दरभंगा: 'जाको राखे साईंया, मार सके न कोई' वाली कहावत फिर चरितार्थ हुई है. जहां, दरभंगा स्टेशन के नजदीक म्यूजियम गुमटी के पास एक महिला ने दुधमुंही बच्ची के साथ जान देने की कोशिश की. ट्रेन के सामने कूदने से महिला की मौत हो गई. लेकिन, नन्हीं जान को खरोंच तक नहीं आई.
दरअसल, अहले सुबह दरभंगा स्टेशन से दिल्ली जाने वाली बिहार सम्पर्क कांति एक्सप्रेस अपने समय से गंतव्य के लिए चली. कुछ दूरी पर स्थित म्यूजियम गुमटी के पास एक महिला अपनी बच्ची के साथ ट्रेन के आगे छलांग लगा दी. आनन-फानन में ट्रेन चालक ने ब्रेक लगाया. हालांकि, तब तक ट्रेन का पहिया महिला के ऊपर चढ़ गया. इस घटना में महिला की मौके पर ही मौत हो गई. हालांकि महिला के सीने से चिपकी 7 माह की बच्ची सकुशल बच गयी.
मां के सीने से चिपकी हुई थी बच्ची
इस घटना की सूचना मिलते ही स्टेशन अधीक्षक सहित आरपीएफ और जीआरपी के जवान मौके पर पहुंचे. महिला का गला इंजन के पहिये के बीच कटा पड़ा था. जबकि बच्ची महिला के सीने से सकुशल चिपकी हुई थी. काफी मशक्कत कर आधे घंटे बाद महिला का शव ट्रेन के इंजन के नीचे से निकाला गया. रेल ट्रैक साफ करने के बाद ट्रेन दरभंगा से दिल्ली के रवाना हुई. इस घटना के कारण ट्रेन 35 मिनट की देरी से दिल्ली के लिए प्रस्थान की.
बाल सहायता केंद्र को सौंपी गई नवजात
वहीं, बाल सहायता केंन्द्र की कर्मी मधुलता ने बताया कि बच्ची भगवान की दया से बच गयी. रेल ड्राइवर ने दोनों को बचाने का प्रयास किया. फिर भी महिला चपेट में आ गई. महिला की मौत के बाद बच्ची को राजकीय रेल थाना अध्यक्ष ने बाल सहायता केंन्द्र को सौंपा है.
35 मिनट ट्रेन हुई विलंब
वहीं, दरभंगा स्टेशन मास्टर अशोक कुमार सिंह ने बताया कि बिहार संपर्क क्रांति अपने निर्धारित समय से स्टेशन से खुली. 26 नंबर रेलवे गुमटी म्यूजियम के पास यह घटना हुई है. ड्राइवर ने घटना को रोकने का प्रयास किया. जब तक गाड़ी रुकती तब तक महिला की ट्रेन की चपेट में आकर मौत हो गई. इस कारण परिचालन में 35 मिनट की देरी हुई है. मौके पर पहुंची जीआरपी आरपीएफ ने ट्रैक को खाली कराकर गाड़ी को रवाना किया. वहीं, मृतक महिला की पहचान नहीं हो पाई है. बच्ची को चाइल्ड सोसाइटी के हवाले किया गया है. इस मामले में आगे की प्रक्रिया की जा रही है.