पूर्वी चंपारण(मोतिहारी): ऐतिहासिक मोतीझील को बचाने के लिए शुरु किए गए "सेव मोतीझील" कार्यक्रम के तहत दीपावली के पूर्व संध्या पर दीपोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया. मोतीझील बचाव अभियान समिति के बैनर तले आयोजित दीपोत्सव कार्यक्रम में मुख्य अतिथि जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक थे. मोतीझील के किनारे आयोजित कार्यक्रम में मोतीझील के बचे हुए हिस्से को बचाने के उपायों पर चर्चाएं हुई. साथ ही उपस्थित लोगों ने एक दीप जलाकर मोतीझील को बचाने का संकल्प लिया.
प्रदूषण और अतिक्रमण है बड़ी समस्या
मोतिहारी के इतिहास और पहचान से जुड़ा मोतीझील प्रदूषण और अतिक्रमण इसकी सबसे बड़ी समस्या है. कई बार मोतीझील के सफाई और अतिक्रमणमुक्त को लेकर असफल प्रशासनिक पहल भी हुए है, लेकिन मोतीझील की स्थिति नहीं सुधरी. हालांकि,मोतीझील को बचाने के लिए सामाजिक संगठनों के साथ आम लोगों ने आंदोलन किए. बावजूद इसके मोतीझील की सूरत नहीं बदली.