दरभंगा: ऑल इंडिया यूथ फेडरेशन के राष्ट्रव्यापी आह्वान के तहत समाहरणालय स्थित धरना स्थल पर एक दिवसीय धरना दिया. धरना के माध्यम से आंदोलनकारियों ने सरकार से कई मांगें की. आंदोलनकारियों ने कोरोना संकट के मद्देनजर सभी गरीबों को प्रति महीना 10 हजार रुपए भत्ता, 4 महीने तक बिजली बिल, रूम रेंट, ईएमआई और स्कूल फीस का भुगतान सरकार को करने की मांग की.
साथ ही भगत सिंह राष्ट्रीय रोजगार गारंटी कानून बनाने, स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी, रेलवे आदि के निजीकरण पर रोक लगाने की भी मांग की गई.
गरीबों का हो मुफ्त इलाज
ऑल इंडिया यूथ फेडरेशन के सदस्य वरुण कुमार झा ने कहा कि कोरोना काल में प्राईवेट अस्पताल लूट का अड्डा बन गया है. सरकार सभी प्राईवेट अस्पताल को अधिग्रहण करके उसमें गरीबों का मुफ्त इलाज सुनिश्चित करें. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार नौजवानों को लगातार ठग रही है. सरकार अपने वादे पर काम नहीं कर रही हैं. सरकार सभी बेरोजगारों को दो सालों तक एक हजार रुपए बेरोजगारी भत्ता देने का वादा की थी, लेकिन बेरोजगारों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है. वहीं, छात्रों को चार लाख तक शिक्षा लोन देने की घोषणा की थी. यह योजना भी धरातल पर नहीं दिख रही है.
'नहीं मानी मांग तो होगी क्रांति'
वहीं, ऑल इंडिया यूथ फेडरेशन के प्रदेश उपाध्यक्ष राजू मिश्रा ने कहा कि वर्तमान सरकार कल-कारखानों को खोलने के बदले लगातार बंद कर रही हैं. जिससें देश में बेरोजगारों की संख्या में काफी वृद्धि हुई हैं. सरकार को रोजगार के मुद्दे पर गंभीर होना होगा और सभी नौजवानों को उसके योग्यता के आधार पर रोजगार देना होगा. नहीं तो एआईवाईएफ नौजवानों को संगठित करके सरकार के खिलाफ क्रांति का बिगुल फूंकेगा. बिहार में कई विभागों में लाखों सीटें खाली पड़ी हैं. पुस्तकालयों में 90% सीटें खाली है. इन सभी विभागों में सरकार को बहाली निकालकर नौजवानों को रोजगार दिना चाहिए.