ETV Bharat / state

पटना HC के आदेश पर UGC ने 372 कॉलेजों पर शुरू की कार्रवाई, दायरे में LNMU के 60 कॉलेज - कॉलेजों पर शुरू हुई कार्रवाई

विश्वविद्यालय कुलपति ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए सभी कॉलेजों के प्रधानाचार्य को 21 फरवरी तक उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा करने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा जिन भी प्रधानाचार्य की लापरवाही है. उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी.

एलएनएमयू
एलएनएमयू
author img

By

Published : Feb 20, 2021, 7:34 PM IST

दरभंगा: पटना हाई कोर्ट के आदेश पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने बिहार के 372 कॉलेजों पर कार्रवाई की चेतावनी दी है. दरअसल इन कॉलेजों ने यूजीसी की दो पंचवर्षीय योजनाओं 2007-2012 और 2012-17 में अनुदान के रूप में मिली राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं दिया था. ऐसे कॉलेजों में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के 60 अंगीभूत और संबद्ध कॉलेज भी शामिल हैं.

ये भी पढ़ें- बिहार कांग्रेस प्रभारी के सामने ही प्रदेश अध्यक्ष के साथ धक्का-मुक्की, पुलिस ने बचाया

'पटना हाईकोर्ट में 23 फरवरी की तिथि सुनवाई के लिए मुकर्रर की गई है. वह चाहते हैं कि उसके पहले ये सभी 60 कॉलेज दोनों योजनाओं का उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा कर दें ताकि हाईकोर्ट को इससे अवगत कराया जा सके. वहीं, जो भी प्रधानाचार्य मामले में लापरवाही बरतेंगे उनके खिलाफ वेतन रोकने की कार्रवाई की जाएगी. साथ ही जिन भी प्रधानाचार्यों बिना उपयोगिता प्रमाण पत्र दिए स्थानांतरण के बाद दूसरे कॉलेजों में ज्वाइन किया है, उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई जाएगी'.- प्रो. एसपी सिंह, कुलपति, एलएनएमयू

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

लापरवाही पर होगी कार्रवाई
वहीं, इसको लेकर एक एनजीओ 'वेटरन्स फोरम फॉर ट्रांसपेरेंसी इन पब्लिक लाइफ' ने पटना हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी. इसी के बाद कोर्ट ने यह आदेश जारी किया है. इस आदेश के जारी होने के बाद इन कॉलेजों पर यूजीसी की कार्रवाई की तलवार लटक रही है. ऐसे में बिहार के सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में हड़कंप मचा गया है. एलएनएमयू ने इसको लेकर उन सभी 60 कॉलेजों के प्रधानाचार्य की बैठक बुलाई जिन पर कार्रवाई होनी है.

उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा करने का निर्देश
विश्वविद्यालय कुलपति ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए सभी कॉलेजों के प्रधानाचार्य को 21 फरवरी तक उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा करने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा जिन भी प्रधानाचार्य की लापरवाही है. उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी.

ये भी पढ़ें- नीतीश कुमार हैं व्यवहारिक समाजवाद के प्रणेता- राम बच्चन राय

यूजीसी को नहीं मिला उपयोगिता प्रमाण पत्र
बता दें कि इस एनजीओ ने 2018 में पटना हाई कोर्ट में यह याचिका दायर की थी. जिसमें कहा गया था कि बिहार के 372 कॉलेजों ने यूजीसी की 2007 से 2012 की पंचवर्षीय योजना के तहत 108 करोड़ 44 लाख 58 हजार 269 रुपये और 2012 से 17 तक की पंचवर्षीय योजना के तहत 55 करोड़ 79 लाख 78 हजार 369 रुपये का उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं जमा किया गया है. इसी के तहत ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के 60 कॉलेजों की तरफ से 2007 से 12 तक 19 करोड़ 40 लाख 93 हजार 541 और 2012 से 2017 तक 10 करोड़ 35 लाख 1 हज़ार 219 रुपये का उपयोगिता प्रमाण पत्र यूजीसी को नहीं मिला है.

दरभंगा: पटना हाई कोर्ट के आदेश पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने बिहार के 372 कॉलेजों पर कार्रवाई की चेतावनी दी है. दरअसल इन कॉलेजों ने यूजीसी की दो पंचवर्षीय योजनाओं 2007-2012 और 2012-17 में अनुदान के रूप में मिली राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं दिया था. ऐसे कॉलेजों में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के 60 अंगीभूत और संबद्ध कॉलेज भी शामिल हैं.

ये भी पढ़ें- बिहार कांग्रेस प्रभारी के सामने ही प्रदेश अध्यक्ष के साथ धक्का-मुक्की, पुलिस ने बचाया

'पटना हाईकोर्ट में 23 फरवरी की तिथि सुनवाई के लिए मुकर्रर की गई है. वह चाहते हैं कि उसके पहले ये सभी 60 कॉलेज दोनों योजनाओं का उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा कर दें ताकि हाईकोर्ट को इससे अवगत कराया जा सके. वहीं, जो भी प्रधानाचार्य मामले में लापरवाही बरतेंगे उनके खिलाफ वेतन रोकने की कार्रवाई की जाएगी. साथ ही जिन भी प्रधानाचार्यों बिना उपयोगिता प्रमाण पत्र दिए स्थानांतरण के बाद दूसरे कॉलेजों में ज्वाइन किया है, उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई जाएगी'.- प्रो. एसपी सिंह, कुलपति, एलएनएमयू

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

लापरवाही पर होगी कार्रवाई
वहीं, इसको लेकर एक एनजीओ 'वेटरन्स फोरम फॉर ट्रांसपेरेंसी इन पब्लिक लाइफ' ने पटना हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी. इसी के बाद कोर्ट ने यह आदेश जारी किया है. इस आदेश के जारी होने के बाद इन कॉलेजों पर यूजीसी की कार्रवाई की तलवार लटक रही है. ऐसे में बिहार के सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में हड़कंप मचा गया है. एलएनएमयू ने इसको लेकर उन सभी 60 कॉलेजों के प्रधानाचार्य की बैठक बुलाई जिन पर कार्रवाई होनी है.

उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा करने का निर्देश
विश्वविद्यालय कुलपति ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए सभी कॉलेजों के प्रधानाचार्य को 21 फरवरी तक उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा करने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा जिन भी प्रधानाचार्य की लापरवाही है. उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी.

ये भी पढ़ें- नीतीश कुमार हैं व्यवहारिक समाजवाद के प्रणेता- राम बच्चन राय

यूजीसी को नहीं मिला उपयोगिता प्रमाण पत्र
बता दें कि इस एनजीओ ने 2018 में पटना हाई कोर्ट में यह याचिका दायर की थी. जिसमें कहा गया था कि बिहार के 372 कॉलेजों ने यूजीसी की 2007 से 2012 की पंचवर्षीय योजना के तहत 108 करोड़ 44 लाख 58 हजार 269 रुपये और 2012 से 17 तक की पंचवर्षीय योजना के तहत 55 करोड़ 79 लाख 78 हजार 369 रुपये का उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं जमा किया गया है. इसी के तहत ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के 60 कॉलेजों की तरफ से 2007 से 12 तक 19 करोड़ 40 लाख 93 हजार 541 और 2012 से 2017 तक 10 करोड़ 35 लाख 1 हज़ार 219 रुपये का उपयोगिता प्रमाण पत्र यूजीसी को नहीं मिला है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.