दरभंगा: बिहार सरकार के जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने जिले के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया. इसके बाद उन्होंने जिला प्रशासन के साथ समाहरणालय स्थित अंबेडकर सभागार में बाढ़ राहत कार्य और बाढ़ निरोधी कार्य को लेकर समीक्षा बैठक की. इस दौरान उन्होंने बाढ़ राहत कार्य में तत्परता दिखाने के लिए जिला प्रशासन की प्रशंसा की.
![Water Resources Minister Sanjay Jha praises Darbhanga administration for flood relief work](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/bh-dar-04-mantri-pkg-bh10006_08082020211409_0808f_04004_253.jpg)
समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने कहा कि बाढ़ के दौरान दरभंगा के प्रशासनिक पदाधिकारी और इंजीनियरों के सामूहिक प्रयास के कारण दरभंगा जिले के लोग सुरक्षित रहे. जिस तरह से सामुदायिक किचन, फूड पैकेट का वितरण, जरूरतमंद लोगों के बीच पॉलिथीन शीट्स का वितरण, मवेशियों के लिए पशु चारा, बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए स्वास्थ्य शिविर और खासकर कोविड-19 जैसे विपदा की घड़ी में इतनी तेजी से कार्य किए गए हैं, वो सराहनीय है. वहीं, उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित परिवारों को जितनी जल्दी जीआर की राशि दरभंगा में उपलब्ध कराई गई है, वो काबिले तारीफ है.
15 सितंबर तक बाढ़ निरोधी कार्य जारी रखने के निर्देश
इसके अलावे संजय झा ने कहा कि जब मैं पिछले साल मंत्री बनकर दरभंगा आया था, उस समय लगभग 8 जगहों पर बांध टूट गया था. लेकिन इस साल हमारे इंजीनियरों ने प्रशंसनीय कार्य किए हैं. विभाग की छवि को बदलने में कामयाब रहे हैं. दरभंगा जिला बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित होता है. यहां सीतामढ़ी और मधुबनी के साथ अन्य जिलों से भी बाढ़ का पानी आता है. साल 2007 से देख रहा हूं यहां बाढ़ का पानी चार-चार महीनों तक लगा रहता है. वहीं, उन्होंने कहा कि अभी तक 1987 के बाढ़ को बेंच मार्क माना जाता है. लेकिन इस बार की बाढ़ ने उसको कई जगहों पर क्रॉस कर दिया है. अभी भी लगातार एक महीना और चुनौतीपूर्ण स्तिथि है.
बाढ़ राहत कार्य के लिए ग्रामीणों की सराहना
जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने कहा कि 5 ए और 3बी जहां कमला, कोसी और करेह नदी मिलती है. वहां किसी प्रकार से तकनीकी रास्ता निकालना पड़ेगा. हम 15 साल से देख रहे हैं कि हरेक साल हनुमाननगर में बाढ़ आती है. इसका कोई ना कोई हल तो ढूंढना ही पड़ेगा. वहीं, इस साल बाढ़ राहत और बाढ़ निरोधक कार्य में ग्रामीणों ने भी अच्छी भूमिका निभाई है.