मोतिहारी: वर्तमान समय में भारत-नेपाल की सीमा पर बदले हालात का असर बलुआ गुआबारी में हो रहे तटबंध की मरम्मति पर दिख रहा है. नेपाल की ओर से नेपाली अधिकारी और स्थानीय नेपाली ग्रामीण भी काफी तल्ख लहजे में बदले तेवर के साथ पेश आ रहे हैं. नेपाल ने गुआबारी में हो रहे तटबंध मरम्मति के काम को रुकवा दिया है.
पिछले कई सालों से विवाद का रहा है कारण
पूर्वी चंपारण जिले के ढाका प्रखंड स्थित बलुआ गुआबारी तटबंध का मरम्मति काम भारत-नेपाल के बीच पिछले कई सालों से विवाद का कारण रहा है. लालबकेया नदी के पश्चिमी तटबंध पर भारतीय परिक्षेत्र में बरसात के पहले हो रही मरम्मति काम पर नेपाल ने विरोध जताया और फिर काम बंद करा दिया है.
गुआबारी तटबंध के 500 मी लंबाई की जमीन पर किया दावा
नेपाल ने गुआबारी तटबंध के 500 मीटर की लंबाई को अपनी जमीन बताकर वहां काम रुकवा दिया है. लिहाजा,भारतीय परिक्षेत्र के बलुआ गुआबारी के लोगों में नेपाल के इस रुख से काफी आक्रोश है. गुआबारी के ग्रामीण नेपाल के उकसावे वाली हरकत किए जाने के बावजूद संयम और शांति से काम ले रहे हैं.
नेपाल के स्वभाव में आए बदलाव से हैरत में भारतीय
तटबंध के एक तरफ नेपाल का बंजरहा गांव है और दूसरे तरफ भारतीय परिक्षेत्र का बलुआ गुआबारी गांव. गुआबारी के लोग नेपाल के सीमा प्रहरी और नेपाली लोगों के स्वभाव में अचानक आए बदलाव से आश्चर्य में हैं. गुआबारी के पूर्व उपसरपंच मो. जफरुद्दीन ने बताया कि बचपन से इस बांध को देख रहे हैं. ये सही स्थिति में बना है. हर साल बांध की मरम्मति का काम भी होता है.
'शह पर उकसावे वाली हरकत को अंजाम दे रहा है नेपाल'
उपसरपंच ने कहा कि अब तक हम पड़ोसी बंजरहा के सुख-दुःख में भी हमेशा साथ रहे हैं. लेकिन आजतक ऐसा तनाव नहीं देखा, जैसा इस साल नेपाल की तरफ से व्यवहार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि नेपाल जरुर किसी की शह पर इस तरह की उकसावे वाली हरकत को अंजाम दे रहा है
तटबंध की मरम्मति नहीं होने से बाढ़ मचायेगा तबाही
बलुआ गुआबारी पंचायत के उपमुखिया देवनंदन साह ने बताया कि इस साल नेपाल के सीमा प्रहरी और बंजरहा गांव के लोग मिट्टी और कटावरोधी काम करने से रोक रहे हैं. अगर तटबंध मरम्मति का कार्य नहीं हुआ तो गुआबारी के साथ सिकरहना और पकड़ीदयाल अनुमंडल के कई गांव बाढ़ में डूब जाऐंगे.
लालबकेया नदी पहुंचाती है नुकसान
बता दें कि भारत और नेपाल को दर्शाने वाली पिलर संख्या 346 और 347 के बीच लगभग पांच सौ मीटर के क्षतिग्रस्त तटबंध की मरम्मति कार्य पर नेपाल ने विरोध जताया है. लालबकेया नदी के इस तटबंध के मरम्मति के बाद बलुआ गुआबारी समेत सैकड़ों गांव बाढ़ की तबाही से बच जाएंगे. बरसात के समय जब लालबकेया उफनाती है, तो वह सबसे ज्यादा भारतीय क्षेत्र में नुकसान करती है. इसके अलावा बागमती की उफनती धारा भारतीय परिक्षेत्र में बनी नदी के तटबंध से टकराकर उल्टी दिशा में आकर लालबकेया से मिल जाती है.
बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुआ था तटबंध
इसके अलावा नेपाल की चान नदी का पानी भी इस क्षेत्र में तांडव मचाता है. जिसकी तबाही को रोकने के लिए लालबकेया पर तटबंध बना है. ये तटबंध साल 2017 और 2019 में आई बाढ़ में क्षतिग्रस्त हो गया था. इसके मरम्मत के काम पर ही नेपाल ने विरोध जताया है. नेपाल सरकार के रुख से जिला प्रशासन ने नेपाल में भारतीय वाणिज्य दूतावास, केंद्रीय गृह मंत्रालय और बिहार सरकार को पत्र के जरिए जानकारी दे दी है.
इंडो-नेपाल बॉर्डर पर हुई थी फायरिंग
बता दें कि पिछले दिनों भारत-नेपाल के बीच जारी तनाव के दौरान बिहार से सटे सीमा पर फायरिंग हुई थी. यह घटना बिहार के सीतामढ़ी के सोनबरसा थाना क्षेत्र की पिपरा परसाइन पंचायत में लालबन्दी स्थित जानकी नगर बॉर्डर पर हुई थी. इस फायरिंग में एक शख्स की मौत भी हो गई, जबकि चार लोग घायल हुए.
क्यों हुआ था विवाद
दरअसल, एक परिवार नेपाल जा रहा था, जिन्हें नेपाली सुरक्षा बलों ने बॉर्डर पर रोक दिया और वापस लौटने को कहा. इस बात को लेकर विवाद हो गया. इसी दौरान नेपाली सुरक्षाबलों ने फायरिंग कर दी, जिससे तीन लोगों को गोली लग गई. इनमें एक की मौत हो गई. इसके बाद नेपाली सुरक्षाबलों ने एक भारतीय युवक को पकड़ लिया था, हालांकि बाद में उसे रिहा कर दिया गया.
भारत और नेपाल के बीच संबंध तनावपूर्ण
बता दें कि भारत और पड़ोसी देश के बीच संबंध काफी तनावपूर्ण हो गए हैं. इस बीच नेपाल की संसद ने एक नए राजनीतिक मानचित्र को मंजूरी दे दी है जिसमें कथित रूप से उत्तराखंड के लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा पर नेपाल अपना दावा जता रहा है.
तटबंध की मरम्मति पर दिख रहा है रिश्तों में तल्खी का असर
वर्तमान समय में भारत-नेपाल की सीमा पर बदले हालात का असर बलुआ गुआबारी में हो रहे तटबंध की मरम्मति पर दिख रहा है. बारिश शुरु हो चुकी है. इससे पहले की बाढ़ का तांडव शुरु हो सरकार को इस ओर जरुरी कदम उठाने की जरुरत है.