मोतिहारी: 6 मई, 2023 को मोतिहारी में एक ठेकेदार को रंगदारी नहीं देने पर 19 गोलियों से भून डाला गया था. ठेकेदार ओमप्रकाश सिंह बिजली के ठेकेदारी का काम करते थे. जब वे शिवहर से मुजफ्फरपुर की ओर जा रहे थे, तभी अपराधियों ने उनकी कार को घेर लिया और गोलियों की बौछार कर दी थी. कार पर 30 से ज्यादा गोलियों के निशान थे जबकि ठेकेदार के शरीर पर 19 गोली लगी थी. मामले की पुलिस जांच में जुटी थी और घटना के 19 दिन बाद पुलिस को बड़ी सफलता मिली है.
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मोतिहारी ठेकेदार हत्याकांड का आरोपी दिल्ली से गिरफ्तार: ठेकेदार हत्याकांड में बिहार पुलिस और दक्षिणी दिल्ली स्पेशल स्टाफ की संयुक्त टीम ने मिलकर हत्यारोपी को दिल्ली से धर दबोचा है. दरअसल हत्या के बाद आरोपी भागकर दिल्ली चला गया था और देवली में छुपा था. गिरफ्तार शख्स की पहचान चंद्रकेतु झा उर्फ टुन्ना के रूप में हुई है, जो सीतामढ़ी का रहनेवाला है. टुन्ना, संतोष झा गैंग का सक्रिय सदस्य है और वही गैंग चला रहा था. आरोपी पर बिहार में अपराधियों को अवैध हथियारों की सप्लाई करने के साथ ही व्यवसायियों और कांट्रैक्टरों से रंगदारी वसूलने का आरोप है.
कई मामलों में थी तलाश: डीसीपी चंदन चौधरी ने बताया कि आरोपी पर हत्या के और भी कई मामले हैं. बिहार के दरभंगा में एक इंजीनियर और एक सुपरवाइजर की हत्या में भी इसका हाथ था. इसने शिवहर में भी एक सुपरवाइजर को मौत के घाट उतारा था. दरभंगा के एक व्यवसाथी से रंगदारी मांगने में भी इसकी संलिप्तता सामने आई थी. आरोपी के देवली गांव में छुपे होने की जानकारी पर बिहार पुलिस की एक टीम दिल्ली आई लेकिन पुलिस को उसके सही ठिकाने की जानकारी नहीं थी. इसके बाद एसीपी ऑपरेशन राजेश कुमार के नेतृत्व में स्पेशल स्टाफ के इंचार्ज इंस्पेक्टर धीरज मेहलावत, एएसआई जोगिंदर आदि की टीम एक्टिव हुई और स्थानीय मुखबिरों और टेक्निकल सर्विलांस की सहायता से आरोपी की जानकारी जुटाई गई. ठिकाने का पता लगते ही पुलिस की संयुक्त टीम ने रेड मारकर उसे गिरफ्तार कर लिया.
ठेकेदार को मारी थी 19 गोली: पुलिस के अनुसार गैंगस्टर संतोष झा गैंग के 5-6 शार्प शूटर ने मोतिहारी में शूटआउट में गैंगस्टर मुकेश पाठक गैंग के एक ठेकेदार की 6 मई को गोली मारकर हत्या कर दी थी, जब पीड़ित मुजफ्फरपुर हॉस्पिटल में अपने एक जानकार से मिलने जा रहा था. पूर्वी चंपारण जिला के फेनहारा थाना में एफआईआर दर्ज हुई थी. छानबीन में पता चला कि मुकेश पाठक और संतोष झा दोनों गैंग चलाते थे. इनका उत्तरी बिहार में दबदबा था और इनका नेटवर्क चंपारण, दरभंगा, शिवहर, सीतामढ़ी और मोतिहारी जिला में था. संतोष झा 2014 में बिहार पुलिस के द्वारा गिरफ्तार होकर जेल चला गया और मुकेश पाठक भी 2015 में जेल चला गया.
संतोष झा गैंग का सक्रिय सदस्य: बाद में मुकेश पाठक और संतोष झा वर्चस्व को लेकर आमने सामने हो गए और 2018 में संतोष झा की सीतामढ़ी कोर्ट कांप्लेक्स में शूटआउट में हत्या कर दी गई, जिसका आरोप मुकेश पाठक पर लगा. संतोष झा की हत्या के बाद उसके गैंग के दूसरे साथियों ने यह फैसला किया कि इसका बदला वह मुकेश पाठक से लेगा. संतोष झा का गैंग विकास झा चलाने लगा जिसमे चंद्रकांत पूरा कोर्डिनेशन करता था. फिर मौका देखकर इसी साल मई में मुकेश पाठक के जानकार ठेकेदार की शूटआउट में हत्या कर दी थी, जिसमें यह गैंगस्टर बिहार से फरार होकर दिल्ली में आकर छुपकर रह रहा था.
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