मोतिहारी: जिले में गोपाष्टमी पर्व श्रद्धापूर्वक मनाया गया. गोपाष्टमी के मौके पर लोगों ने गौ माता की पूजा-अर्चना की. पूजा करने के लिए महिलाओं की भीड़ जिले के कई गौशालाओं में पहुंची थी. जहां महिलाओं ने गौशाला के गाय की पूजा की. वहीं, धनौती नदी के किनारे स्थित गोपाल गौशाला में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने गौ माता की पूजा की.
'गौ माता में है सभी देवी देवता'
गाय की पूजा करने गोपाल गौशाला पहुंची महिलाओं ने बताया कि गोपाष्टमी में गौ माता की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है. उन्होंने कहा कि गौ माता के शरीर में सभी देवी-देवताओं का वास होता है. ऐसे में पूजा करने वाले सभी श्रद्धालुओं को सुख समृद्धि मिलती है. मान्यता है कि गाय में 33 करोड़ देवताओं का वास होता है. इसलिए गौ पूजन से सभी देवता प्रसन्न होते हैं.
गोपाष्टमी की ये है पौराणिक मान्यता
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक शुक्ल पक्ष अष्टमी तिथि को गोपाष्टमी के रूप में मनाया जाता है. इस दिन से ही श्रीकृष्ण ने गाय चराना शुरू किया था. यशोदा मईया भगवान श्रीकृष्ण को प्रेमवश कभी गौ चारण के लिए नहीं जाने देती थी, लेकिन एक दिन कन्हैया ने जिद करके गौ चारण के लिए जाने को कहा तब यशोदा ने ऋषि शांडिल्य से कहकर मुहूर्त निकलवाया. इसके बाद पूजन के लिए श्रीकृष्ण को गौ चारण के लिए भेजा.