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कोटा में फंसे छात्रों के अभिभावक बोले- बच्चों को कुछ हुआ तो नीतीश कुमार को देना होगा जवाब

कोटा में प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करने गए बिहार के कई छात्र लॉकडाउन की वजह से फंस गए हैं. इसकी वजह से अभिभावक परेशान और चिंतित हैं.

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Published : Apr 23, 2020, 5:27 PM IST

Updated : May 25, 2020, 6:24 PM IST

raxaul
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रक्सौल: मेडिकल और इंजीनियरिंग में प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करने गए बिहार के छात्रों को कोटा में खाने-पीने से लेकर सुरक्षित रहने तक की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. छात्र बार-बार अपने अभिभावकों को अपनी समस्याओं से अवगत करा रहे हैं. जिससे अभिभावक परेशान और चिंतित हैं. अभिभावक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और स्थानीय अधिकारियों से अपने बच्चों की समस्याओं से अवगत करा कर उन्हें वापस घर बुलाने के लिए गुहार लगा रहे हैं. लेकिन बिहार सरकार ने अभी तक इस मामले में किसी प्रकार का सर्कुलर जारी करने को लेकर संज्ञान नहीं लिया है.

भयभीत महसूस कर रहे छात्र
कोटा में फंसे छात्र किशन कुमार, अतुल कुमार और सुमित कुमार ने फोन पर बताया कि जब तक अन्य राज्यों के छात्र यहां पर थे, तो हम लोग एक दूसरे के साथ रहकर भावनाओं का आदान प्रदान करते थे. तो किसी प्रकार का भय नहीं लगता था. लेकिन सभी राज्यों के छात्र अपने-अपने घर चले गए हैं. तो हम लोग अपने आप में भयभीत महसूस कर रहे हैं.

जहां तक खाने-पीने की बात है तो मेस की ओर से डिलीवरी कराई जा रही है. कहने को तो सुरक्षित हैं. लेकिन पिछले दिनों दिल्ली में जब से डिलीवरी ब्वॉय कोरोना पॉजिटिव पाया गया है, तब से उसमें भी संशय बना रहता है. उन्होंने बताया कि कोटा के राजीव नगर में सारे शैक्षणिक संस्थान हैं. वहां से मात्र 15 किलोमीटर में दूसरा क्षेत्र कोरोना संक्रमित प्रभावित क्षेत्र हो चुका है.

छात्र हित में निर्णय लें मुख्यमंत्री
छात्र किशन कुमार के पिता अनिल केजरीवाल ने बताया कि मैं अपने बच्चों को वापस लाने के लिए मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, सांसद संजय जयसवाल और सभी से संपर्क कर चुका हूं. लेकिन कहीं से किसी प्रकार का उचित आश्वासन नहीं मिला. ऐसे में जब डीएम से बात की गई तो जिला परिवहन पदाधिकारी से बात करने का हवाला देते हुए उन्होंने मना कर दिया. उन्होंने कहा कि यदि मेरे बेटे को कुछ हो जाता है या डिप्रेशन का शिकार हो जाता है, तो उसकी पूरी जवाबदेही बिहार सरकार की होगी और मैं आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो जाऊंगा.

वहीं दूसरे छात्र अतुल कुमार के पिता मनोज कुमार ने कहा कि मेरा बच्चा काफी भयभीत है. बिहार सरकार ऐसी कोई सुविधा मुहैया कराए, जिससे मेरे और जो बिहार के बच्चे फंसे हुए हैं, वह अपने घर को वापस आ सकें. जैसे अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने अपने छात्र के हित में निर्णय लिया है, वैसे बिहार के भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बिहार के छात्र हित में एक उचित निर्णय लेना चाहिए.

रक्सौल: मेडिकल और इंजीनियरिंग में प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करने गए बिहार के छात्रों को कोटा में खाने-पीने से लेकर सुरक्षित रहने तक की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. छात्र बार-बार अपने अभिभावकों को अपनी समस्याओं से अवगत करा रहे हैं. जिससे अभिभावक परेशान और चिंतित हैं. अभिभावक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और स्थानीय अधिकारियों से अपने बच्चों की समस्याओं से अवगत करा कर उन्हें वापस घर बुलाने के लिए गुहार लगा रहे हैं. लेकिन बिहार सरकार ने अभी तक इस मामले में किसी प्रकार का सर्कुलर जारी करने को लेकर संज्ञान नहीं लिया है.

भयभीत महसूस कर रहे छात्र
कोटा में फंसे छात्र किशन कुमार, अतुल कुमार और सुमित कुमार ने फोन पर बताया कि जब तक अन्य राज्यों के छात्र यहां पर थे, तो हम लोग एक दूसरे के साथ रहकर भावनाओं का आदान प्रदान करते थे. तो किसी प्रकार का भय नहीं लगता था. लेकिन सभी राज्यों के छात्र अपने-अपने घर चले गए हैं. तो हम लोग अपने आप में भयभीत महसूस कर रहे हैं.

जहां तक खाने-पीने की बात है तो मेस की ओर से डिलीवरी कराई जा रही है. कहने को तो सुरक्षित हैं. लेकिन पिछले दिनों दिल्ली में जब से डिलीवरी ब्वॉय कोरोना पॉजिटिव पाया गया है, तब से उसमें भी संशय बना रहता है. उन्होंने बताया कि कोटा के राजीव नगर में सारे शैक्षणिक संस्थान हैं. वहां से मात्र 15 किलोमीटर में दूसरा क्षेत्र कोरोना संक्रमित प्रभावित क्षेत्र हो चुका है.

छात्र हित में निर्णय लें मुख्यमंत्री
छात्र किशन कुमार के पिता अनिल केजरीवाल ने बताया कि मैं अपने बच्चों को वापस लाने के लिए मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, सांसद संजय जयसवाल और सभी से संपर्क कर चुका हूं. लेकिन कहीं से किसी प्रकार का उचित आश्वासन नहीं मिला. ऐसे में जब डीएम से बात की गई तो जिला परिवहन पदाधिकारी से बात करने का हवाला देते हुए उन्होंने मना कर दिया. उन्होंने कहा कि यदि मेरे बेटे को कुछ हो जाता है या डिप्रेशन का शिकार हो जाता है, तो उसकी पूरी जवाबदेही बिहार सरकार की होगी और मैं आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो जाऊंगा.

वहीं दूसरे छात्र अतुल कुमार के पिता मनोज कुमार ने कहा कि मेरा बच्चा काफी भयभीत है. बिहार सरकार ऐसी कोई सुविधा मुहैया कराए, जिससे मेरे और जो बिहार के बच्चे फंसे हुए हैं, वह अपने घर को वापस आ सकें. जैसे अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने अपने छात्र के हित में निर्णय लिया है, वैसे बिहार के भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बिहार के छात्र हित में एक उचित निर्णय लेना चाहिए.

Last Updated : May 25, 2020, 6:24 PM IST
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