मोतिहारी: बिहार में तीखे बयानों को लेकर इन दिनों सियासत गर्म है. इसको लेकर खूब आरोप-प्रत्यारोप लग रहे हैं. राजस्व मंत्री आलोक मेहता (Alok Mehta Controversial Statement) ने दस फीसदी वाले को अंग्रेजों का दलाल बताया था. इसको लेकर बयानबाजी शुरू हो गई. बीजेपी नीतीश सरकार को घेर रही थी. वहीं मोतिहारी में कहा मंत्री आलोक मेहता ने सफाई दी. उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ के संदर्भ में बात कही थी. मेरे बात को तोड़-मरोड़ कर दिखाया गया.
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सभी वर्गों के साथ अच्छा संबंध: आलोक मेहता ने कहा कि हम लोग जगदेव बाबू के विचारों में आस्था रखने वाले लोग हैं. उन्होंने कहा कि जिस मानसिकता से आप सोचेंगे, उसका वैसा ही मतलब समझ में आएगा. सियासत हो या व्यक्तिगत संबंध हो. इसलिए इसपर कोई सवाल नहीं है. मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि मेरे मन में सभी वर्ग के लिए सम्मान है. सौ में नब्बे शोषित हैं.
"आरक्षण समाप्त करने की कोशिश हो रही है, लेकिन दस प्रतिशत आरक्षण वालों को दलाल मैंने नहीं कहा है. इसी बात को गलत ढंग से प्रचारित किया जा रहा है. ईडब्ल्यूएस के समर्थन में हमलोगों ने प्रस्ताव दिया था. मैंने सिर्फ इतना कहा कि पिछड़े और दलित जाति के आरक्षण का कट ऑफ ऊपर जा रहा है. इसके कारण को जानने की जरुरत है. यह एक सियासती बातें हैं जिसे व्यक्तिगत रुप से प्रचारित करना गलत बात है." -आलोक कुमार, राजस्व व भूमि सुधार मंत्री
कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की : आगामी एक फरवरी को पटना के बापू सभागार में आयोजित बाबू जगदेव प्रसाद के जयंती समारोह की तैयारियों की समीक्षा करने राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक कुमार मोतिहारी पहुंचे थे. सर्किट हाउस में उन्होंने कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की और ज्यादा-से-ज्यादा जयंती शताब्दी वर्ष में सहभागिता सुनिश्चित करने की अपील की.
क्या कहा थाः राजस्व मंत्री आलोक मेहता ने 10 फीसदी आरक्षण पाने वाले को अंग्रेजों का दलाल बताया है. उन्होंने कहा कि ये लोग अंग्रेजों के जमाने में मंदिरों में घंटी बजाते थे. इसी दौरान उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि ‘जगदेव बाबू ने दलित, शोषित, पिछड़े और वंचितों के उत्थान की लड़ाई लड़ी, जिनकी हिस्सेदारी 90 प्रतिशत है. उन्हें समाज में कोई सम्मान नहीं मिलता था.