दरभंगा: राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की किताब 'गोपालगंज टू रायसीना : माई पॉलिटिकल जर्नी' में सीएम नीतीश कुमार हुए खुलासों पर बिहार की राजनीति इन दिनों गरम है. विपक्ष उसे सही साबित करने पर तुला है तो सत्तापक्ष उसे झुठलाने पर. इसी कड़ी में समस्तीपुर के सांसद और लोजपा नेता रामचंद्र पासवान ने भी बड़ा बयान दिया है.
रामचंद्र पासवान ने कहा है कि अगर नीतीश कुमार महागठबंधन से अलग होने के छह महीने बाद ही लालू से दोबारा जुड़ने की चाहत रखते थे तो इसका खुलासा उस समय क्यों नहीं हुआ. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि कौन जाने नीतीश दोबारा महागठबंधन में शामिल होने जा रहे थे कि उसे तोड़ने.
बता दें कि इस किताब में यह दावा किया गया है कि नीतीश कुमार ने प्रशांत किशोर को लालू के पास भेज कर दोबारा महागठबंधन में शामिल होने का संदेश भेजवाया था. किताब के अनुसार पीके पांच बार लालू से मिले थे, लेकिन लालू ने प्रस्ताव खारिज़ कर दिया था.