मोतिहारी: बिहार के मोतिहारी में बीईओ को बंधक बनाया गया. शिक्षकों ने रिश्वत (BEO accused of demanding bribe in Motihari) मांगने का आरोप लगाकर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय पर प्रदर्शन कर ताला लगा दिया, जिससे काफी समय तक बीईओ कार्यालय के अंदर बंद रहे. मामला जिले के ढ़ाका प्रखंड का है. शिक्षकों ने वर्ष 2006 में नियोजित शिक्षकों ने वेतन विसंगति में सुधार के नाम पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाया है. इसके विरोध में बीईओ को कार्यालय कक्ष में बंधक बना लिया और कार्यालय में ताला लगाकर प्रदर्शन किया.
यह भी पढ़ेंः Manish Kashyap Case : यूट्यूबर मनीष कश्यप को सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत, कार्रवाई रोकने से इनकार
वेतन विसंगति का मामलाः वर्ष 2006 में नियोजित हुए शिक्षकों का साल 2015 में वेतन विसंगति हो गई. वरीय शिक्षकों का वेतन कनीय शिक्षकों से कम हो गया. जिसको लेकर सरकार के स्तर से भी पहल शुरु हुई. इधर शिक्षकों ने जिला के वरीय अधिकारियों से गुहार लगायी. फिर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना ने 27 मार्च को चिट्ठी जारी कर सेवा पूर्व प्रशिक्षित शिक्षकों के वेतन निर्धारण की समीक्षा कर त्रुटियों का विभागीय नियमानुसार निराकरण कर एक सप्ताह के अंदर जिला को प्रतिवेदन सौंपने का निर्देश दिया, लेकिन एक सप्ताह के बाद भी वेतन विसंगति के निराकरण से संबंधित रिपोर्ट नहीं पेश किया गया.
एक सप्ताह में काम करके देना थाः शिक्षक नीलमणि सुमन ने बताया कि वर्ष 2006 में नियोजित शिक्षकों का वेतन विसंगति 2015 में हो गया था, जिसके सुधार को लेकर बिहार सरकार और जिला शिक्षा पदाधिकारी ने पत्र निर्गत किया था. उस पत्र के आलोक में एक सप्ताह के अंदर वेतन विसंगति दूर करके जिला को सौंपना था, लेकिन बीईओ ने प्रखंड के शिक्षकों को बरगला कर पांच-पांच हजार रुपए रिश्वत मांगनी शुरु कर दी. जिस कारण बीईओ को हम सभी शिक्षकों ने उनके कार्यालय में बंद कर दिया है. जबतक वह वेतन विसंगति वाला फाइल निपटा कर जिला को नहीं भेजेंगे, तबतक उनको बंद रखा जाएगा.
"जो 2006 में बहाल हैं. उनका वेतन विसंगति 2015 में हो गया था. इसके सुधार के लिए राज्य सरकार और डीईओ मोतिहारी ने पत्र जारी किया था. इस मामले में एक सप्ताह में बीईओ को काम कर के जिला को भेजना था, लेकिन बीईओ ढ़ाका सभी शिक्षकों से 5-5 हजार रुपए की मांग कर रहे हैं और शिक्षकों को गुमराह कर रहे हैं. जब तक काम नहीं होगा, डीईओ बंद रहेंगे." -नीलमणि सुमन, शिक्षक
आरोप को बताया निराधारः शिक्षा पदाधिकारी अखिलेश कुमार ने अपने उपर लगे आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि वेतन विसंगति मामले में शिक्षा निदेशक के पत्र के आलोक में डीपीओ को पत्र लिखा है. डीपीओ स्थापना का आदेश आने के बाद हीं कोई कार्रवाई हो सकती है. जिसके बारे में शिक्षकों को अवगत भी करा दिया है, फिर भी शिक्षकों ने काफी बदतमीजी की है. मामले की जानकारी मिलने पर बीआरसी पहुंचे ढ़ाका थानाध्यक्ष ने लगभग एक घंटे बाद बीईओ को मुक्त कराया.
"जिला से जैसा निर्देश मिलेगा, वैसा कार्य किया जाएगा. सब कुछ जानते हुए भी 15 से 20 की संख्या में शिक्षकों ने बीआरसी में आकर दुर्व्यवहार किया, गाली दी और धमकी भी दी पुलिस अधीक्षक और सिकरहना एसडीओ को इसकी जानकारी दे दी है गई है. उचित कार्रवाई की मांग की गई है." -अखिलेश कुमार, बीईओ, ढ़ाका