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मोतिहारी में जीतन राम मांझी के खिलाफ ब्राह्मण समाज का आंदोलन, किया पुतला दहन - ईटीवी बिहार न्यूज

जीतन राम मांझी के विवादित बयान (Jitan Ram Manjhi controversial statement) से ब्राह्माणों में काफी आक्रोश है. मोतिहारी के चांदमारी चौक पर ब्राह्मण विकास सेवा संघ (Brahman Vikas Seva Sangh) के तले ब्राह्मण समाज के लोगों ने उनके खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया. साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री का पुतला भी फूंका गया है. पढ़ें पूरी खबर..

Brahmin society Protest in motihari
मांझी के खिलाफ ब्राह्मण समाज का आंदोलन
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Published : Dec 24, 2021, 4:50 PM IST

पूर्वी चंपारण (मोतिहारी): हम प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (HAM Chief Jitan Ram Manjhi) द्वारा ब्राह्मणों पर की गई विवादास्पद टिप्पणी (Manjhi Controversial Statement on Brahmins) के बाद ब्राह्मण समाज का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा है. ब्राह्मण समाज जीतन राम मांझी के विरोध में लगातार आंदोलन कर रहा है. मोतिहारी के चांदमारी चौक पर ब्राह्मण विकास सेवा संघ के तले ब्राह्मण समाज के लोगों ने जीतन राम मांझी के खिलाफ प्रदर्शन किया और उनका पुतला भी जलाया.

यह भी पढ़ें - भोज से ब्राह्मण होंगे खुश? पहले खुले मंच से दी गाली.. अब पंडितों को खाना खिलाएंगे मांझी

जीतन राम मांझी ने ब्राह्मण समाज को लेकर जो विवादास्पद टिप्पणी की थी, उसके बाद पूरे ब्रहामण समाज में आक्रोश है. इसके साथ ही कई अलग-अलग थानों में मांझी के खिलाफ शिकायत दर्ज का सिलसिला भी तेज हो गया है. मांझी के इस बयान से पूरे ब्राह्मण समाज में आक्रोश काफी बढ़ गया है. प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे ब्राह्मण विकास सेवा संघ के प्रदेश अध्यक्ष वृजभूषण दूबे ने बताया कि जीतन राम मांझी सार्वजनिक मंच से जबतक माफी नहीं मांगेंगे. तब तक ब्रह्मण समाज का आंदोलन जारी रहेगा और समय के साथ आंदोलन तेज होता जाएगा.

देखें वीडियो

बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने एक कार्यक्रम में ब्राह्मणों के बारे में गलत टिप्पणी की थी. जिसके बाद जीतन राम मांझी के खिलाफ ब्राह्मणों ने मोर्चा खोल दिया है और ब्राह्मण समाज लगातार आंदोलन कर रहा है. वहीं विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने ब्राह्मणों के उपर जीतन राम मांझी के किए गए टिप्पणी पर उनकी निंदा भी की है.

बता दें कि, मांझी ने कुछ दिन पहले एक कार्यक्रम में ब्राह्मण समाज के लोगों पर अमर्यादित टिप्पणी की थी, जिसके बाद से ही उनके खिलाफ ब्राह्मणों ने मोर्चा खोल दिया है और ब्राह्मण समाज लगातार आंदोलन कर रहा है. वहीं विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने ब्राह्मणों के उपर जीतन राम मांझी के किए गए टिप्पणी पर उनकी निंदा भी की है. हालांकि, बाद में मांझी ने माफी मांगते हुए कहा कि, वे ब्राह्मण के खिलाफ नहीं, ब्राह्मणवाद के खिलाफ है.

मांझी ने कहा, "हम अपने समाज के लिए 'हरामी' शब्द का इस्तेमाल किया था. पंडित जी के लिए नहीं किया था. अगर इसमें कहीं गलतफहमी हो गई हो तो हम इसके लिए माफी चाहते हैं. लेकिन हम अपने समाज के लिए कहा था कि ऐसे आप लोग हो गए हैं कि अपने देवता को छोड़कर दूसरे का पूजा कराते हैं. उसमें भी शर्म आना चाहिए कि आपके यहां जो नहीं खाने वाले हैं, उनसे आपलोग पूजा कराते हैं."

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जीतन राम मांझी ने ब्राह्मण समाज को लेकर जो विवादास्पद टिप्पणी की थी, उसके बाद पूरे ब्रहामण समाज में आक्रोश है. इसके साथ ही कई अलग-अलग थानों में मांझी के खिलाफ शिकायत दर्ज का सिलसिला भी तेज हो गया है. मांझी के इस बयान से पूरे ब्राह्मण समाज में आक्रोश काफी बढ़ गया है. प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे ब्राह्मण विकास सेवा संघ के प्रदेश अध्यक्ष वृजभूषण दूबे ने बताया कि जीतन राम मांझी सार्वजनिक मंच से जबतक माफी नहीं मांगेंगे. तब तक ब्रह्मण समाज का आंदोलन जारी रहेगा और समय के साथ आंदोलन तेज होता जाएगा.

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बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने एक कार्यक्रम में ब्राह्मणों के बारे में गलत टिप्पणी की थी. जिसके बाद जीतन राम मांझी के खिलाफ ब्राह्मणों ने मोर्चा खोल दिया है और ब्राह्मण समाज लगातार आंदोलन कर रहा है. वहीं विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने ब्राह्मणों के उपर जीतन राम मांझी के किए गए टिप्पणी पर उनकी निंदा भी की है.

बता दें कि, मांझी ने कुछ दिन पहले एक कार्यक्रम में ब्राह्मण समाज के लोगों पर अमर्यादित टिप्पणी की थी, जिसके बाद से ही उनके खिलाफ ब्राह्मणों ने मोर्चा खोल दिया है और ब्राह्मण समाज लगातार आंदोलन कर रहा है. वहीं विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने ब्राह्मणों के उपर जीतन राम मांझी के किए गए टिप्पणी पर उनकी निंदा भी की है. हालांकि, बाद में मांझी ने माफी मांगते हुए कहा कि, वे ब्राह्मण के खिलाफ नहीं, ब्राह्मणवाद के खिलाफ है.

मांझी ने कहा, "हम अपने समाज के लिए 'हरामी' शब्द का इस्तेमाल किया था. पंडित जी के लिए नहीं किया था. अगर इसमें कहीं गलतफहमी हो गई हो तो हम इसके लिए माफी चाहते हैं. लेकिन हम अपने समाज के लिए कहा था कि ऐसे आप लोग हो गए हैं कि अपने देवता को छोड़कर दूसरे का पूजा कराते हैं. उसमें भी शर्म आना चाहिए कि आपके यहां जो नहीं खाने वाले हैं, उनसे आपलोग पूजा कराते हैं."

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