointed with bihar government
पटना और सोनपुर से आए नाट्य कलाकार

कलाकारों के लिए नहीं की गई है कोई व्यवस्था
अभियान को सफल बनाने के लिए जिले के विभिन्न जगहों पर नाटकों के माध्यम से लोगों को जागरुक किया जा रहा है. लिहाजा, सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के माध्यम से पहुंचे कलाकार जिला प्रशासन की व्यवस्था से मायूस हैं. लगातार हो रही बारिश के बीच इन कलाकारों के ठहरने की व्यवस्था नहीं की गई है. ऐसे में कलाकार जिला जनसम्पर्क कार्यालय में फर्श पर सोने को विवश हैं. कलाकारों के लिए पेयजल और शौचालय की व्यवस्था भी नहीं की गई है.

नाट्य कलाकार हैं सरकार से मायूस

30 सदस्यीय टीम में 7 हैं महिलाएं
कलाकारों के जत्थे में राजधानी से दो टीम और सोनपुर से एक टीम कार्यक्रम के लिए आई है. इस तीस सदस्यीय टीम में सात महिलाएं हैं. महिलाओं के सुरक्षा को लेकर भी कलाकार चिंतित दिखे. इधर, जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी आलोक कुमार ने व्यवस्था पर कुछ भी ज्यादा बोलने से इंकार करते हुए बोला कि बारिश के कारण कलाकार यहां ठहरे हुए थे. जिन्हें लौट जाने के लिए कह दिया गया है. मौसम सामान्य होने के बाद कलाकारों को फिर से बुलाया जाएगा.

पूर्वी चंपारण: मुख्यमंत्री के अभियान जल जीवन हरियाली को लेकर लोगों में नाटकों के माध्यम से जागरुकता फैलाने के लिए राजधानी और सोनपुर से पहुंचा तीस सदस्यीय कलाकारों का जत्था सरकारी व्यवस्था से आहत हैं. कलाकारों को सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग की ओर से बुलाया गया था.

बिहार सरकार दो अक्टूबर से जल जीवन हरियाली अभियान की शुरुआत करने वाली थी, लेकिन राजधानी के अलावा कई जिलों में भीषण जलजमाव की स्थिति होने के कारण इस अभियान के शुभारंभ की तिथि को अगले निर्देश तक बढ़ा दिया गया है.

theatrical artists are disappointed with bihar government
पटना और सोनपुर से आए नाट्य कलाकार

कलाकारों के लिए नहीं की गई है कोई व्यवस्था
अभियान को सफल बनाने के लिए जिले के विभिन्न जगहों पर नाटकों के माध्यम से लोगों को जागरुक किया जा रहा है. लिहाजा, सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के माध्यम से पहुंचे कलाकार जिला प्रशासन की व्यवस्था से मायूस हैं. लगातार हो रही बारिश के बीच इन कलाकारों के ठहरने की व्यवस्था नहीं की गई है. ऐसे में कलाकार जिला जनसम्पर्क कार्यालय में फर्श पर सोने को विवश हैं. कलाकारों के लिए पेयजल और शौचालय की व्यवस्था भी नहीं की गई है.

नाट्य कलाकार हैं सरकार से मायूस

30 सदस्यीय टीम में 7 हैं महिलाएं
कलाकारों के जत्थे में राजधानी से दो टीम और सोनपुर से एक टीम कार्यक्रम के लिए आई है. इस तीस सदस्यीय टीम में सात महिलाएं हैं. महिलाओं के सुरक्षा को लेकर भी कलाकार चिंतित दिखे. इधर, जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी आलोक कुमार ने व्यवस्था पर कुछ भी ज्यादा बोलने से इंकार करते हुए बोला कि बारिश के कारण कलाकार यहां ठहरे हुए थे. जिन्हें लौट जाने के लिए कह दिया गया है. मौसम सामान्य होने के बाद कलाकारों को फिर से बुलाया जाएगा.

Intro:मोतिहारी।नीतीश सरकार की महत्त्वाकांक्षी अभियान जल जीवन हरियाली को लेकर लोगों में नाटकों के माध्यम से जागरुकता फैलाने के लिए मोतिहारी पहुंचे कलाकारों का जत्था सरकारी व्यवस्था से आहत हैं।सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के बुलावे पर पटना और सोनपुर से पहुंची तीस सदस्यीय कलाकारों के लिए उपलब्ध व्यवस्था ने कई तरह के प्रश्न खड़े कर दिए हैं।


Body:नीतीश सरकार दो अक्टूबर से जल जीवन हरियाली अभियान की शुरुआत करने वाली थी।राजधानी के अलावा कई जिलों में बाढ़ की स्थिति बनने के कारण इस अभियान के शुरुआत की तिथि को अगले निर्देश तक बढ़ा दिया गया है।इस अभियान को सफल बनाने के लिए जिले के विभिन्न जगहों पर नाटकों के माध्यम से लोगों को जागरुक किया जाएगा।लिहाजा,सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के माध्यम से पहुंचे नाट्य कलाकार जिला प्रशासन की व्यवस्था से दो चार हो रहे हैं।लगातार हो रही बारिश के बीच इन कलाकारों के ठहरने की व्यवस्था नहीं की गई है और कलाकार जिला जनसम्पर्क कार्यालय में फर्श पर सोने को विवश है।महिला पुरुष सभी एक हीं कमरे अथवा चबूतरा पर समय गुजार रहे हैं।कलाकारों के लिए पेयजल की व्यवस्था नहीं है और ना हीं शौचालय की व्यवस्था है।


Conclusion:पटना से दो टीम और सोनपुर से एक टीम आई है।तीस सदस्यीय टीम में सात महिलाएं हैं।लगातार बारिश होने के कारण इन्हे काम भी नहीं मिला है।इन कलाकारों को महिलाओं की सूरक्षा को लेकर ज्यादा चिंता है।ठहरने का कोई व्यवस्था नहीं रहने के कारण सभी कलाकार जिला जनसंपर्क कार्यालय में किसी तरह इस व्यवस्था को कोसते हुए समय गुजारने में लगे हैं।इधर जिला जनसंपर्क पदाधिकारी आलोक कुमार ने कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से इंकार करते हुए बताया कि बारिश के कारण कलाकार यहां ठहरे हुए थे।जिन्हे लौट जाने के लिए कह दिया गया है।मौसम सामान्य होने के बाद कलाकारों को फिर से बुलाया जाएगा।बहरहाल,लोगों को जिस बात के लिए जागरुक करने कलाकार आए हैं और जब उन्हे उसी की समस्या से दो चार होना पड़े।तो आखिर वह लोगों को कैसे जागरुक कर पायेंगे।यह एक बड़ा सवाल है।

बाईट.....बिगन सहनी....कलाकार(उजला टोपी)
बाईट.....आशा पाण्डेय .....कलाकार
बाईट......रामजीत सिंह....कलाकार(चश्मा पहने)
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