मोतिहारी: पूर्वी चंपारण जिला में कोरोना संक्रमण का कहर जारी है. जिले में संक्रमित मरीजों की संख्या 62 तक पहुंच गई है. इस जंग में होमगार्ड के जवान लगातार ड्यूटी पर डटे हुए हैं. लेकिन इन्हें कोरोना जैसे अदृश्य शत्रु के खिलाफ बिना संसाधन और प्रशिक्षण के मैदान में उतार दिया गया है. फिर भी जवानों में काम को लेकर उत्साह की कोई कमी नहीं है.
'नहीं दिया गया प्रशिक्षण'
बिहार रक्षा वाहिनी स्वयं सेवक संघ के जिलाध्यक्ष सुनील कुमार दुबे ने बताया कि जवानों को कोरोना महामारी से निपटने के लिए कोई प्रशिक्षण नहीं मिला है. सुरक्षा की जरूरी सामग्रियां भी उपलब्ध नहीं कराई गई है. फिर भी आपदा की घड़ी में जवान खुद अपनी सुरक्षा का ख्याल रखते हुए दिन-रात ड्यूटी कर रहे हैं.
'ना सम्मान और ना ही सम्मानजनक वेतन'
होमगार्ड जवान जय भुपाल सिंह ने कहा कि देश सेवा के सामने संसाधनों की कमी को नजर अंदाज करके काम किया जा रहा है. लॉकडाउन के दौरान होमगार्ड के जवान फ्रंट लाइन पर ड्यूटी दे रहे है. फिर भी उन्हें ना कोई सम्मान मिला और नहीं सम्मान जनक वेतन मिलता है.
जवानों पर ध्यान देने की जरूरत- जिला समादेष्टा
कोरोना काल में अपने जवानों का हौसला अफजाई करने में लगे होमगार्ड के जिला समादेष्टा डॉ. अशोक कुमार प्रसाद ने बताया कि यह राष्ट्रीय आपदा का समय है. जिसके लिए हमारे जवान तैयार नहीं थे, फिर भी ड्यूटी कर रहे हैं. सरकार संसाधनों की आपूर्त्ति के प्रयास में लगी है. उन्होने कहा कि जवान जीवन को दांव पर लगाकर ड्यूटी कर रहे हैं. इन पर ध्यान देने की जरूरत है.
समय-समय पर योगदान देते रहे हैं होमगार्ड के जवान
बहरहाल, होमगार्ड के जवान को सरकार की ओर से मास्क, हैंड ग्लब्स, सैनिटाइजर सहित सुरक्षा की अन्य जरूरी सामग्रियां उपलब्ध नहीं कराई गई है. जवान अपने खर्च पर मास्क खरीद रहे हैं. लॉकडाउन में और इसके पहले भी किसी आपदा या विशेष आयोजन के मौकों पर होमगार्ड के जवान अपनी महती भूमिका निभाते रहे हैं. जिले में कुल 2650 होमगार्ड के जवान हैं.