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दरभंगा: सोमवारी को लेकर शिवनगरी कुशेश्वर स्थान में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, हर-हर महादेव के लगे जयकारे

वर्ष 1936 में मुंगेर जिला के सकरपुरा की महारानी ने शिवमंदिर और माता पार्वती का भव्य मंदिर बनवाया. बाद में साल 1970 और 2001-02 में बिरला ट्रस्ट कलकत्ता एवं स्थानीय युवा मंच ने इसका जीर्णोद्धार करवाया.

श्रद्धालुओं का लगा तांता
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Published : Jul 29, 2019, 1:07 PM IST

दरभंगा: सावन महीने की दूसरी सोमवारी को लेकर सभी मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है. जिले के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल शिवनगरी कुशेश्वर स्थान में भी भक्त जल चढ़ाकर भगवान शिव की पूजा-आर्चना कर रहे हैं. वहीं, बोल बम के जयकारे से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया है.

महादेव के जयकारों से गूंज उठा मंदिर
रविवार की देर रात से ही हर हर महादेव का जयकारा लग रहा है. जिससे मंदिर में पूरा भक्तिमय माहौल हो गया. कुशेश्वर स्थान और आसपास के सीमावर्ती प्रखंड क्षेत्रों में से आए लोग बाबा कुशेश्वर नाथ की पूजा-अर्चना कर रहे हैं और भगवान की मंगला आरती हो रही है. इसके बाद भगवान शिव का जलाभिषेक भी कर रहे हैं.

darbhanag
मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़

हजारों की तादाद में पहुंचे श्रद्धालु
सुबह जैसे ही पट खुला श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. इस बीच जय कुशेश्वर नाथ, हर हर महादेव और बोल बम के जयकारे से मंदिर परिसर के साथ-साथ कुशेश्वर स्थान शिवमय हो चुका है. वहीं, शिव गंगा में बाढ़ का पानी भरे रहने के बावजूद श्रद्धालु जन उत्साह के साथ स्नान करते नजर आ रहे हैं.

पेश है रिपोर्ट

क्या है मान्यता?
लोगों का मानना है कि कुशेश्वरनाथ का शिवलिंग लगभग चार सौ साल पहले घने कुश के जंगल के बीच मिला था. इसीलिए इसका नाम कुशेश्वर स्थान पड़ा. इस शिवलिंग का दर्शन सबसे पहले कुश जंगल के नजदीक बसे रामपुर रौता के खागा हजारी को हुआ. लगभग चार सौ साल पहले हजारी परिवार ने फूस का मंदिर बनवाया और उसके बाद खपरैल का मंदिर बना. वर्ष 1936 में मुंगेर जिला के सकरपुरा की महारानी ने शिवमंदिर और माता पार्वती का भव्य मंदिर बनवाया. बाद में साल 1970 और 2001-02 में बिरला ट्रस्ट कलकत्ता एवं स्थानीय युवा मंच ने इसका जीर्णोद्धार करवाया. साल 2013 से कुशेश्वरनाथ महादेव मंदिर न्यास समिति इसकी देखरेख कर रही है.

मंदिर में सुरक्षा चाक-चौबंद
सावन माह को लेकर मंदिरों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. प्रशासन ने विशेष पुलिस बल की मदद से श्रद्धालुओं की सुरक्षा का खास ध्यान रखा है. मंदिर के प्रवेश द्वार पर पुलिस की कड़ी बंदोबस्त की गई है. ताकि पूजा-पाठ के इस माहौल में किसी भी प्रकार की भगदड़ नहीं मचे.

दरभंगा: सावन महीने की दूसरी सोमवारी को लेकर सभी मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है. जिले के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल शिवनगरी कुशेश्वर स्थान में भी भक्त जल चढ़ाकर भगवान शिव की पूजा-आर्चना कर रहे हैं. वहीं, बोल बम के जयकारे से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया है.

महादेव के जयकारों से गूंज उठा मंदिर
रविवार की देर रात से ही हर हर महादेव का जयकारा लग रहा है. जिससे मंदिर में पूरा भक्तिमय माहौल हो गया. कुशेश्वर स्थान और आसपास के सीमावर्ती प्रखंड क्षेत्रों में से आए लोग बाबा कुशेश्वर नाथ की पूजा-अर्चना कर रहे हैं और भगवान की मंगला आरती हो रही है. इसके बाद भगवान शिव का जलाभिषेक भी कर रहे हैं.

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मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़

हजारों की तादाद में पहुंचे श्रद्धालु
सुबह जैसे ही पट खुला श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. इस बीच जय कुशेश्वर नाथ, हर हर महादेव और बोल बम के जयकारे से मंदिर परिसर के साथ-साथ कुशेश्वर स्थान शिवमय हो चुका है. वहीं, शिव गंगा में बाढ़ का पानी भरे रहने के बावजूद श्रद्धालु जन उत्साह के साथ स्नान करते नजर आ रहे हैं.

पेश है रिपोर्ट

क्या है मान्यता?
लोगों का मानना है कि कुशेश्वरनाथ का शिवलिंग लगभग चार सौ साल पहले घने कुश के जंगल के बीच मिला था. इसीलिए इसका नाम कुशेश्वर स्थान पड़ा. इस शिवलिंग का दर्शन सबसे पहले कुश जंगल के नजदीक बसे रामपुर रौता के खागा हजारी को हुआ. लगभग चार सौ साल पहले हजारी परिवार ने फूस का मंदिर बनवाया और उसके बाद खपरैल का मंदिर बना. वर्ष 1936 में मुंगेर जिला के सकरपुरा की महारानी ने शिवमंदिर और माता पार्वती का भव्य मंदिर बनवाया. बाद में साल 1970 और 2001-02 में बिरला ट्रस्ट कलकत्ता एवं स्थानीय युवा मंच ने इसका जीर्णोद्धार करवाया. साल 2013 से कुशेश्वरनाथ महादेव मंदिर न्यास समिति इसकी देखरेख कर रही है.

मंदिर में सुरक्षा चाक-चौबंद
सावन माह को लेकर मंदिरों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. प्रशासन ने विशेष पुलिस बल की मदद से श्रद्धालुओं की सुरक्षा का खास ध्यान रखा है. मंदिर के प्रवेश द्वार पर पुलिस की कड़ी बंदोबस्त की गई है. ताकि पूजा-पाठ के इस माहौल में किसी भी प्रकार की भगदड़ नहीं मचे.

Intro:मिथिलांचल की प्रसिद्ध तीर्थ स्थल शिवनगरी कुशेश्वरस्थान में सावन की दूसरी सोमवारी को शिवभक्तों का एकबार फिर उमड़े जन सैलाब से बाबा धाम कुशेश्वरस्थान हर-हर महादेव के जयघोष से गूंज उठा। रविवार की देर रात से ही हर हर बमबम जय कुशेश्वर व हर हर महादेव के जयघोष से शिवनगरी तथा आस पास के गांव महादेव के जयकारे से गूंजता रहा। वही कुशेश्वरस्थान और आसपास के सीमावर्ती प्रखंड क्षेत्रों में फैली बाढ़ विभीषिका के बावजूद शिव भक्तों की आस्था चरम पर रही।

बाबा कुशेश्वर नाथ की नियमित दैनिक आज सुबह की सरकारी पूजा-अर्चना और मंगला आरती के बाद जलाभिषेक के लिए मंदिर के गर्भ गृह का पट जैसे ही खुला श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी और हजारों श्रद्धालुओं ने शिवलिंग पर जलाभिषेक कर पूजा-अर्चना का दौर अनवरत रूप से चलता रहा। इस बीच जय कुशेश्वर नाथ, हर हर महादेव और बोलबम बोलबम के जयघोष से मंदिर परिसर के साथ कुशेस्वरस्थान शिवमय होता रहा। वही शिव गंगा में बाढ़ का पानी भरे रहने से श्रद्धालु जन उत्साह के साथ स्नान करते देखे गए।

Body:ऐसी मान्यता है की कुशेश्वरनाथ का शिवलिंग लगभग चार सौ साल पहले घने कुश के जंगल के बीच मिला था, इसीलिए इस स्थान का नाम कुशेश्वरस्थान पड़ा। इस शिवलिंग का दर्शन सबसे पहले कुश जंगल के नजदीक बसे रामपुर रौता के खागा हजारी को हुआ। लगभग चार सौ पहले हजारी परिवार ने फूस का मंदिर बनवाय और उसके बाद खपरैल का बना। 1936 ईं. में मुंगेर जिला के सकरपुरा स्टेट की महारानी ने शिवमंदिर व माता पार्वती की भव्य मंदिर बनवायी। वर्ष 1970 एवं 2001-02 में क्रमश: बिरला ट्रस्ट कलकत्ता एवं स्थानीय युवा मंच ने जीर्णोद्धार करवाया। वर्ष 2013 से कुशेश्वरनाथ महादेव मंदिर न्यास समिति देखरेख कर रही है।


Conclusion:लोगो का मनना है की सावन के महीने में बाबा कुशेश्वरस्थान महादेव का पूजा अर्चना करने का एक विशेष महत्व है। इसीलिए सावन के माह में पड़ोसी जिले के साथ साथ पडोसी देश नेपाल के श्रद्धालु भी अपनी मनोकामना को लेकर आते है। वहीं पुलिस प्रशासन की ओर से सुरक्षा एवं भीड़ नियंत्रण के लिए जगह-जगह सुरक्षा बल तैनात किए गए थे। सावन के इस मौके पर सैकड़ों की संख्या में महिलाओं और पुरुषों ने सोमवारी उपवास व्रत भी रखते है। वही देर रात बाबा कुशेश्वरनाथ के गर्भगृह में शिवलिंग का आकर्षक श्रृंगार किया जाता है। जिसे देखने के लिए हजारो की संख्या में भक्तो की भीड़ लगी रहती है।

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जीतू झा, भक्त
कौशल कुमार, भक्त
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