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मोतिहारी: दूर-दराज इलाके में फंसे पीड़ितों को खाने का संकट, प्रशासन से मदद की आस

जिलाधिकारी रमण कुमार का कहना है कि स्थिति अब पूरी तरह से नियंत्रित है. बाढ़ पीड़ितों के बैंक खाते में 6 हजार रूपये ट्रांसफर किये जाएंगे. अनुग्रह अनुदान राशि का भुगतान करने के लिए आपदा प्रबंधन विभाग राज्य सरकार की ओर से निर्देश दिया गया है.

घट रहा पानी का जलस्त
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Published : Jul 19, 2019, 10:29 AM IST

Updated : Jul 19, 2019, 10:37 AM IST

मोतिहारी: पूर्वी चंपारण जिले में बाढ़ के पानी का स्तर अब कम होने लगा है. हालांकि अभी भी कई प्रखंड के लोग राहत के इंतजार में हैं. बाढ़ का पानी अभी भी लोगों के घर में घुसा हुआ है. लोगों के सामने सबसे बड़ी समस्या खाने को लेकर है. इसको लेकर पीड़ित प्रशासन से मदद की आस लगाए बैठा है. जिला प्रशासन बाढ़ पीड़ितों के लिए सामुदायिक रसोई उपलब्ध कराने का दावा कर रहा है. लेकिन, उसका लाभ दूर-दराज इलाकों में फंसे लोगों को नहीं हो रहा है.

पेश है रिपोर्ट

जिले का 12 प्रखंड बाढ़ की चपेट में
मोतिहारी जिले का 12 प्रखंड बाढ़ की चपेट में है. घरों में पानी घुस जाने से लोगों को काफी नुकसान हुआ है. घर में रखा सारा अनाज पानी में बह गया. अब खाने के लाले पड़ने लगे हैं. लोगों का कहना है कि कोई भी अधिकारी इनकी सुध लेने नहीं आया.

सामुदायिक रसोई का नहीं मिल रहा लाभ
जिला प्रशासन ने बाढ़ पीड़ितों को फूड पैकेट्स देने के बजाय सामुदायिक रसोई के माध्यम से भोजन उपलब्ध कराने का काम शुरु किया. लेकिन जिले में अभी भी कई बाढ़ पीड़ित ऐसै हैं जो सामुदायिक रसोई तक पहुंच नहीं पा रहे हैं. लिहाजा, इन्हें अपनी पेट की आग को बुझाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है.

बाढ़ पीड़ितों को मिलेगी अनुदान राशि
जिलाधिकारी रमण कुमार का कहना है कि हालात अब पूरी तरह से नियंत्रित है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार जिले के 11 प्रखंड बाढ़ की चपेट में हैं. इनमें 19 ग्राम पंयाचत पूर्ण रूप से और 70 ग्राम पंयाचत आंशिक रूप से प्रभावित हैं. बाढ़ पीड़ितों को अनुग्रह अनुदान राशि का भुगतान करने के लिए आपदा प्रबंधन विभाग राज्य सरकार की ओर से निर्देश दिया गया है. एक दो दिनों के अंदर इनके बैंक खाते में 6 हजार रूपये ट्रांसफर किये जाएंगे. उनका ये भी कहना है कि बाढ़ पीड़ितों के लिए 99 सामुदायिक रसोई का संचालन किया जा रहा है. लेकिन हकीकत यह है कि इन सामुदायिक रसोई का समुचित लाभ पीड़ितों को नहीं मिल रहा है.

मोतिहारी: पूर्वी चंपारण जिले में बाढ़ के पानी का स्तर अब कम होने लगा है. हालांकि अभी भी कई प्रखंड के लोग राहत के इंतजार में हैं. बाढ़ का पानी अभी भी लोगों के घर में घुसा हुआ है. लोगों के सामने सबसे बड़ी समस्या खाने को लेकर है. इसको लेकर पीड़ित प्रशासन से मदद की आस लगाए बैठा है. जिला प्रशासन बाढ़ पीड़ितों के लिए सामुदायिक रसोई उपलब्ध कराने का दावा कर रहा है. लेकिन, उसका लाभ दूर-दराज इलाकों में फंसे लोगों को नहीं हो रहा है.

पेश है रिपोर्ट

जिले का 12 प्रखंड बाढ़ की चपेट में
मोतिहारी जिले का 12 प्रखंड बाढ़ की चपेट में है. घरों में पानी घुस जाने से लोगों को काफी नुकसान हुआ है. घर में रखा सारा अनाज पानी में बह गया. अब खाने के लाले पड़ने लगे हैं. लोगों का कहना है कि कोई भी अधिकारी इनकी सुध लेने नहीं आया.

सामुदायिक रसोई का नहीं मिल रहा लाभ
जिला प्रशासन ने बाढ़ पीड़ितों को फूड पैकेट्स देने के बजाय सामुदायिक रसोई के माध्यम से भोजन उपलब्ध कराने का काम शुरु किया. लेकिन जिले में अभी भी कई बाढ़ पीड़ित ऐसै हैं जो सामुदायिक रसोई तक पहुंच नहीं पा रहे हैं. लिहाजा, इन्हें अपनी पेट की आग को बुझाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है.

बाढ़ पीड़ितों को मिलेगी अनुदान राशि
जिलाधिकारी रमण कुमार का कहना है कि हालात अब पूरी तरह से नियंत्रित है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार जिले के 11 प्रखंड बाढ़ की चपेट में हैं. इनमें 19 ग्राम पंयाचत पूर्ण रूप से और 70 ग्राम पंयाचत आंशिक रूप से प्रभावित हैं. बाढ़ पीड़ितों को अनुग्रह अनुदान राशि का भुगतान करने के लिए आपदा प्रबंधन विभाग राज्य सरकार की ओर से निर्देश दिया गया है. एक दो दिनों के अंदर इनके बैंक खाते में 6 हजार रूपये ट्रांसफर किये जाएंगे. उनका ये भी कहना है कि बाढ़ पीड़ितों के लिए 99 सामुदायिक रसोई का संचालन किया जा रहा है. लेकिन हकीकत यह है कि इन सामुदायिक रसोई का समुचित लाभ पीड़ितों को नहीं मिल रहा है.

Intro:मोतिहारी।पूर्वी चंपारण जिला में बाढ़ के पानी का जलस्तर अब कम होने लगा है।बावजूद इसके अभी भी कई प्रखंडों के लोग राहत के इंतजार में हैं।बाढ़ का पानी अभी भी लोगों के घर में घुसा हुआ है।लोगों के सामने सबसे बड़ी समस्या खाने को लेकर है।लेकिन जिला प्रशासन सामुदायिक रसोई का आंकड़ा पेश कर सभी बाढ़ पीड़ितों के लिए भोजन उपलब्ध कराने का दावा कर रही है।


Body:वीओ...1....जिले में हुई आफत की बारिश और नेपाल से आई पानी ने जिले में बाढ़ का रुप ले लिया।जिले के बारह प्रखंड बाढ़ के चपेट में आ गए।लोगों के घरों में पानी घुस गया और अनाज भी भीग गए।लोगों के सामने भोजन की समस्या खड़ी हो गई।जिला प्रशासन ने बाढ़ पीड़ितों को फूड पैकेट्स देने के बजाय सामुदायिक रसोई के माध्यम से लोगों को भोजन उपलब्ध कराने का काम शुरु किया।लेकिन जिले के अभी भी कई बाढ़ पीड़ित सामुदायिक रसोई तक पहुंच नहीं पा रहे है।लिहाजा,वैसे बाढ़ पीड़ितों को अपने पेट की आग को बुझाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है।
बाईट.....बिंदू देवी...बाढ़ पीड़ित...लाल साड़ी में
बाईट......कमल देवी....बाढध पीड़ित


Conclusion:वीओ...2....इधर जिला प्रशासन के अनुसार जिले के ग्यारह प्रखंड बाढ़ प्रभावित हैं और बाढ़ पीड़ितों के लिए 91 सामुदायिक रसोई चल रहा है।जहां बाढ़ प्रभावित लोग भोजन कर रहे हैं।डीएम के अनुसार सभी बाढ़ पीड़ितों के खाते में छह हजार रुपया ऑनलाईन भेजा जाएगा।
बाईट.....रमण कुमार.....डीएम
वीओएफ....फिलहाल,जिला प्रशासन की टीम इस आपदा की घड़ी में बैठक पर बैठक कर रही है।साथ हीं सभी बाढ़ पीड़ितों तक सरकारी सहायता पहुंचाने का दावा भी कर रही है।लेकिन बहुत से इलाके ऐसे हैं।जहां के बाढ़ पीड़ित अभी भी सरकारी सहायता से महरुम है।
Last Updated : Jul 19, 2019, 10:37 AM IST
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