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जमीन रजिस्ट्री के नए नियम लागू होने से बढ़ी आम लोगों की परेशानी, सरकारी राजस्व को भी घाटा

नए नियम के लागू होने के बाद जमीन की रजिस्ट्री अचानक कम हो गई है. जिस कारण राजस्व उगाही भी प्रभावित हो रही है. बहरहाल, जमीन रजिस्ट्री के नए नियम के लागू होने के बाद परेशान आम आदमी सरकार को कोस रहा है. साथ ही सरकार के सरकारी खजाने पर भी काफी असर पड़ रहा है.

जिला निबंधन कार्यालय.
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Published : Oct 20, 2019, 3:56 AM IST

मोतिहारी: जमीन रजिस्ट्री को लेकर सरकार द्वारा बनाया गया नया नियम लोगों के लिये परेशानी का सबब बनता दिख रहा है. बिना किसी पूर्व तैयारी के अचानक से जमीन के रजिस्ट्री के नियमों में बदलाव करने से एक तरफ आम लोगों की परेशानी बढ़ गई है तो वहीं सरकारी राजस्व में भी अचानक कमी आ गयी है. मोतिहारी का जिला निबंधन कार्यलय आजकल सूना-सूना नजर आ रहा है.

जमीन खरीदने और बेचने वालों की भीड़ से हमेशा गुलजार रहने वाला पूर्वी चंपारण का जिला निबंधन कार्यालय नियमों में बदलाव के बाद से खाली-खाली सा हो गया है. जमीन रजिस्ट्री को लेकर सरकार के नए नियम से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. सरकार ने नए नियम को लागू करने के पहले दाखिल-खारिज और कागजातों को दुरुस्त कराने के लिए सरकारी स्तर पर कोई पहल नहीं की. लिहाजा, जरुरतमंद लोगों को काफी परेशानी हो रही है. पुस्तैनी जमीन के कागजात कई पीढ़ियो बाद तक दुरुस्त नहीं होने से जमीन बेचकर मांगलिक और अन्य कार्य करने के भरोसे रहने वाले लोगों के सामने परेशानियों का पहाड़ खड़ा हो गया है.

पेश है रिपोर्ट.

सरकार को कोस रहे परेशान लोग
इधर जिला अवर रजिस्ट्रार ने बताया कि सरकार के नए नियम के लागू होने के बाद जमीन की रजिस्ट्री अचानक कम हो गई है. जिस कारण राजस्व उगाही भी प्रभावित हो रही है. बहरहाल, जमीन रजिस्ट्री के नए नियम के लागू होने के बाद परेशान आम आदमी सरकार को कोस रहा है. साथ ही सरकार के सरकारी खजाने पर भी काफी असर पड़ रहा है.

common people suffering due to implementation of new rules of land registry
खाली पड़ा परिसर.

सरकारी राजस्व को भी हो रहा नुकसान
सितंबर महीने में जहां प्रत्येक दिन 100 से ज्यादा दस्तावेज का निष्पादन हुआ और इससे हर रोज 10 लाख से ज्यादा का राजस्व प्राप्त हुआ था, वहीं पिछले दो दिनों का आंकड़ा देखें तो, 18 अक्टूबर को 11 दस्तावेजों का निष्पादन हुआ, जिससे 5 लाख 49 हजार 937 रुपये के राजस्व की प्राप्ति हुई तो 19 अक्टूबर को 8 दस्तावेजों का निष्पादन हुआ, जिससे 9 लाख 36 हजार रुपये के राजस्व की प्राप्ति हुई.

मोतिहारी: जमीन रजिस्ट्री को लेकर सरकार द्वारा बनाया गया नया नियम लोगों के लिये परेशानी का सबब बनता दिख रहा है. बिना किसी पूर्व तैयारी के अचानक से जमीन के रजिस्ट्री के नियमों में बदलाव करने से एक तरफ आम लोगों की परेशानी बढ़ गई है तो वहीं सरकारी राजस्व में भी अचानक कमी आ गयी है. मोतिहारी का जिला निबंधन कार्यलय आजकल सूना-सूना नजर आ रहा है.

जमीन खरीदने और बेचने वालों की भीड़ से हमेशा गुलजार रहने वाला पूर्वी चंपारण का जिला निबंधन कार्यालय नियमों में बदलाव के बाद से खाली-खाली सा हो गया है. जमीन रजिस्ट्री को लेकर सरकार के नए नियम से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. सरकार ने नए नियम को लागू करने के पहले दाखिल-खारिज और कागजातों को दुरुस्त कराने के लिए सरकारी स्तर पर कोई पहल नहीं की. लिहाजा, जरुरतमंद लोगों को काफी परेशानी हो रही है. पुस्तैनी जमीन के कागजात कई पीढ़ियो बाद तक दुरुस्त नहीं होने से जमीन बेचकर मांगलिक और अन्य कार्य करने के भरोसे रहने वाले लोगों के सामने परेशानियों का पहाड़ खड़ा हो गया है.

पेश है रिपोर्ट.

सरकार को कोस रहे परेशान लोग
इधर जिला अवर रजिस्ट्रार ने बताया कि सरकार के नए नियम के लागू होने के बाद जमीन की रजिस्ट्री अचानक कम हो गई है. जिस कारण राजस्व उगाही भी प्रभावित हो रही है. बहरहाल, जमीन रजिस्ट्री के नए नियम के लागू होने के बाद परेशान आम आदमी सरकार को कोस रहा है. साथ ही सरकार के सरकारी खजाने पर भी काफी असर पड़ रहा है.

common people suffering due to implementation of new rules of land registry
खाली पड़ा परिसर.

सरकारी राजस्व को भी हो रहा नुकसान
सितंबर महीने में जहां प्रत्येक दिन 100 से ज्यादा दस्तावेज का निष्पादन हुआ और इससे हर रोज 10 लाख से ज्यादा का राजस्व प्राप्त हुआ था, वहीं पिछले दो दिनों का आंकड़ा देखें तो, 18 अक्टूबर को 11 दस्तावेजों का निष्पादन हुआ, जिससे 5 लाख 49 हजार 937 रुपये के राजस्व की प्राप्ति हुई तो 19 अक्टूबर को 8 दस्तावेजों का निष्पादन हुआ, जिससे 9 लाख 36 हजार रुपये के राजस्व की प्राप्ति हुई.

Intro:मोतिहारी।बिना किसी पूर्व तैयारी के अचानक से जमीन के रजिस्ट्री के नियमों में बदलाव करने से आम लोगों की परेशानी तो बढ़ हीं गई है।साथ हीं सरकारी राजस्व में अचानक कमी आ गयी है।

वीओ..1...जमीन खरीदने और बेचने वालों की भीड़ से हमेशा गुलजार रहने वाला पूर्वी चंपारण का जिला निबंधन कार्यालय आज कल सुना-सुना नजर आता है।जमीन रजिस्ट्री को लेकर सरकार के नए नियम से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।सरकार ने नए नियम को लागू करने के पूर्व दाखिल-खारिज और कागजातों को दुरुस्त कराने के लिए सरकारी स्तर पर कोई पहल नहीं किया।लिहाजा,जरुरतमंद लोगों को काफी परेशानी हो रही है।पुस्तैनी जमीन के कागजात कई पीढ़ियो बाद तक दुरुस्त नहीं होने से जमीन बेचकर मांगलिक और अन्य कार्य करने के भरोसे रहने वाले लोगों के सामने परेशानियों का पहाड़ खड़ा हो गया है।

बाईट.....अजीत कुमार.....स्थानीय(उजला कुर्ता गमछा रखे)
बाईट.....दीपक कुमार.....स्थानीय(उजला जर्सी,काला धारी)


Body:वीओ...2....इधर जिला अवर रजिस्ट्रार ने बताया कि सरकार के नए नियम के लागू होने के बाद जमीन की रजिस्ट्री अचानक कम हो गई है।जिसकारण राजस्व उगाही भी प्रभावित हो रही है।

बाईट.....विनय कुमार प्रसाद....अवर निबंधक



Conclusion:वीओएफ....बहरहाल जमीन रजिस्ट्री के सरकार के नए नियम के लागू होने के बाद परेशान आम आदमी सरकार को कोस रहा हैं।साथ ही सरकार के सरकारी खजाने पर भी काफी असर हो रहा है।सितंबर महीने में जहां प्रत्येक दिन एक सौ से ज्यादा दस्तावेज का निष्पादन हुआ।जिस कारण जमीन रजिस्ट्री से 10700.87 लाख रुपया राजस्व प्राप्त हुआ था।लेकिन केवल पिछले दो दिनों का आंकड़ा देखे।तो 18 अक्टूबर को 11 दस्तावेज का निष्पादन हुआ।जिससे 5,49,937 रुपया राजस्व प्राप्त हुआ।इसी प्रकार 19 अक्टूबर को 8 दस्तावेज का निष्पादन हुआ।जिससे 9,36,506 रुपया राजस्व की प्राप्ति हुई।
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