पूर्वी चंपारण (मोतिहारी): बिहार में बाढ़ का प्रकोप जारी है. इस विभिषिका में लोग अपना सबकुछ खो चुके हैं. जो कुछ बचा है, वो सिर्फ आस है. उन्हें आस है कि सरकार उनकी मदद करेगी. लेकिन ये मदद ही पानी के सैलाब में डूब गई हो, तो क्या कहा जा सकता है. मामला दरअसल, मोतिहारी स्थित बिहार राज्य खाद्य निगम के गोदाम का है.
केसरिया स्थित बिहार राज्य खाद्य निगम के गोदाम से बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है. यहां रखा अनाज बाढ़ के पानी की भेंट चढ़ गया है. जानकारी मुताबिक, लूट के खेल में बाढ़ ने चार चांद लगा दिए. क्विंटलों अनाज बाढ़ के पानी के चलते सड़ चुका है. इसे जिले के लोगों की बदकिस्मती ही कहा जाएगा कि उनकी भूख मिटाने वाला अनाज, कुंडली मारकर बैठे अधिकारियों की लापरवाही की वजह से बर्बाद हो गया.
बाढ़ की विभिषिका
जिले में गंडक नदी पर बना तटबंध चंपारण के पास टूटने से कई प्रखंडों में बाढ़ ने तबाही मचाई है. संग्रामपुर में तांडव मचाने के बाद गंडक का पानी केसरिया प्रखंड में चारों तरफ फैला हुआ है. दुनिया का सबसे उंचा बौद्ध स्तूप भी गंडक के तांडव का मूक गवाह बना हुआ है. बौद्ध स्तूप परिसर के अंदर और बाहर बाढ़ का पानी फैला हुआ है. ऐसे में बाढ़ के पानी ने खाद्य गोदाम को भी नहीं छोड़ा. लगातार प्रकाशित हो रही खबरों के बावजूद, प्रशासन मौन रहा.
ग्रामीण परेशान
गांव से आईं तस्वीरें बाढ़ की विभिषिका के दर्द को बयां कर रही हैं. यहां लोगों के चूल्हे बाढ़ के पानी में डूबे हुए हैं. वे किसी तरह अपने परिवार का पेट पाल रहे हैं. ऐसे में अनाज का बाढ़ की भेंट चढ़ जाना उनके दुखों को हरा करने जैसा है.
होगी कार्रवाई- डीएम
मामले पर संज्ञान लेते हुए डीएम शीर्षत कपिल अशोक ने कार्रवाई की बात कही है. उन्होंने कहा कि ये काफी गंभीर मामला है. केंद्र और राज्य सरकार से मिलने वाला अनाज सड़ना नहीं चाहिए था. इस मामले के लिए एक जांच टीम बनाई गई है. जो मौके पर जाकर रिपोर्ट तैयार करेगी. पहले से सभी अधिकारियों को अलर्ट किया गया था. बावजूद इसके अनाज सड़ गया. प्रशासनिक चूक पर जिला प्रशासन कठोर कार्रवाई करेगा. पैसे की रिकवरी के अलावा जिम्मेदार आला अधिकारियों पर कार्रवाई होगी.