दरभंगा: सोनी टीवी का बिजनेस रियलिटी शो शार्क टैंक इंडिया सीजन 2 (shark tank india season 2) की शुरुआत हो चुकी है. पहला शो 2 जनवरी 2023 को दिखाया गया. लेकिन सीजन 2 का कुछ खास रहा. खास इसलिए क्योकी पहले सीजन में जिस ऑफर को शार्क ने ठुकराया था, उसे इस बार अच्छी डिल मिली है. जी हां, हम बात कर रहे है. दरभंगा के झाजी अचार (Darbhanga Jha Ji Pickle) की. झाजी अचार में जज विनीता सिंह (Sharks Vineeta Singh) और नमिता थापर (Sharks Namita Thapar) अचानक उमा झा और कल्पना झा से मिलने दरभंगा पहुंच गईं और उन्हें 85 लाख का चेक थमा (shark offer 85 lakh for jha ji pickle) दिया.
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I never thought I would one day travel to Darbhanga,Bihar to invest in a pickle company, it’s an emotional memory, missed investing in season 1 but travelled to their home to give them that cheque..here’s to celebrating our women entrepreneurs & taking our Indian culture global! pic.twitter.com/CBtBUvXTAH
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शार्क ने झाजी अचार को दिए 85 लाख : दरअसल शार्क इंडिया की जज के मुताबिक उन्होंने शार्क इंडिया सीजन 2 (Shark Tank India 2) की शुरुआत के साथ ही अपनी गलती सुधारी है और झाजी अचार की ननद भाभी की जोड़ी को 50 लाख की बजाय 85 लाख दिया है. उन्होंने झाजी अचार में पहले के ऑफर 10 पर्सेंट की हिस्सेदारी की जगह सिर्फ 8.5 पर्सेंट शेयर लिया है. इसके लिए शार्क टैंक इंडिया में जज व शुगर कॉस्मेटिक्स की सीईओ विनीता सिंह और एमक्योर फॉर्माक्यूटिकल्स की मालकिन व जज नमिता थापर, उमा झा और कल्पना झा के गांव दरभंगा पहुंची और ननद भाभी की जोड़ी को 85 लाख रुपये का चेक थमाया. बता दें कि शार्क टैंक इंडिया नए कारोबारियों को उड़ाने देनें में मदद करता है. उनकी कंपनी में पैसा लगाता है और उसके बदले कंपनी में कुछ हिस्सेदारी लेता है.
'जब से शार्क टैंक का मंच मिला.. कारोबार बढ़ा' : उमा का कहना है कि, उन्हें जब से शार्क टैंक का मंच मिला, तब से कारोबार और बढ़ा है. वहीं शार्क व शुगर कॉस्मेटिक्स की सीईओ विनीता सिंह (Sharks Vineeta Singh) का कहना है कि झाजी अचार में सीजन 1 में निवेश नहीं करने से उनकी मां ने उन्हे जमकर फटकार लगाई थी कि उन्होंने एक महिला की कंपनी में निवेश करने से कैसे मना कर दिया.
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''मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं एक दिन एक अचार कंपनी में निवेश करने के लिए दरभंगा, बिहार की यात्रा करूंगी. यह एक भावनात्मक स्मृति है. सीजन 1 में निवेश करने से चूक गई थी. लेकिन उन्हें वह चेक देने के लिए उनके घर गई थी. यह हमारी महिला उद्यमियों का जश्न मनाने का मौका है.'' - नमिता थापर, शार्क व एमक्योर फॉर्माक्यूटिकल्स की मालकिन
शार्क टैंक सीजन 1 में भी पहुंची थी दोनों : दरभंगा की ननद भाभी उमा झा और कल्पना झा की जोड़ी ने शार्क टैंक इंडिया सीजन 1 में फंड जुटाने पहुंची थी. शो में ननद भाभी की जोड़ी ने झाजी अचार के लिए 10 फीसदी इक्विटी (हिस्सेदारी) के बदले बदले 50 लाख की रकम मांगी थी. लेकिन उस दौरान शार्क ने झाजी अचार के ऑफर को ना कह दिया था. जिसके बाद दोनों को खाली हाथ लौटना पड़ा था. लेकिन अब उन्हें 85 लाख का निवेश मिला है.
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झाजी अचार के ब्रांड बनने की कहानी: कल्पना झा और उमा झा की कंपनी का नाम Mithila Pickles and Chutney Pvt Ltd है. दरभंगा शहर की ननद भाभी की जोड़ी ने बेहस कम समय में अपने अचार के ब्रांड को दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरू जैसे महानगरों और शहरों तक पहुंचा दिया है. इनके कारखानों में आम, नींबू, इमली, आंवला, मिर्ची, गोभी और लहसुन जैसे 24 वैरायटी के अचार बनते हैं. जिनकी पैकिंग 250 ग्राम से शुरू होकर 5 किलो तक के पैक में बाजार में बिकती है.
''शुरू से ही अचार बनाने का शौक रहा हैं. शुरू में घर के बनाए अचार रिश्तेदार और मेहमान बड़े स्वाद लेकर खाते थे. पर्व-त्योहार में रिश्तेदार कहते थे कि मिठाई के बदले अचार दे देना. पति आइएएस अधिकार रहे. जब वे रिटायर हुए तो खाली समय को उपयोगी बनाने के लिए अचार का बिजनेस करने का फैसला किया. लेकिन ये आइडिया उन्होंने अपनी भाभी उमा झा को बताया. उन्हें यह आइडिया काफी पसंद आया. जून 2021 को झाजी अचार की शुरूआत की.'' - कल्पना झा, झाझी अचार
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ऐसे शुरू हुआ झाजी अचार का सफर : भाभी उमा झा ने बताया कि वे पेशे से एक प्राइवेट स्कूल में शिक्षिका हैं. उनकी ननद कल्पना झा ने जब उसने अचार का बिजनेस शुरू करने का सुझाव दिया तो उन्हें काफी पसंद आया. जिसके बाद करीब 20 लाख रुपये से झाजी अचार ब्रांड की शुरुआत की. इस व्यवसाय में कई लोगों को रोजगार भी दिया. उन्होंने बताया कि जो महिलाएं कभी घर की चाहरदीवारी में बंद थी आज उनके व्यवसाय से जुड़ी है और खुश है.
''मैं पहले लोगों के घरों में काम करती थी. 500-एक हजार तक मिल जाता था. लेकिन घर मुश्किल से चलता था. आज झाजी अचार से जुड़कर रोजगार के साथ अच्छे पैसे भी मिल रहे है. यहां पति और बेटे को भी रोजगार मिल गया. अब घर की हालत सुधर गई है. कई और लोगों को भी मैंने काम दिलवाया है.'' - चुकिया देवी, कामगार, झाजी अचार
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'घर में रोजगार मिला.. और क्या चाहिए' : वहीं झाजी अचार के साथ जुड़े एक और कर्मचारी मनीष कुमार ने बताया कि यहां उन्हें अच्छे पैसे मिल जाते है. यह उनकी पहली नौकरी है. 10-15 हजार के लिए दूसरे राज्य में जाकर नौकरी करने से अच्छा है, अपने गांव-घर में ही रोजगार मिले. मनीष ने बताया कि झाजी अचार में परिवार जैसे माहौल है. सब लोग मिलजुल कर काम करते है.
साल 2021 में झाजी अचार की शुरुआत : ननद कल्पना झा ने बताया कि अक्टूबर 2020 में बिजनेक के लिए आवेदन किया था. सारी औपचारिक्ता पूरी करने के बाद जून 2021 में दरभंगा में झाजी स्टोर (jhaji store darbhanga) की शुरुआत हुई. उन्होंने बताया कि मेरे बेटे मयंक ने ऑनलाइन मार्केटिंग का काम संभाला. और कुछ ऐसे सफर की शुरुआत हुई. दिन प्रतिदिन ऑनलाइन ऑर्डर की संख्या बढ़ती गई. उन्होंने 10 तरह के अचार के साथ काम की शुरुआत की थी. लेकिन आज उनके पास 15 से ज्यादा वैरायटी हैं. शुरुआत में उन्हें कई परेशानियां आई लेकिन धीरे-धीरे सबकुछ ठीक हो गया.
''शुरुआत में 250 ग्राम के जार में अचार उपलब्ध था. उसके बाद 500 ग्राम और आज 5 किलों तक का अचार हमारे यहां मिलता है. अचार में सब कुछ फ्रैश रहता है. झाजी अचार की खासियत इसके पारंपरिक मसाले है, जिससे इसका स्वाद लोगों को खूब अच्छा लगता है. आज दूसरे राज्यों से भी उनके पास काफी ऑर्डर आते है.'' - कल्पना झा (ननद), झाजी अचार