रक्सौल: नेपाल में एकीकृत माओवादी सरकार के प्रधानमंत्री के पी ओली शर्मा के द्वारा भारतीय वाहनों के खिलाफ नया यातायात नियम लागू किया गया है. इससे नेपाल में भारतीय वाहन चालकों को हर दिन परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसके खिलाफ भारतीय नागरिकों ने प्रदर्शन किया. रक्सौल बिरगंज भारत नेपाल सीमा पर स्थित मैत्री पुल पर एनएच 28 ए को पर धरना देकर विरोध जाहिर किया.
अधिकतम तीस बार सीमा प्रवेश
नेपाल सरकार के इस निर्णय से अब भारतीय नागरिकों को यात्रा करना मुश्किल होगा. अब किसी भी भारतीय वाहनों को एक साल में तीस बार से ज्यादा नेपाल की सीमा में प्रवेश करने के लिए सीमित अवधि तय की गई है. नेपाल सरकार के इस फैसले से नाराज सीमाई क्षेत्र के भारतीय लोगों में अफरा तफरी और आक्रोश का माहौल है.
चीन की कूटनीतिक दबाव में नेपाल सरकार
स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन के दौरान कहा कि नेपाल के वाहनों का भारतीय परिक्षेत्र में प्रवेश हेतु कोई इंट्री नहीं लगता है, परंतु भारतीय वाहनों को नेपाल में जाने के लिए इंट्री हेतु लंबी-लंबी कतारों में खड़ा रहना पड़ता है. स्थानीय भाजपा महिला नेत्री पूर्णिमा भारती का कहना है कि यह सब चीन की कूटनीतिक दबाव में नेपाल सरकार कर रही है. कहीं ना कहीं भारत को परेशान करने के लिए चीन नेपाल को मोहरा बना रहा है.
इनका क्या है कहना
वहीं, कस्टम उपायुक्त आशुतोष कुमार सिंह का कहना है यह सब समस्या नेपाल कस्टम में एंट्री को लेकर हो रही असुविधाओं के कारण है. साथ ही कस्टम उपायुक्त ने बताया कि जहां तक बात रही नेपाली वाहनों के भारतीय क्षेत्र में इंट्र की, तो हमारे यहां इंट्री स्लिप उपलब्ध है और रेगुलर बेसिस पर एंट्री होता है.