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लॉकडाउन: मोतिहारी रेडक्रॉस सोसायटी में ब्लड की कमी, सामाजिक संगठनों ने की मदद

रेडक्रॉस में ब्लड की कमी होने की जानकारी मिलने पर युवा जदयू के जिलाध्यक्ष विशाल कुमार शाह ने अपने संगठन के सदस्यों के साथ रक्तदान किया. विशाल शाह ने कहा कि रेडक्रॉस में खून की कमी होने की जानकारी चेयरमैन से मिलने के बाद हमलोगों ने संगठन सदस्यों के साथ रेडक्रॉस पहुंचकर रक्तदान किया.

मोतिहारी
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Published : Jun 9, 2020, 5:00 PM IST

मोतिहारी: कोरोना संक्रमण के दौरान जारी लॉकडाउन ने विश्वव्यापी संस्था रेडक्रॉस को भी काफी प्रभावित किया है. मोतिहारी रेडक्रॉस सोसायटी लॉकडाउन में खून की कमी से जूझने लगा था. एक समय ऐसा भी आया कि रेडक्रॉस में मात्र 59 यूनिट ब्लड ही स्टॉक में बचा था. उसमें भी सिर्फ 'ओ पॉजिटिव' ग्रुप का 39 यूनिट ब्लड था. जबकि अन्य ग्रुप का ब्लड मात्र 20 यूनिट बचा था. लिहाजा, रेडक्रॉस सोसायटी ने स्थानीय सामाजिक संस्थाओं और राजनीतिक पार्टियों से रेडक्रॉस को बचाने के लिए रक्तदान करने का आह्वान किया.

मोतिहारी
लाभार्थी, रेडक्रॉस सोसायटी

'लॉकडाउन के कारण काफी ब्लड हुआ एक्सपायर'
मोतिहारी रेडक्रॉस सोसायटी के चेयरमैन श्रीप्रकाश चौधरी उर्फ भैया जी ने बताया कि लॉकडाउन शुरू होने के समय सोसायटी में सवा दो सौ यूनिट ब्लड उपलब्ध था. लेकिन लॉकडाउन पीरियड में कुछ ब्लड एक्सपायर हो गया. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन से ब्लड डोनेशन नहीं हो पाया. जिसका असर स्टॉक पर पड़ा. इसके बाद रेडक्रॉस के आग्रह पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद्, युवा जदयू के साथ रेडक्रॉस के गवर्निंग बॉडी के विनोद सिंह समेत कई लोगों ने ब्लड डोनेट किया. वहीं, सोसायटी के मदद के लिए अभाविप ने सुगौली में ब्लड डोनेशन कैंप भी लगाया. जिसमें अभाविप के युवाओं से तीस से ज्यादा यूनिट ब्लड रेडक्रॉस को मिला. इस प्रकार रेडक्रॉस ने अपने स्टॉक में विभिन्न ग्रुप के ब्लड का भंडारण किया.

मोतिहारी
रेडक्रॉस सोसायटी के कर्मचारी


'लॉकडाउन में युवा जदयू के सदस्यों ने किया रक्तदान'
रेडक्रॉस में ब्लड की कमी होने की जानकारी मिलने पर युवा जदयू के जिलाध्यक्ष विशाल कुमार शाह ने अपने संगठन के सदस्यों के साथ रक्तदान किया. विशाल कुमार शाह ने कहा कि रेडक्रॉस में खून की कमी होने की जानकारी चेयरमैन से मिली. उसके बाद हमलोगों ने संगठन के सदस्यों के साथ रेडक्रॉस पहुंचकर रक्तदान किया.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट
'लॉकडाउन के पहले जमानत राशि पर भी देता था खून'
दरअसल, रेडक्रॉस लॉकडाउन के पूर्व जमानत राशि पर भी जरुरतमंदों को खून उपलब्ध करता था. लेकिन स्टॉक में खून की कमी होने पर रेडक्रॉस अब एक्सचेंज करके खून देता है. अपने पिता के लिए ब्लड लेने रेडक्रॉस में ब्लड मिल जाने के बाद काफी खुश दिनेश ने बताया कि मुझे ब्लड के बदले में अपने पिता के लिए खून मिला है. वहीं, ब्लड लेने पहुंचे एक अन्य स्थानीय राहुल ने बताया कि मुझे अपनी मां के लिए खून की जरूरत है. लेकिन पैसे से रेडक्रॉस खून देने को तैयार नहीं है. रेडक्रॉस के लोग बता रहे हैं कि खून देने के बाद ही मुझे खून मिलेगा. जबकि मेरे पास खून देने वाला कोई आदमी नहीं है.
मोतिहारी
मोतिहारी रेडक्रॉस, चेयरमैन, श्रीप्रकाश चौधरी
'रेडक्रॉस के अलावा डंकन अस्पताल में है ब्लड बैंक'
बता दें कि जिले के साठ लाख की आबादी पर रेडक्रॉस के अलावा रक्सौल के डंकन अस्पताल में ब्लड बैंक है. मोतिहारी रेडक्रॉस मोतिहारी के अलावा आसपास के जिलों के जरुरतमंद लोगों को भी खून की आपूर्त्ति करता आ रहा है. लेकिन कोरोना संकट और लॉकडाउन के बीच रेडक्रॉस का ब्लड बैंक भी खून की कमी से जुझने लगा था. लॉकडाउन के पहले रेडक्रॉस के पास 225 यूनिट खून था. लेकिन लॉकडाउन के कारण खून की मांग कम होने से रेडक्रॉस का काफी ब्लड एक्सपायर हो गया. साथ ही लॉकडाउन के कारण स्वैच्छिक रक्तदान भी बंद हो गया था. इसके बावजूद रेडक्रॉस ने जरुरतमंदों को खून की कमी नहीं होने दी और एक बार फिर खून के स्टॉक को बढ़ाने में रेडक्रॉस लगा हुआ है.

मोतिहारी: कोरोना संक्रमण के दौरान जारी लॉकडाउन ने विश्वव्यापी संस्था रेडक्रॉस को भी काफी प्रभावित किया है. मोतिहारी रेडक्रॉस सोसायटी लॉकडाउन में खून की कमी से जूझने लगा था. एक समय ऐसा भी आया कि रेडक्रॉस में मात्र 59 यूनिट ब्लड ही स्टॉक में बचा था. उसमें भी सिर्फ 'ओ पॉजिटिव' ग्रुप का 39 यूनिट ब्लड था. जबकि अन्य ग्रुप का ब्लड मात्र 20 यूनिट बचा था. लिहाजा, रेडक्रॉस सोसायटी ने स्थानीय सामाजिक संस्थाओं और राजनीतिक पार्टियों से रेडक्रॉस को बचाने के लिए रक्तदान करने का आह्वान किया.

मोतिहारी
लाभार्थी, रेडक्रॉस सोसायटी

'लॉकडाउन के कारण काफी ब्लड हुआ एक्सपायर'
मोतिहारी रेडक्रॉस सोसायटी के चेयरमैन श्रीप्रकाश चौधरी उर्फ भैया जी ने बताया कि लॉकडाउन शुरू होने के समय सोसायटी में सवा दो सौ यूनिट ब्लड उपलब्ध था. लेकिन लॉकडाउन पीरियड में कुछ ब्लड एक्सपायर हो गया. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन से ब्लड डोनेशन नहीं हो पाया. जिसका असर स्टॉक पर पड़ा. इसके बाद रेडक्रॉस के आग्रह पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद्, युवा जदयू के साथ रेडक्रॉस के गवर्निंग बॉडी के विनोद सिंह समेत कई लोगों ने ब्लड डोनेट किया. वहीं, सोसायटी के मदद के लिए अभाविप ने सुगौली में ब्लड डोनेशन कैंप भी लगाया. जिसमें अभाविप के युवाओं से तीस से ज्यादा यूनिट ब्लड रेडक्रॉस को मिला. इस प्रकार रेडक्रॉस ने अपने स्टॉक में विभिन्न ग्रुप के ब्लड का भंडारण किया.

मोतिहारी
रेडक्रॉस सोसायटी के कर्मचारी


'लॉकडाउन में युवा जदयू के सदस्यों ने किया रक्तदान'
रेडक्रॉस में ब्लड की कमी होने की जानकारी मिलने पर युवा जदयू के जिलाध्यक्ष विशाल कुमार शाह ने अपने संगठन के सदस्यों के साथ रक्तदान किया. विशाल कुमार शाह ने कहा कि रेडक्रॉस में खून की कमी होने की जानकारी चेयरमैन से मिली. उसके बाद हमलोगों ने संगठन के सदस्यों के साथ रेडक्रॉस पहुंचकर रक्तदान किया.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट
'लॉकडाउन के पहले जमानत राशि पर भी देता था खून'
दरअसल, रेडक्रॉस लॉकडाउन के पूर्व जमानत राशि पर भी जरुरतमंदों को खून उपलब्ध करता था. लेकिन स्टॉक में खून की कमी होने पर रेडक्रॉस अब एक्सचेंज करके खून देता है. अपने पिता के लिए ब्लड लेने रेडक्रॉस में ब्लड मिल जाने के बाद काफी खुश दिनेश ने बताया कि मुझे ब्लड के बदले में अपने पिता के लिए खून मिला है. वहीं, ब्लड लेने पहुंचे एक अन्य स्थानीय राहुल ने बताया कि मुझे अपनी मां के लिए खून की जरूरत है. लेकिन पैसे से रेडक्रॉस खून देने को तैयार नहीं है. रेडक्रॉस के लोग बता रहे हैं कि खून देने के बाद ही मुझे खून मिलेगा. जबकि मेरे पास खून देने वाला कोई आदमी नहीं है.
मोतिहारी
मोतिहारी रेडक्रॉस, चेयरमैन, श्रीप्रकाश चौधरी
'रेडक्रॉस के अलावा डंकन अस्पताल में है ब्लड बैंक'
बता दें कि जिले के साठ लाख की आबादी पर रेडक्रॉस के अलावा रक्सौल के डंकन अस्पताल में ब्लड बैंक है. मोतिहारी रेडक्रॉस मोतिहारी के अलावा आसपास के जिलों के जरुरतमंद लोगों को भी खून की आपूर्त्ति करता आ रहा है. लेकिन कोरोना संकट और लॉकडाउन के बीच रेडक्रॉस का ब्लड बैंक भी खून की कमी से जुझने लगा था. लॉकडाउन के पहले रेडक्रॉस के पास 225 यूनिट खून था. लेकिन लॉकडाउन के कारण खून की मांग कम होने से रेडक्रॉस का काफी ब्लड एक्सपायर हो गया. साथ ही लॉकडाउन के कारण स्वैच्छिक रक्तदान भी बंद हो गया था. इसके बावजूद रेडक्रॉस ने जरुरतमंदों को खून की कमी नहीं होने दी और एक बार फिर खून के स्टॉक को बढ़ाने में रेडक्रॉस लगा हुआ है.
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