मोतिहारी: पूर्वी चंपारण जिले में बाढ़ के पानी का स्तर अब कम होने लगा है. हालांकि अभी भी कई प्रखंड के लोग राहत के इंतजार में हैं. बाढ़ का पानी अभी भी लोगों के घर में घुसा हुआ है. लोगों के सामने सबसे बड़ी समस्या खाने को लेकर है. इसको लेकर पीड़ित प्रशासन से मदद की आस लगाए बैठा है. जिला प्रशासन बाढ़ पीड़ितों के लिए सामुदायिक रसोई उपलब्ध कराने का दावा कर रहा है. लेकिन, उसका लाभ दूर-दराज इलाकों में फंसे लोगों को नहीं हो रहा है.
जिले का 12 प्रखंड बाढ़ की चपेट में
मोतिहारी जिले का 12 प्रखंड बाढ़ की चपेट में है. घरों में पानी घुस जाने से लोगों को काफी नुकसान हुआ है. घर में रखा सारा अनाज पानी में बह गया. अब खाने के लाले पड़ने लगे हैं. लोगों का कहना है कि कोई भी अधिकारी इनकी सुध लेने नहीं आया.
सामुदायिक रसोई का नहीं मिल रहा लाभ
जिला प्रशासन ने बाढ़ पीड़ितों को फूड पैकेट्स देने के बजाय सामुदायिक रसोई के माध्यम से भोजन उपलब्ध कराने का काम शुरु किया. लेकिन जिले में अभी भी कई बाढ़ पीड़ित ऐसै हैं जो सामुदायिक रसोई तक पहुंच नहीं पा रहे हैं. लिहाजा, इन्हें अपनी पेट की आग को बुझाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है.
बाढ़ पीड़ितों को मिलेगी अनुदान राशि
जिलाधिकारी रमण कुमार का कहना है कि हालात अब पूरी तरह से नियंत्रित है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार जिले के 11 प्रखंड बाढ़ की चपेट में हैं. इनमें 19 ग्राम पंयाचत पूर्ण रूप से और 70 ग्राम पंयाचत आंशिक रूप से प्रभावित हैं. बाढ़ पीड़ितों को अनुग्रह अनुदान राशि का भुगतान करने के लिए आपदा प्रबंधन विभाग राज्य सरकार की ओर से निर्देश दिया गया है. एक दो दिनों के अंदर इनके बैंक खाते में 6 हजार रूपये ट्रांसफर किये जाएंगे. उनका ये भी कहना है कि बाढ़ पीड़ितों के लिए 99 सामुदायिक रसोई का संचालन किया जा रहा है. लेकिन हकीकत यह है कि इन सामुदायिक रसोई का समुचित लाभ पीड़ितों को नहीं मिल रहा है.