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दरभंगाः कमला नदी पर लोगों ने खुद बनाया लोहे का 75 फीट लंबा पुल, 15 साल से लगा रहे थे सरकार से गुहार - Villagers built bridge in darbhanga

मानी गांव के लोग अपने विधायक ललित यादव और सरकार से बेहद नाराज हैं. उनका कहना है कि उन्हें जब लगेगा कि कोई उम्मीदवार उनकी सड़क और एक बढ़िया-मजबूत पुल बनवा सकता है, तभी वे लोग वोट डालेंगे नहीं तो वोट बहिष्कार करेंगे.

लोहे का 75 फीट लंबा पुल
लोहे का 75 फीट लंबा पुल
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Published : Jul 14, 2020, 4:23 PM IST

दरभंगाः कहा जाता है कि लोकतंत्र में जनता राजा होती है और सरकार और जनप्रतिनिधि उनके सेवक. लेकिन अगर लोगों की चुनी हुई सरकार उनके हित की अनदेखी करे तो लोग आखिर क्या करें. ऐसे ही हालात में दरभंगा के मानी गांव के लोगों ने अपने मजबूत इरादे के बल पर सरकार और जन प्रतिनिधियों को आईना दिखा दिया.

पुल बनने से लोगों को मिली बड़ी राहत
दरअसल, कमला नदी के किनारे बसे दरभंगा और मधुबनी जिले लोग पिछले 15 साल से नदी पर एक पुल बनाने की मांग कर रहे थे. जब इनकी मांग नहीं मानी गई तो मानी गांव के लोगों ने आस पास के गांवों से चंदा लेकर 2 लाख रुपये जमा किए और नदी पर 75 फीट लंबा लोहे का पुल बना दिया. आज इस पुल से तकरीबन 15 गांवों की लगभग 3 लाख आबादी को बड़ी राहत मिली है.

लोहे का नवनिर्मित पुल
लोहे का नवनिर्मित पुल

थक चुके थे विधायक से लगाकर गुहार
इनकी खेती-बाड़ी से लेकर रिश्ते-नाते और नजदीकी बाजार हाट कमला नदी के आर-पार पड़ते हैं. पुल और नाव न होने से ये लोग काफी कठिनाई से नदी पार करते थे. बरसात में दुर्घटना का शिकार होते थे. लोग 15 साल तक दरभंगा ग्रामीण के विधायक ललित यादव से गुहार लगा-लगा कर थक चुके थे.

20 मिनट पूरा होगा मुख्यालय से प्रखंड का सफर
इन ग्रामीणों का एक अदद पुल इनका अधूरा ख्वाब साबित हो रहा था. अब इस पुल के बन जाने से दरभंगा सदर प्रखंड के बलहा पंचायत पड़ोसी जिले मधुबनी के बिस्फी, रहिका और जयनगर से सीधे जुड़ गई है. जबकि केवटी प्रखंड और दरभंगा जिला मुख्यालय महज 20 मिनट की दूरी पर रह गए हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

विधायक और सरकार से नाराज हैं लोग
अब मानी गांव के लोग अपने विधायक ललित यादव और सरकार से बेहद नाराज हैं. उनका कहना है कि वे इस चुनाव में देख-परख कर ही वोट डालेंगे. अगर उन्हें लगेगा कि कोई उम्मीदवार उनकी सड़क और एक बढ़िया-मजबूत पुल बनवा सकता है, तभी वे लोग वोट डालेंगे नहीं तो वोट बहिष्कार करेंगे.

'आने जाने में होती थी परेशानी'
स्थानीय ललिता देवी ने कहा कि वे लोग खेती-बाड़ी से लेकर मवेशियों के लिए चारा लाने तक के लिए नदी के उस पार जाती हैं. आने-जाने में बहुत कठिनाई होती है. कई बार लोग डूब जाते हैं, जिससे जान चली जाती है. वे लोग पिछले 15 साल से कमला नदी पर पुल बनाने की मांग कर रहे थे. लेकिन जब नहीं बना तो उन लोगों ने 2 लाख रुपये चंदा वसूल कर लोहे का पुल बना दिया.

ये भी पढ़ेंःमोतिहारी: बागमती के पानी ने बर्बाद की सैकड़ों एकड़ फसल, आवागमन में भी परेशानी

'देख-परख कर किसी उम्मीदवार को देंगे वोट'
स्थानीय सुरेश पासवान ने कहा कि पुल बनाने की उनकी गुहार न तो विधायक और न ही सरकार ने सुनी. इसलिए इस बार के विधानसभा चुनाव में वे देख-परख कर ऐसे उम्मीदवार को वोट देंगे जो उनके लिए सड़क और मजबूत पुल बनवा पाने में समर्थ हो. अगर ऐसा कोई उम्मीदवार नहीं दिखा तो वे वोट बहिष्कार करेंगे.

पुल पार करती लड़कियां
पुल पार करती लड़कियां

'स्थानीय विधायक देते रहे आश्वासन'
स्थानीय सुरेंद्र साह ने कहा कि विधायक ललित यादव पिछले 15 साल से उन लोगों को पुल बनवाने का आश्वासन दे रहे हैं. उन्होंने कई बार यहां पुल बनवाने के लिए मापी भी करवाई है, लेकिन कुछ नहीं हुआ. अब चंदा करके जो पुल बना है उससे वे लोग मधुबनी जिले के बिस्फी, जयनगर और रहिका से सीधे जुड़ गए हैं.

अब दरभंगा जिला मुख्यालय और केवटी प्रखंड महज 20 मिनट की दूरी पर रह गए हैं. जब पुल नहीं था तब काफी समय दरभंगा जिला मुख्यालय जाने में लग जाता था. मधुबनी के इलाकों की तो बात ही छोड़ दीजिए.

पुल पार करते लोग
पुल पार करते लोग

कई बार विधानसभा में पुल के लिए उठाई मांग
इस पूरे मामले में दरभंगा ग्रामीण से राजद विधायक ललित यादव ने कहा कि वे विपक्षी दल के विधायक हैं. सरकार में नहीं हैं. उन्होंने कई बार विधानसभा में मानी गांव के पुल को लेकर मांग उठाई है. मंत्री से लेकर अधिकारियों तक को पत्र लिखे हैं. इसका पूरा सबूत उनके पास है. लेकिन सरकार उनकी मांग की अनदेखी करती है. सरकार घनी आबादी वाले गांवों के बीच पड़ने वाली नदी पर पुल बनाने को प्राथमिकता देती है.

वहीं, इस मामले में जब दरभंगा डीएम डॉ. त्यागराजन एस.एम से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने कुछ भी बोलने से मना कर दिया.

दरभंगाः कहा जाता है कि लोकतंत्र में जनता राजा होती है और सरकार और जनप्रतिनिधि उनके सेवक. लेकिन अगर लोगों की चुनी हुई सरकार उनके हित की अनदेखी करे तो लोग आखिर क्या करें. ऐसे ही हालात में दरभंगा के मानी गांव के लोगों ने अपने मजबूत इरादे के बल पर सरकार और जन प्रतिनिधियों को आईना दिखा दिया.

पुल बनने से लोगों को मिली बड़ी राहत
दरअसल, कमला नदी के किनारे बसे दरभंगा और मधुबनी जिले लोग पिछले 15 साल से नदी पर एक पुल बनाने की मांग कर रहे थे. जब इनकी मांग नहीं मानी गई तो मानी गांव के लोगों ने आस पास के गांवों से चंदा लेकर 2 लाख रुपये जमा किए और नदी पर 75 फीट लंबा लोहे का पुल बना दिया. आज इस पुल से तकरीबन 15 गांवों की लगभग 3 लाख आबादी को बड़ी राहत मिली है.

लोहे का नवनिर्मित पुल
लोहे का नवनिर्मित पुल

थक चुके थे विधायक से लगाकर गुहार
इनकी खेती-बाड़ी से लेकर रिश्ते-नाते और नजदीकी बाजार हाट कमला नदी के आर-पार पड़ते हैं. पुल और नाव न होने से ये लोग काफी कठिनाई से नदी पार करते थे. बरसात में दुर्घटना का शिकार होते थे. लोग 15 साल तक दरभंगा ग्रामीण के विधायक ललित यादव से गुहार लगा-लगा कर थक चुके थे.

20 मिनट पूरा होगा मुख्यालय से प्रखंड का सफर
इन ग्रामीणों का एक अदद पुल इनका अधूरा ख्वाब साबित हो रहा था. अब इस पुल के बन जाने से दरभंगा सदर प्रखंड के बलहा पंचायत पड़ोसी जिले मधुबनी के बिस्फी, रहिका और जयनगर से सीधे जुड़ गई है. जबकि केवटी प्रखंड और दरभंगा जिला मुख्यालय महज 20 मिनट की दूरी पर रह गए हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

विधायक और सरकार से नाराज हैं लोग
अब मानी गांव के लोग अपने विधायक ललित यादव और सरकार से बेहद नाराज हैं. उनका कहना है कि वे इस चुनाव में देख-परख कर ही वोट डालेंगे. अगर उन्हें लगेगा कि कोई उम्मीदवार उनकी सड़क और एक बढ़िया-मजबूत पुल बनवा सकता है, तभी वे लोग वोट डालेंगे नहीं तो वोट बहिष्कार करेंगे.

'आने जाने में होती थी परेशानी'
स्थानीय ललिता देवी ने कहा कि वे लोग खेती-बाड़ी से लेकर मवेशियों के लिए चारा लाने तक के लिए नदी के उस पार जाती हैं. आने-जाने में बहुत कठिनाई होती है. कई बार लोग डूब जाते हैं, जिससे जान चली जाती है. वे लोग पिछले 15 साल से कमला नदी पर पुल बनाने की मांग कर रहे थे. लेकिन जब नहीं बना तो उन लोगों ने 2 लाख रुपये चंदा वसूल कर लोहे का पुल बना दिया.

ये भी पढ़ेंःमोतिहारी: बागमती के पानी ने बर्बाद की सैकड़ों एकड़ फसल, आवागमन में भी परेशानी

'देख-परख कर किसी उम्मीदवार को देंगे वोट'
स्थानीय सुरेश पासवान ने कहा कि पुल बनाने की उनकी गुहार न तो विधायक और न ही सरकार ने सुनी. इसलिए इस बार के विधानसभा चुनाव में वे देख-परख कर ऐसे उम्मीदवार को वोट देंगे जो उनके लिए सड़क और मजबूत पुल बनवा पाने में समर्थ हो. अगर ऐसा कोई उम्मीदवार नहीं दिखा तो वे वोट बहिष्कार करेंगे.

पुल पार करती लड़कियां
पुल पार करती लड़कियां

'स्थानीय विधायक देते रहे आश्वासन'
स्थानीय सुरेंद्र साह ने कहा कि विधायक ललित यादव पिछले 15 साल से उन लोगों को पुल बनवाने का आश्वासन दे रहे हैं. उन्होंने कई बार यहां पुल बनवाने के लिए मापी भी करवाई है, लेकिन कुछ नहीं हुआ. अब चंदा करके जो पुल बना है उससे वे लोग मधुबनी जिले के बिस्फी, जयनगर और रहिका से सीधे जुड़ गए हैं.

अब दरभंगा जिला मुख्यालय और केवटी प्रखंड महज 20 मिनट की दूरी पर रह गए हैं. जब पुल नहीं था तब काफी समय दरभंगा जिला मुख्यालय जाने में लग जाता था. मधुबनी के इलाकों की तो बात ही छोड़ दीजिए.

पुल पार करते लोग
पुल पार करते लोग

कई बार विधानसभा में पुल के लिए उठाई मांग
इस पूरे मामले में दरभंगा ग्रामीण से राजद विधायक ललित यादव ने कहा कि वे विपक्षी दल के विधायक हैं. सरकार में नहीं हैं. उन्होंने कई बार विधानसभा में मानी गांव के पुल को लेकर मांग उठाई है. मंत्री से लेकर अधिकारियों तक को पत्र लिखे हैं. इसका पूरा सबूत उनके पास है. लेकिन सरकार उनकी मांग की अनदेखी करती है. सरकार घनी आबादी वाले गांवों के बीच पड़ने वाली नदी पर पुल बनाने को प्राथमिकता देती है.

वहीं, इस मामले में जब दरभंगा डीएम डॉ. त्यागराजन एस.एम से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने कुछ भी बोलने से मना कर दिया.

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