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न रजिस्ट्रेशन, न इंश्योरेंस और ना ही पॉल्यूशन पेपर, फिर भी धड़ल्ले से दौड़ रही यहां एम्बुलेंस

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Published : Dec 20, 2019, 12:02 PM IST

सिविल सर्जन डॉ. रिजवान अहमद ने कहा कि ये मामला मेरे संज्ञान में नहीं था. यदि एम्बुलेंस बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहा है तो ये गलत है. इसके बारे में जानकारी लेकर जरूरी कार्रवाई की जाएगी.

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मोतिहारी: जिले में सदर अस्पताल समेत सभी पीएचसी में कुल 35 एम्बुलेंस का संचालन हो रहा है. लेकिन इसमें से अधिकतर का रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है. साथ ही ना इन एम्बुलेंसों का इंश्योरेंस है और ना ही पॉल्यूशन पेपर. बिना कागजात सालों से यह सड़क पर दौड़ रही है. फिर भी प्रशासन को इसकी सुध नहीं है.

बरती जा रही है अनियमितताएं
यहां के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से लेकर सदर अस्पताल तक में चलने वाले एम्बूलेंस के संचालन में काफी अनियमितताएं बरती जा रही है. नए परिवहन कानून लागू होने के बाद भी एम्बुलेंस के कागजात दुरुस्त नहीं कराए गए हैं. जिले के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी खुद को इससे अनजान बताते हैं. वहीं बिना किसी वैध कागजात के एम्बुलेंस को सड़कों पर दौड़ाने के लिए खुद को मजबूर बताते हैं.

पेश है रिपोर्ट

अधिकारी को नहीं है सुध
एम्बुलेंस ड्राईवर प्रमोद कुमार ने बताया कि बिना रजिस्ट्रेशन और इंश्योरेंस पेपर के एम्बुलेंस संचालन की जानकारी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दी गई है. लेकिन अधिकारी ड्राइवरों के बात को अनसुना कर देते हैं. बता दें कि जिले में संचालित कई सरकारी एम्बूलेंस जनप्रतिनिधियों ने अपने फंड से दिया है. वैसे एम्बूलेंस भी बिना कागजात के ही मरीज ढ़ो रहे हैं.

ये भी पढ़ेंः नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : अन्य राज्यों के लिए मॉडल बन रहा अंबिकापुर वेस्ट मैनेजमेंट

'होगी जरूरी कार्रवाई'
सिविल सर्जन डॉ. रिजवान अहमद ने कहा कि ये मामला मेरे संज्ञान में नहीं था. यदि एम्बुलेंस बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहा है तो ये गलत है. इसके बारे में जानकारी लेकर जरूरी कार्रवाई की जाएगी.

मोतिहारी: जिले में सदर अस्पताल समेत सभी पीएचसी में कुल 35 एम्बुलेंस का संचालन हो रहा है. लेकिन इसमें से अधिकतर का रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है. साथ ही ना इन एम्बुलेंसों का इंश्योरेंस है और ना ही पॉल्यूशन पेपर. बिना कागजात सालों से यह सड़क पर दौड़ रही है. फिर भी प्रशासन को इसकी सुध नहीं है.

बरती जा रही है अनियमितताएं
यहां के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से लेकर सदर अस्पताल तक में चलने वाले एम्बूलेंस के संचालन में काफी अनियमितताएं बरती जा रही है. नए परिवहन कानून लागू होने के बाद भी एम्बुलेंस के कागजात दुरुस्त नहीं कराए गए हैं. जिले के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी खुद को इससे अनजान बताते हैं. वहीं बिना किसी वैध कागजात के एम्बुलेंस को सड़कों पर दौड़ाने के लिए खुद को मजबूर बताते हैं.

पेश है रिपोर्ट

अधिकारी को नहीं है सुध
एम्बुलेंस ड्राईवर प्रमोद कुमार ने बताया कि बिना रजिस्ट्रेशन और इंश्योरेंस पेपर के एम्बुलेंस संचालन की जानकारी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दी गई है. लेकिन अधिकारी ड्राइवरों के बात को अनसुना कर देते हैं. बता दें कि जिले में संचालित कई सरकारी एम्बूलेंस जनप्रतिनिधियों ने अपने फंड से दिया है. वैसे एम्बूलेंस भी बिना कागजात के ही मरीज ढ़ो रहे हैं.

ये भी पढ़ेंः नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : अन्य राज्यों के लिए मॉडल बन रहा अंबिकापुर वेस्ट मैनेजमेंट

'होगी जरूरी कार्रवाई'
सिविल सर्जन डॉ. रिजवान अहमद ने कहा कि ये मामला मेरे संज्ञान में नहीं था. यदि एम्बुलेंस बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहा है तो ये गलत है. इसके बारे में जानकारी लेकर जरूरी कार्रवाई की जाएगी.

Intro:"जिले में सदर अस्पताल समेत सभी पीएचसी में कुल 35 एम्बूलेंस का संचालन होता है।जिनमे से अधिकतर का रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है।साथ हीं इन एम्बूलेंस का ना ही इंश्योरेंस है और ना हीं पॉल्यूशन पेपर है।बिना कागजात बर्षों से सड़क पर एम्बूलेंस को दौड़ा रहे उसके ड्राईवर परेशान हैं।"

मोतिहारी।पूर्वी चंपारण जिले में सदर अस्पताल समेत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में संचालित हो रहे एम्बूलेंस के संचालन में काफी अनियमिततायें हैं।नए परिवहन कानून लागू होने के बाद भी एम्बूलेंस के कागजात दुरुस्त नहीं कराये गए हैं।जिले के स्वास्थ्य विभाग के हाकिम इससे अंजान है।जबकि एम्बूलेंस ड्राईवर मजबूरी में बिना किसी वैध कागजात के अवैध रुप से एम्बूलेंस को सड़कों पर दौड़ा रहे हैं।जिले में संचालित कई सरकारी एम्बूलेंस को जनप्रतिनिधियों ने अपने फंड से दिया है।वैसे एम्बूलेंस भी बिना कागजात के मरीज को ढ़ो रहे हैं।


Body:"जिले के 35 सरकारी एम्बूलेंस में अधिकतर हैं बिना कागजात के"

वीओ...1....जिले में सदर अस्पताल समेत सभी पीएचसी में कुल 35 एम्बूलेंस का संचालन होता है।बिहार सरकार विगत कुछ बर्षों से एनजीओ के माध्यम से सरकारी अस्पतालों में एम्बूलेंस का संचालन करवा रही है।लेकिन आश्चर्य इस बात का है कि जिले में संचालित 35 एम्बूलेंस में से अधिकतर का रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है।साथ हीं इन एम्बूलेंस का ना ही इंश्योरेंस है और ना हीं पॉल्यूशन पेपर है।बिना कागजात बर्षों से सड़क पर एम्बूलेंस को दौड़ा रहे उसके ड्राईवर परेशान हैं।बिना रजिस्ट्रेशन और इंश्योरेंस पेपर के एम्बूलेंस संचालन की जानकारी ड्राईवर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दे चुके हैं।लेकिन अधिकारी ड्राईवरों के बात को अनसुना करते रहे हैं।

बाईट.....प्रमोद कुमार....एम्बूलेंस ड्राईवर


Conclusion:"अवैध रुस से दौड़ रही सरकारी एम्बूलेंस से सीएस हैं अंजान"

वीओ...2...जिले में बर्षों से सदर अस्पताल समेत सभी पीएचसी में बिना वैध कागज के एम्बूलेंस मरीजों को ढ़ो रहे हैं।लेकिन स्वास्थ्य विभाग के हाकिम को ऐसे अवैध रुप से दौड़ रहे एम्बूलेंस के बारे में जानकारी नहीं है।क्योंकि जब इस तरह के एम्बूलेंस की जानकारी सिविल सर्जन को दी गई।तो उन्होने ऐसे एम्बूलेंस के संचालन को गलत बताते हुए अपनी अनभिज्ञता प्रकट की और कार्रवाई की बात कही।
बाईट....डॉ. रिजवान अहमद.....सिविल सर्जन

"अधिकारियों को मरीज और एम्बूलेंस ड्राईवर की नहीं है चिंता"

बीओएफ....बहरहाल,सड़कों पर दौड़ रहे अवैध एम्बूलेंस के ड्राईवर और मरीज की चिंता किसी को नहीं है।जबकि नए मोटर अधिनियम के लागू होने के बावजूद भी अधिकारी बेफिक्र हैं।अधिकारियों को चाहिए कि या तो ऐसे एम्बूलेंस का संचालन बंद करवा दे अथवा बिना वैध कागज वाले एम्बूलेंस के कागजातों को दुरुस्त करवाये।
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