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दरभंगा: टेस्ट ट्यूब बेबी को लेकर सेमिनार का आयोजन, एक्सपर्ट्स ने साझा किए अनुभव - 500 से ज्यादा टेस्ट ट्यूब बेबी का सफलतापूर्वक डिलीवरी

डॉ. रूही यासमीन ने बताया कि आज से 4 साल पहले हम लोगों ने इस रिमोट एरिया में टेस्ट ट्यूब बेबी सेंटर खोला था. इसके बाद आज हम लोगों ने 500 से अधिक टेस्ट ट्यूब बेबी का डिलीवरी कराया है.

टेस्ट ट्यूब बेबी को लेकर पहली बार सेमिनार का आयोजन
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Published : Oct 20, 2019, 10:43 PM IST

दरभंगा: जिले में 500 से ज्यादा टेस्ट ट्यूब बेबी की सफलता के बाद मेट्रो आईवीएफ अस्पताल ने सेमिनार का आयोजन किया. जिसमें देश-विदेश के टेस्ट ट्यूब बेबी एक्सपर्ट डॉक्टरों ने भाग लिया. लोगों के बीच डॉक्टरों ने अपना अनुभव साझा किया.

वहीं आयोजक रूही यासमीन ने कहा कि 4 साल के अंदर दरभंगा जिले में 500 से ज्यादा टेस्ट ट्यूब बेबी का सफलतापूर्वक डिलीवरी कराया गया है. इसके अलावा 1200 से अधिक टेस्ट ट्यूब बेबी प्रोसेस में है.

4 साल पहले टेस्ट ट्यूब बेबी सेंटर खोला
डॉ. रूही यासमीन ने बताया कि आज से 4 साल पहले हम लोगों ने इस रिमोट एरिया में टेस्ट ट्यूब बेबी सेंटर खोला था. खुलने के समय बहुत सारे लोगों ने इसका विरोध भी किया. लेकिन हम लोगों ने इसकी परवाह न करते हुए दिन-रात एक कर इस काम को आगे बढ़ाया. इसके बाद आज हम लोगों ने 500 से अधिक टेस्ट ट्यूब बेबी का डिलीवरी करवाई है.

टेस्ट ट्यूब बेबी को लेकर पहली बार सेमिनार का आयोजन

सरोगेसी के माध्यम से भी होती है डिलीवरी
रूही यास्मीन ने कहा कि इस रिमोट एरिया में बहुत ही कम खर्च में इस काम को पूरा किया है. उन्होंने कहा कि यहां पर रहने वाले लोग काफी गरीब हैं. जिनके पास इतने रुपये नहीं होते कि वे कहीं बाहर जाकर इलाज करवा सकें. गरीब लोगों की गोद में बच्चे को भर देना, इससे ज्यादा खुशी की बात और कुछ नहीं हो सकती है. साथ ही कहा कि यहां पर हम लोगों ने न सिर्फ टेस्ट ट्यूब बेबी बल्कि, सरोगेसी के माध्यम से भी डिलीवरी कराने का काम किया है.

दरभंगा: जिले में 500 से ज्यादा टेस्ट ट्यूब बेबी की सफलता के बाद मेट्रो आईवीएफ अस्पताल ने सेमिनार का आयोजन किया. जिसमें देश-विदेश के टेस्ट ट्यूब बेबी एक्सपर्ट डॉक्टरों ने भाग लिया. लोगों के बीच डॉक्टरों ने अपना अनुभव साझा किया.

वहीं आयोजक रूही यासमीन ने कहा कि 4 साल के अंदर दरभंगा जिले में 500 से ज्यादा टेस्ट ट्यूब बेबी का सफलतापूर्वक डिलीवरी कराया गया है. इसके अलावा 1200 से अधिक टेस्ट ट्यूब बेबी प्रोसेस में है.

4 साल पहले टेस्ट ट्यूब बेबी सेंटर खोला
डॉ. रूही यासमीन ने बताया कि आज से 4 साल पहले हम लोगों ने इस रिमोट एरिया में टेस्ट ट्यूब बेबी सेंटर खोला था. खुलने के समय बहुत सारे लोगों ने इसका विरोध भी किया. लेकिन हम लोगों ने इसकी परवाह न करते हुए दिन-रात एक कर इस काम को आगे बढ़ाया. इसके बाद आज हम लोगों ने 500 से अधिक टेस्ट ट्यूब बेबी का डिलीवरी करवाई है.

टेस्ट ट्यूब बेबी को लेकर पहली बार सेमिनार का आयोजन

सरोगेसी के माध्यम से भी होती है डिलीवरी
रूही यास्मीन ने कहा कि इस रिमोट एरिया में बहुत ही कम खर्च में इस काम को पूरा किया है. उन्होंने कहा कि यहां पर रहने वाले लोग काफी गरीब हैं. जिनके पास इतने रुपये नहीं होते कि वे कहीं बाहर जाकर इलाज करवा सकें. गरीब लोगों की गोद में बच्चे को भर देना, इससे ज्यादा खुशी की बात और कुछ नहीं हो सकती है. साथ ही कहा कि यहां पर हम लोगों ने न सिर्फ टेस्ट ट्यूब बेबी बल्कि, सरोगेसी के माध्यम से भी डिलीवरी कराने का काम किया है.

Intro:जिले में 500 से ज्यादा टेस्ट ट्यूब बच्चे डिलीवरी की सफलता के बाद मेट्रो आईवीएफ अस्पताल द्वारा एक सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसमें देश-विदेश के टेस्ट ट्यूब बेबी एक्सपर्ट डॉक्टरों ने भाग लिया और सेमिनार में पहुंचे डॉक्टरों के बीच उन्होंने अपना अनुभव को साझा किया। वहीं आयोजक रूही यासमीन ने कहा कि 4 साल के अंदर दरभंगा जिले में 500 से ज्यादा टेस्ट ट्यूब बेबी बच्चों का सफलतापूर्वक डिलीवरी कराया गया है। इसके अलावा 12 सौ से अधिक टेस्ट ट्यूब बेबी प्रोसेस में है।


Body:वही डॉ रूही यासमीन ने कहा कि आज से 4 साल पहले हम लोगों ने इस रिमोट एरिया में टेस्ट ट्यूब बेबी सेंटर खोला। खुलने के समय बहुत सारे लोगों ने इसका विरोध भी किया। जिसकी हम लोगों ने परवाह न करते हुए दिन-रात एक करके इसको चलाया और आज हम लोगों ने 500 से अधिक टेस्ट ट्यूब बेबी का डिलीवरी कराया है और 12 सौ से अधिक महिलाएं इस कतार में हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि इस खुशी को सेलिब्रेट करने के लिए हम लोगों ने इस सेमिनार का आयोजन किया है। इस सेमिनार में हम लोगों ने टेस्ट ट्यूब बेबी के जानकार डॉक्टरों को बुलाया है। जिसमें बेंगलुरु पटना सहित पड़ोसी देश नेपाल से भी आए हैं। ये लोग सेमिनार में उपस्थित डॉक्टरों को अपना अनुभव साझा कर रहे हैं।


Conclusion:वहीं रूही यास्मीन ने कहा कि इस रिमोट एरिया में बहुत ही कम दामों में करके हम लोगों ने इसे चैलेंज के रूप में स्वीकार किया है। क्योंकि यहां पर रहने वाले लोग काफी गरीब होते हैं, जिनके पास इतना रुपया नहीं होता है कि वे लोग कहीं बाहर जाकर इलाज करवा सके। साथ ही उन्होंने कहा कि उनकी आंखों में आंसू देख कर खुद आंखों में आंसू आ जाती है। वहो वे लोग जब अपनी आपबीती की कहानी सुनाते हैं, तो हम लोग पूरे अंदर से हिल जाते हैं। उन लोगों की गोदी में बच्चे को भर देना, इससे ज्यादा खुशी की बात और कुछ नहीं हो सकती है। साथ ही उन्होंने कहा कि यहां पर हम लोगों ने सिर्फ टेस्ट ट्यूब बेबी ही नहीं, बल्कि सरोगेसी के माध्यम से भी डिलीवरी कराने का काम किया है।

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डॉ रूही यास्मीन, आयोजक
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