दरभंगा: जिले के ललित नारायण मिथिला विवि के शोध शाखा के सभी कर्मियों को बदल दिया गया है. यह कार्रवाई पीएचडी के छात्रों से अवैध वसूली की शिकायत मिलने के बाद कुलपति प्रो. एसपी सिंह ने की है. पहले एक कर्मी को शोध शाखा से हटाया गया और उसके बाद शाम होते-होते सभी कर्मियों को बदलने की अधिसूचना जारी कर दी गई. कुलपति ने मामले की जांच के लिए एक कमेटी भी बनाई है. जांच के बाद दोषी पाए जानेवाले कर्मियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. दरअसल पीएचडी के छात्रों से लंबे समय से चल रही अवैध वसूली की लिखित शिकायत कुछ शोध छात्रों ने कुलपति से मिल कर की थी.
अर्थशास्त्र के शोध छात्रों ने की थी शिकायत
अर्थशास्त्र के एक शोध छात्र हिमांशु कुमार ने बताया कि उन्होंने 2017 में शोध के लिए पंजीयन कराया था. उनसे कई बार अवैध ढंग से वसूली की गई. पैसे नहीं देने पर उनकी फाइल लटका दी गई. उन्होंने कहा कि शोध शाखा में किसी भी एक काम के लिए कर्मी 'एक हाथ' यानि 500 रुपये की डिमांड करते हैं. बैक डोर से ये उगाही होती है. उन्होंने कहा कि आजिज आकर 10-12 पीड़ित छात्रों के साथ मिलकर उन्होंने कुलपति से लिखित शिकायत की है कि अगर कार्रवाई नहीं होती है तो उनका रजिस्ट्रेशन कैंसल कर दिया जाए. उन्होंने कहा कि विवि के सभी अधिकारी और कर्मी अवैध वसूली के मामले से वाकिफ हैं. केवल कुलपति नए आए हैं इसलिए वे अनजान थे.
LNMU के कुलपति की सख्त कार्रवाई, बदले गए शोध शाखा के सभी कर्मी
ललित नारायण मिथिला विवि के कुछ शोध छात्रों ने कुलपति को लिखीत शिकायत दी थी कि शाखा के सभी कर्मी अवैध वसूली करते हैं. इस शिकायत के बाद कुलपति ने कार्रवाई करते हुए सभी शाखा कर्मियों बदल दिया है.
दरभंगा: जिले के ललित नारायण मिथिला विवि के शोध शाखा के सभी कर्मियों को बदल दिया गया है. यह कार्रवाई पीएचडी के छात्रों से अवैध वसूली की शिकायत मिलने के बाद कुलपति प्रो. एसपी सिंह ने की है. पहले एक कर्मी को शोध शाखा से हटाया गया और उसके बाद शाम होते-होते सभी कर्मियों को बदलने की अधिसूचना जारी कर दी गई. कुलपति ने मामले की जांच के लिए एक कमेटी भी बनाई है. जांच के बाद दोषी पाए जानेवाले कर्मियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. दरअसल पीएचडी के छात्रों से लंबे समय से चल रही अवैध वसूली की लिखित शिकायत कुछ शोध छात्रों ने कुलपति से मिल कर की थी.
अर्थशास्त्र के शोध छात्रों ने की थी शिकायत
अर्थशास्त्र के एक शोध छात्र हिमांशु कुमार ने बताया कि उन्होंने 2017 में शोध के लिए पंजीयन कराया था. उनसे कई बार अवैध ढंग से वसूली की गई. पैसे नहीं देने पर उनकी फाइल लटका दी गई. उन्होंने कहा कि शोध शाखा में किसी भी एक काम के लिए कर्मी 'एक हाथ' यानि 500 रुपये की डिमांड करते हैं. बैक डोर से ये उगाही होती है. उन्होंने कहा कि आजिज आकर 10-12 पीड़ित छात्रों के साथ मिलकर उन्होंने कुलपति से लिखित शिकायत की है कि अगर कार्रवाई नहीं होती है तो उनका रजिस्ट्रेशन कैंसल कर दिया जाए. उन्होंने कहा कि विवि के सभी अधिकारी और कर्मी अवैध वसूली के मामले से वाकिफ हैं. केवल कुलपति नए आए हैं इसलिए वे अनजान थे.