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Motihari News: ओमप्रकाश हत्याकांड में संतोष झा गैंग का हाथ, चिट्ठी जारी कर ली जिम्मेवारी - संतोष झा शूटआउट

बिहार के मोतिहारी में ओमप्रकाश सिंह हत्याकांड (Omprakash Singh Murder Case in Motihari) में नया खुलासा हुआ है. इस हत्या की जिम्मेवारी संतोष झा गैंग ने ली है और गैंग का खुद को प्रवक्ता बताने वाले राज झा ने मीडिया को संबोधित करते हुए प्रेस नोट जारी किया है जिसमें ओमप्रकाश सिंह को मुकेश पाठक का राइट हैंड बताया गया है. आगे पढ़ें पूरी खबर...

मोतिहारी में ओमप्रकाश सिंह हत्याकांड
मोतिहारी में ओमप्रकाश सिंह हत्याकांड
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Published : May 7, 2023, 11:54 AM IST

मोतिहारीः बिहार के मोतिहारी के फेनहारा में हुए ओमप्रकाश सिंह हत्याकांड की जिम्मेवारी संतोष झा गैंग (Santosh Jha Gang Killed Omprakash Singh) ने ली है. राज झा ने मीडिया को संबोधित करते हुए एक प्रेस नोट जारी किया है जिसमें ओमप्रकाश सिंह को मुकेश पाठक का राइट हैंड बताया है. जारी प्रेस नोट में ओमप्रकाश सिंह को ठेकेदार नहीं, बल्कि अपराधी बताया गया है. संतोष झा शूटआउट में ओमप्रकाश की अहम भूमिका निभाये जाने की बात बतायी गई है. इस प्रेस नोट में अगला नंबर मुकेश पाठक का बताया गया है. ओमप्रकाश सिंह की हत्या के बाद संतोष झा और मुकेश पाठक गैंग के बीच गैंगवार की आशंका बढ़ गई है. हालांकि इस प्रेस नोट की पुष्टि नहीं हो पाई है.

पढ़ें-Golu Murder Case Masaurhi : रांची से दो नामजद आरोपी गिरफ्तार, उनकी निशानदेही पर एक और बदमाश धराया

ओमप्रकाश की हत्या पर प्रेस नोट: बीते देर शाम जारी प्रेस नोट में लिखा हुआ है कि, मैं प्रवक्ता राज झा आप तमाम मीडिया को ये सूचित कर रहा हूं कि आज दिनांक 06.05.23 शनिवार को ओमप्रकाश सिंह उर्फ बाबू साहेब की हत्या की जिम्मेवारी ले रहा हूं. साथ ही यह बताता हूं कि ओम प्रकाश कोई ठेकेदार नहीं बल्कि अपराधी मुकेश पाठक का राइट हैंड था और उसके हर जुर्म में शामिल था. 28 अगस्त 2018 को हुए सीतामढ़ी कोर्ट में संतोष झा की हत्या में भी शामिल था और उक्त घटना में शामिल सभी शूटर ओमप्रकाश सिंह के घर रुके एवं उसी ने सभी को हथियार उपलब्ध कराया था. इसलिए ओमप्रकाश की हत्या संतोष झा की हत्या का बदला है. यही अंजाम मुकेश पाठक का भी होगा जो ओमप्रकाश का हुआ है.

"ओमप्रकाश सिंह उर्फ बाबू साहेब की हत्या की जिम्मेवारी ले रहा हूं. साथ ही यह बताता हूं कि ओम प्रकाश कोई ठेकेदार नहीं बल्कि अपराधी मुकेश पाठक का राइट हैंड था और उसके हर जुर्म में शामिल था. 28 अगस्त 2018 को हुए सीतामढ़ी कोर्ट में संतोष झा की हत्या में भी शामिल था और उक्त घटना में शामिल सभी शूटर ओमप्रकाश सिंह के घर रुके एवं उसी ने सभी को हथियार उपलब्ध कराया था. यही अंजाम मुकेश पाठक का भी होगा जो ओमप्रकाश का हुआ है."-राज झा

अपराधियों ने हथियार से भूना: बता दें कि 6 मई को शिवहर जिला के लक्ष्मीनिया गांव के रहने वाले ओमप्रकाश सिंह को टाटा सूमो सवार अपराधियों ने फेनहारा के इजोरबारा गांव में हथियार से भून दिया था. ओमप्रकाश सिंह को 22 गोलियां लगी थी. वो अपने स्कार्पियो से ड्राइवर और दो अन्य लोगों के साथ मुजफ्फरपुर जा रहे थे. उसी दौरान सूमो से अपराधी उतरे और स्कार्पियो में बैठे ओमप्रकाश सिंह पर अंधाधुंध फायरिंग शुरु कर दी. जिस कारण घटनास्थल पर हीं ओमप्रकाश सिंह की मौत हो गई. घटना के बाद अपराधी टाटा सूमो से शिवहर की ओर निकल गए.

बाल-बाल बचे अन्य लोग: घटना में स्कार्पियो ड्राइवर मुकेश सिंह और पिछले सीट पर बैठे दो अन्य लोग ओमप्रकाश सिंह के चचेरे मामा सुनील सिंह एवं शिवहर जिला के रीगा प्रखंड स्थित कुशमारी पंचायत के मुखिया अंशु सिंह बाल-बाल बच गए. उन्हें खरोच तक नहीं लगी है. पुलिस को घटनास्थल से 15 राउंड ब्लैंक बुलेट मिला है. पुलिस ने स्कार्पियो के ड्राइवर फेनहारा प्रखंड के कालू पाकड़ के रहने वाले मुकेश सिंह को डिटेन किया है. ओमप्रकाश सिंह बिहार और यूपी में बिजली विभाग में ठेकेदारी करते थे. शनिवार को वह अस्पताल में भर्ती अपनी मां सीमा देवी से मिलकर ठेकेदारी के सिलसिले में यूपी जा रहे थे, उसी दौरान इस घटना को अंजाम दिया गया.

ओम प्रकाश सिंह का अपराधिक इतिहास: मृतक ओम प्रकाश सिंह उर्फ बाबू साहेब का अपराधिक इतिहास रहा है. पूर्व में वह छोटा-मोटा अपराध किया करता था. वर्ष 2011 में उसकी पत्नी की संदिग्ध स्थिति में मौत हो गई. उस मामले में उसके ससुराल वालों ने उस पर हत्या का आरोप लगा था. उसके बाद वह 2013 में पत्नी की हत्या के आरोप में सीतामढ़ी जेल गया था. जेल में हीं ओमप्रकाश की मुलाकात गैंगस्टर संतोष झा और मुकेश पाठक से हुई. उस समय संतोष झा और मुकेश पाठक एक साथ क्राइम कर रहे थे, लेकिन जब संतोष झा और मुकेश पाठक में अदावत शुरु हुई, तो ओमप्रकाश ने मुकेश पाठक का हाथ थाम लिया.

मोतिहारीः बिहार के मोतिहारी के फेनहारा में हुए ओमप्रकाश सिंह हत्याकांड की जिम्मेवारी संतोष झा गैंग (Santosh Jha Gang Killed Omprakash Singh) ने ली है. राज झा ने मीडिया को संबोधित करते हुए एक प्रेस नोट जारी किया है जिसमें ओमप्रकाश सिंह को मुकेश पाठक का राइट हैंड बताया है. जारी प्रेस नोट में ओमप्रकाश सिंह को ठेकेदार नहीं, बल्कि अपराधी बताया गया है. संतोष झा शूटआउट में ओमप्रकाश की अहम भूमिका निभाये जाने की बात बतायी गई है. इस प्रेस नोट में अगला नंबर मुकेश पाठक का बताया गया है. ओमप्रकाश सिंह की हत्या के बाद संतोष झा और मुकेश पाठक गैंग के बीच गैंगवार की आशंका बढ़ गई है. हालांकि इस प्रेस नोट की पुष्टि नहीं हो पाई है.

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ओमप्रकाश की हत्या पर प्रेस नोट: बीते देर शाम जारी प्रेस नोट में लिखा हुआ है कि, मैं प्रवक्ता राज झा आप तमाम मीडिया को ये सूचित कर रहा हूं कि आज दिनांक 06.05.23 शनिवार को ओमप्रकाश सिंह उर्फ बाबू साहेब की हत्या की जिम्मेवारी ले रहा हूं. साथ ही यह बताता हूं कि ओम प्रकाश कोई ठेकेदार नहीं बल्कि अपराधी मुकेश पाठक का राइट हैंड था और उसके हर जुर्म में शामिल था. 28 अगस्त 2018 को हुए सीतामढ़ी कोर्ट में संतोष झा की हत्या में भी शामिल था और उक्त घटना में शामिल सभी शूटर ओमप्रकाश सिंह के घर रुके एवं उसी ने सभी को हथियार उपलब्ध कराया था. इसलिए ओमप्रकाश की हत्या संतोष झा की हत्या का बदला है. यही अंजाम मुकेश पाठक का भी होगा जो ओमप्रकाश का हुआ है.

"ओमप्रकाश सिंह उर्फ बाबू साहेब की हत्या की जिम्मेवारी ले रहा हूं. साथ ही यह बताता हूं कि ओम प्रकाश कोई ठेकेदार नहीं बल्कि अपराधी मुकेश पाठक का राइट हैंड था और उसके हर जुर्म में शामिल था. 28 अगस्त 2018 को हुए सीतामढ़ी कोर्ट में संतोष झा की हत्या में भी शामिल था और उक्त घटना में शामिल सभी शूटर ओमप्रकाश सिंह के घर रुके एवं उसी ने सभी को हथियार उपलब्ध कराया था. यही अंजाम मुकेश पाठक का भी होगा जो ओमप्रकाश का हुआ है."-राज झा

अपराधियों ने हथियार से भूना: बता दें कि 6 मई को शिवहर जिला के लक्ष्मीनिया गांव के रहने वाले ओमप्रकाश सिंह को टाटा सूमो सवार अपराधियों ने फेनहारा के इजोरबारा गांव में हथियार से भून दिया था. ओमप्रकाश सिंह को 22 गोलियां लगी थी. वो अपने स्कार्पियो से ड्राइवर और दो अन्य लोगों के साथ मुजफ्फरपुर जा रहे थे. उसी दौरान सूमो से अपराधी उतरे और स्कार्पियो में बैठे ओमप्रकाश सिंह पर अंधाधुंध फायरिंग शुरु कर दी. जिस कारण घटनास्थल पर हीं ओमप्रकाश सिंह की मौत हो गई. घटना के बाद अपराधी टाटा सूमो से शिवहर की ओर निकल गए.

बाल-बाल बचे अन्य लोग: घटना में स्कार्पियो ड्राइवर मुकेश सिंह और पिछले सीट पर बैठे दो अन्य लोग ओमप्रकाश सिंह के चचेरे मामा सुनील सिंह एवं शिवहर जिला के रीगा प्रखंड स्थित कुशमारी पंचायत के मुखिया अंशु सिंह बाल-बाल बच गए. उन्हें खरोच तक नहीं लगी है. पुलिस को घटनास्थल से 15 राउंड ब्लैंक बुलेट मिला है. पुलिस ने स्कार्पियो के ड्राइवर फेनहारा प्रखंड के कालू पाकड़ के रहने वाले मुकेश सिंह को डिटेन किया है. ओमप्रकाश सिंह बिहार और यूपी में बिजली विभाग में ठेकेदारी करते थे. शनिवार को वह अस्पताल में भर्ती अपनी मां सीमा देवी से मिलकर ठेकेदारी के सिलसिले में यूपी जा रहे थे, उसी दौरान इस घटना को अंजाम दिया गया.

ओम प्रकाश सिंह का अपराधिक इतिहास: मृतक ओम प्रकाश सिंह उर्फ बाबू साहेब का अपराधिक इतिहास रहा है. पूर्व में वह छोटा-मोटा अपराध किया करता था. वर्ष 2011 में उसकी पत्नी की संदिग्ध स्थिति में मौत हो गई. उस मामले में उसके ससुराल वालों ने उस पर हत्या का आरोप लगा था. उसके बाद वह 2013 में पत्नी की हत्या के आरोप में सीतामढ़ी जेल गया था. जेल में हीं ओमप्रकाश की मुलाकात गैंगस्टर संतोष झा और मुकेश पाठक से हुई. उस समय संतोष झा और मुकेश पाठक एक साथ क्राइम कर रहे थे, लेकिन जब संतोष झा और मुकेश पाठक में अदावत शुरु हुई, तो ओमप्रकाश ने मुकेश पाठक का हाथ थाम लिया.

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