दरभंगा: 30 अक्टूबर को कुशेश्वरस्थान विधानसभा क्षेत्र (Kusheshwar Asthan Assembly Constituency) में उपचुनाव (By Election in Bihar) होना है. इसको लेकर सभी पार्टियां जोर-आजमाइश में लगी हैं. धुआंधार प्रचार चल रहा है. राज्य और राष्ट्रीय स्तर के नेता लगातार क्षेत्र में कैंप कर रहे हैं.
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कुशेश्वरस्थान विधानसभा क्षेत्र बाढ़, बेकारी और पलायन का दंश वर्षों से झेल रहा है. यह इलाका दरभंगा, सहरसा, खगड़िया और समस्तीपुर जिलों की सीमा पर बसा है. निचला इलाका होने की वजह से हर साल पानी आकर यहां जमा होता है. साल के 6 महीने यहां के लोग जल कैदी बनकर रह जाते हैं. चुनाव जीतने के लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेता जनता से बाढ़ से मुक्ति, रोजगार देने और पलायन रोकने के वादे तो खूब करते हैं, लेकिन चुनाव जीतने के बाद सभी वादे हवा-हवाई हो जाते हैं और जनता ठगी रह जाती है.
विधानसभा उपचुनाव को लेकर ईटीवी भारत के संवाददाता विजय कुमार श्रीवास्तव ने कुशेश्वरस्थान विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं से उनके मुद्दों पर बात की. लोगों ने कहा कि कुशेश्वरस्थान की बाढ़, बेरोजगारी और पलायन की समस्या को रोकने के लिए जन प्रतिनिधि गंभीर कोशिश नहीं करते हैं. हर चुनाव में नेता वादे करते हैं और जीतने के बाद भूल जाते हैं. जनता को उसके हाल पर छोड़ कर चले जाते हैं.
कुछ लोगों ने कहा कि यहां के दिवंगत विधायक शशिभूषण हजारी ने विकास की कुछ कोशिश तो की थी, लेकिन बड़े मुद्दे पर वे भी काम नहीं कर पाए. कई लोगों ने कहा कि कुशेश्वरस्थान को नगर पंचायत का दर्जा दे दिया गया है. इससे बिजली बिल समेत टैक्स में वृद्धि हुई है. यहां की गरीब जनता गांव में रहती है और नगर पंचायत की सुविधा भी नहीं मिलती है, फिर इतना टैक्स कहां से देगी. कुछ मतदाताओं ने कहा कि अगर यहां कोई फैक्ट्री लग जाए तो लोगों को रोजगार मिलेगा और पलायन में कमी आएगी. सरकार को इस दिशा में पहल करनी चाहिए.
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