दरभंगा: सरकारी योजनाओं में सरेआम किस तरह की गड़बड़ी की जाती है, इसका एक उदाहरण जिले के बहेड़ी प्रखंड के शिवराम मध्य विद्यालय के भवन निर्माण में देखने को मिला. ग्रामीणों ने घटिया निर्माण का आरोप लगाते हुए विद्यालय के नए भवन के निर्माण को रोक दिया. वे शिक्षा विभाग के वरीय अधिकारियों को बुला कर स्थिति देखने की मांग कर रहे थे.
'भवन की नींव से लेकर छत की बीम तक कमजोर'
बाद में डीईओ महेश प्रसाद सिंह खुद विद्यालय पहुंचे. उन्होंने विभागीय इंजीनियर से भवन निर्माण की गुणवत्ता की जांच कराई और गुणवत्ता का कड़ाई से पालन करने का एचएम को निर्देश दिया. उसके बाद विद्यालय का निर्माण दोबारा शुरू हो सका. स्थानीय स्वतंत्र कुमार झा ने कहा कि 25 लाख की लागत से विद्यालय का नया भवन बन रहा है. लेकिन इसमें छड़ और सीमेंट की गुणवत्ता का पालन नहीं किया जा रहा है. भवन की नींव से लेकर छत की बीम तक कमजोर है. उन्होंने कहा कि कई बार की शिकायत के बाद भी इसकी जांच नहीं कराई गई. इसलिए ग्रामीणों ने विद्यालय भवन का निर्माण रुकवा दिया.
'गड़बड़ी में हेडमास्टर का हाथ'
भवन निर्माण का काम कर रहे ठेकेदार गणेश दास ने स्वीकार किया कि विद्यालय की एचएम के कहने पर स्कूल के भवन निर्माण में कम गुणवत्ता के सामान का इस्तेमाल कराया जा रहा है. उन्होंने कहा कि 20 एमएम की जगह 16 एमएम की छड़ इस्तेमाल की जा रही है. इसी वजह से छत की बीम झुक गई है. उन्होंने कहा कि इसे सुधारने का निर्देश मिला है.
क्या कहते हैं जिलाधिकारी?
इधर मौके पर जांच के लिए पहुंचे जिला शिक्षा पदाधिकारी महेश प्रसाद सिंह ने कहा कि भवन निर्माण की जांच इंजीनियर से कराई गई थी. निर्माण में कुछ तकनीकी खामियां थीं. उन्हें दूर करने का निर्देश एचएम को दिया गया है. उन्होंने कहा कि लॉ़कडाउन खत्म होने के बाद वे फिर विद्यालय में आ कर ग्रामीणों के साथ बैठक करेंगे और स्थिति की समीक्षा करेंगे.