मोतिहारी: कोरोना संक्रमण के दौरान जारी लॉकडाउन ने विश्वव्यापी संस्था रेडक्रॉस को भी काफी प्रभावित किया है. मोतिहारी रेडक्रॉस सोसायटी लॉकडाउन में खून की कमी से जूझने लगा था. एक समय ऐसा भी आया कि रेडक्रॉस में मात्र 59 यूनिट ब्लड ही स्टॉक में बचा था. उसमें भी सिर्फ 'ओ पॉजिटिव' ग्रुप का 39 यूनिट ब्लड था. जबकि अन्य ग्रुप का ब्लड मात्र 20 यूनिट बचा था. लिहाजा, रेडक्रॉस सोसायटी ने स्थानीय सामाजिक संस्थाओं और राजनीतिक पार्टियों से रेडक्रॉस को बचाने के लिए रक्तदान करने का आह्वान किया.
'लॉकडाउन के कारण काफी ब्लड हुआ एक्सपायर'
मोतिहारी रेडक्रॉस सोसायटी के चेयरमैन श्रीप्रकाश चौधरी उर्फ भैया जी ने बताया कि लॉकडाउन शुरू होने के समय सोसायटी में सवा दो सौ यूनिट ब्लड उपलब्ध था. लेकिन लॉकडाउन पीरियड में कुछ ब्लड एक्सपायर हो गया. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन से ब्लड डोनेशन नहीं हो पाया. जिसका असर स्टॉक पर पड़ा. इसके बाद रेडक्रॉस के आग्रह पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद्, युवा जदयू के साथ रेडक्रॉस के गवर्निंग बॉडी के विनोद सिंह समेत कई लोगों ने ब्लड डोनेट किया. वहीं, सोसायटी के मदद के लिए अभाविप ने सुगौली में ब्लड डोनेशन कैंप भी लगाया. जिसमें अभाविप के युवाओं से तीस से ज्यादा यूनिट ब्लड रेडक्रॉस को मिला. इस प्रकार रेडक्रॉस ने अपने स्टॉक में विभिन्न ग्रुप के ब्लड का भंडारण किया.
'लॉकडाउन में युवा जदयू के सदस्यों ने किया रक्तदान'
रेडक्रॉस में ब्लड की कमी होने की जानकारी मिलने पर युवा जदयू के जिलाध्यक्ष विशाल कुमार शाह ने अपने संगठन के सदस्यों के साथ रक्तदान किया. विशाल कुमार शाह ने कहा कि रेडक्रॉस में खून की कमी होने की जानकारी चेयरमैन से मिली. उसके बाद हमलोगों ने संगठन के सदस्यों के साथ रेडक्रॉस पहुंचकर रक्तदान किया.