मोतिहारी: कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. चरस तस्करी के मामले में नामजद अभियुक्त को दस साल का सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है. प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ब्रजेश कुमार ने चरस तस्करी मामले में दोषी पाते हुए सजा सुनाई है. सजा नेपाल परसा जिला के वीरगंज भिहवा निवासी भरत राउत के पुत्र रौशन राउत को सुनाई गई है.
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चरस तस्करी मामले में दोषी को 10 साल की सजा: साथ ही कोर्ट ने दो लाख रूपए के अर्थ दंड की सजा सुनाई है. अर्थ दंड नहीं देने पर अभियुक्त को एक वर्ष की अतिरिक्त सजा काटनी होगी. एनडीपीएस वाद संख्या 50/2017 विचारण के दौरान विशेष लोक अभियोजक डा. शंभू शरण सिंह ने पांच गवाहों को न्यायालय में प्रस्तुत कर अभियोजन का पक्ष रखा.
इन धाराओं में हुआ सजा का ऐलान: न्यायाधीश ने वाद विचारण के बाद धारा 20( बी)ii(सी) एवं 23(सी) एनडीपीएस एक्ट में रौशन राउत को दोषी पाते हुए सजा सुनाई. कारागार में बिताये गए समय का समायोजन सजा की अवधि से होगा. रौशन राउत 29 मई 2017 से केंद्रीय कारागार मोतिहारी में बंद है.
यह है पूरा मामला: बता दें कि रक्सौल के पनटोका एसएसबी कैंप प्रभारी रविन्द्र सिंह ने रक्सौल थाना कांड संख्या 162/2017 दर्ज कराते हुए रौशन राउत को नामजद किया था. दर्ज प्राथमिकी के अनुसार गुप्त सूचना के आधार पर रक्सौल कौड़िहार चौक के समीप नेपाल की ओर से कंधा पर बैग रखे आ रहे एक युवक को पकड़ा गया. बैग की जांच की गई तो बैग से बारह छोटे-छोटे पैकेट में रखे छह किलो चरस बरामद किए गए थे.