दरभंगा: ललित नारायण मिथिला विवि के पूर्व कुलपति प्रो. सुरेंद्र कुमार सिंह के खिलाफ राजभवन ने वित्तीय अनियमितता और नियुक्तियों में गड़बड़ी की शिकायतों की जांच शुरू कर दी है. शुक्रवार को राजभवन के संयुक्त सचिव राजकुमार सिन्हा के नेतृत्व में 3 सदस्यीय जांच कमेटी ने दरभंगा पहुंच कर मामले की जांच शुरू की. कमेटी की सदस्य में राजभवन के विशेष कार्य पदाधिकारी संजय कुमार और महावीर प्रसाद शर्मा शामिल थे.
पूर्व कुलपति के खिलाफ अनियमितताओं की शिकायत विवि के 6 सिंडिकेट सदस्यों ने की थी. इसमें दरभंगा नगर विधायक संजय सरावगी भी शामिल हैं. शिकायतकर्ता सिंडिकेट सदस्य सुजीत पासवान ने बताया कि पूर्व कुलपति के खिलाफ डिस्टेंस एजुकेशन में स्कूल गुरु नामक एजेंसी के साथ बिना सिंडिकेट-सीनेट की मंजूरी लिए करार करने और उसमें उप रजिस्ट्रार के रूप में संविदा पर बहाल की कर्मी की नियुक्ति को लेकर शिकायत की गई थी. साथ ही कई वित्तीय अनियमितताओं की शिकायत सिंडिकेट सदस्यों ने की थी. अब इन मामलों की जांच शुरू हुई है. तो उन्हें उम्मीद है कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी.
विवि को करना पड़ा था करोड़ों का भुगतान
बता दें कि प्रो. सुरेंद्र कुमार सिंह 22 मार्च 2017 से 21 मार्च 2020 तक ललित नारायण मिथिला विवि के कुलपति रहे थे. वे फिलहाल बनारस हिंदू विवि, वाराणसी में शिक्षक हैं. उनके कार्यकाल में गड़बड़ियों के खिलाफ कर्मचारियों से लेकर छात्रों तक ने जबर्दस्त आंदोलन किया था. सबसे विवादित मुद्दा रहा निजी एजेंसी स्कूल गुरु को दूर शिक्षा निदेशालय में नामांकन लेने, फीस वसूलने और शैक्षिक सामग्री वितरण का अधिकार देने का था. ये बिहार में ऐसा पहला मामला था, जिसमें छात्रों और सिंडिकेट-सीनेट सदस्यों के दबाव में ये करार 2019 में रद्द तो हुआ. लेकिन तब तक विवि इस एजेंसी को करोड़ों का भुगतान कर चुका था.