मोतिहारी : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के एमएस कॉलेज मोतिहारी इकाई ने शिक्षा मंत्री बिहार सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. राज्य में एनईपी के तहत हो रहे स्नातक प्रथम वर्ष नामांकन को अविलंब बंद करने के आदेश के खिलाफ शिक्षा मंत्री का पुतला दहन भी किया. अभाविप कॉलेज इकाई के अध्यक्ष शशि सिंह के नेतृत्व में छात्र नेताओं ने विरोध प्रदर्शन और पुतला दहन किया.
आधारभूत संरचना की कमी के लिए जिम्मेदार कौनः अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद कॉलेज इकाई के अध्यक्ष शशि सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत हो रहे स्नातक प्रथम वर्ष में नामांकन को तुरंत बंद करने के आदेश को सरकार वापस ले. शिक्षा मंत्री को जवाब देना चाहिए कि क्या वह बिहार के सभी युवाओं को नौवीं फेल बनाकर ही रखना चाहते हैं या फिर से चरवाहा विद्यालय चालू करना चाहते हैं. शिक्षा मंत्री को यह भी बताना चाहिए कि बिहार के विश्वविद्यालयों में आधारभूत संरचना की कमी के लिए जिम्मेदार कौन है.
''तकरीबन दो दशक के बाद भी उच्च शिक्षा की बर्बादी के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को युवाओं से माफी मांगनी चाहिए. जिस प्रकार से बिहार के विश्वविद्यालयों में आधारभूत संरचना की कमी बताकर राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत चार वर्षीय स्नातक कोर्स को लागू करने पर रोक लगा दिया गया है. यह बिहार सरकार की छात्र विरोधी मानसिकता को दर्शाता है.''- उजाला कुमार, कॉलेज छात्र संघ प्रतिनिधि
एमएस कॉलेज परिसर में सरकार विरोधी नारे लगायेः अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के छात्र नेताओं ने हाथों में बैनर पोस्टर लेकर एमएस कॉलेज परिसर में सरकार विरोधी नारे लगाये और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत नामांकन लेने की मांग की. कॉलेज से छात्र नेताओं का जत्था कॉलेज परिसर से निकलकर शहर के मुख्य मार्गो से गुजरते हुए ओवरब्रिज चौराहा पहुंचा. जहां छित्र नेताओं ने शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर का पुतला दहन किया गया.